झारखण्ड की आकर्षक टूरिज्म नीति के तहत राज्य में टूरिज्म डेवलपमेंट का कार्य तेजी से हो, इसपर झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा निजी कंपनियों को सहभागी बनाये जाने की बात कही गई। चैंबर भवन में संपन्न हुई बैठक में कहा गया कि हमारे राज्य की खूबसूरती ही है कि प्रदेश में प्रवासी पक्षियों का आवागमन होता है। नेतरहाट और अन्य स्थलों पर बर्ड सेंचुरी डेवलप किया जाना चाहिए। यह भी कहा गया कि जोन्हा समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर सरकार ने गेस्ट हाउस बनाया है, अन्य स्थलों पर भी प्राइवेट इटरप्रिन्योर के लिए विंडो खोलना चाहिए ताकि स्थानीय उद्यमी भी टूरिज्म डेवलपमेंट में अपना योगदान दे सकें।
नेतरहाट जिसे क्वीन ऑफ छोटानागपुर भी कहा जाता है वह अन्टच्ड एरिया है। जबकि नेतरहाट एक ऐसी ब्यूटी है जिसे लोग दूर दूर से देखने आते हैं। इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग को योजना बनाकर प्राइवेट एंटरप्रिन्योर को सहभागी बनाने की पहल होनी चाहिए ताकि अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में यह क्षेत्र शामिल हो सके। महासचिव परेश गट्टानी ने कहा कि सारंडा फॉरेस्ट में प्राइवेट एन्टरप्रिन्योर के लिए विंडो खोला जाना चाहिए ताकि वहां होटल, रिसॉर्ट बन सकें। खामोशी में डूबे इस जंगल में हरियाली और खूबसूरती का बेजोड मेल देखने को मिलता है, यहां कई फॉल्स हैं जहां सैलानियों के ठहरने की उपयुक्त व्यवस्था होने से सरकार के राजस्व में वृद्धि के साथ ही स्थानीय स्तर पर रोजगार का भी सृजन संभव है। सह सचिव अमित शर्मा और शैलेष अग्रवाल ने संयुक्त रूप से कहा कि पारसनाथ और ईटखोरी क्षेत्र में टेम्पल टूरिज्म को बढावा देने की पहल होनी चाहिए। चतरा में प्रत्येक वर्ष मनाये जानेवाले ईटखोरी महोत्सव को और वृहद् रूप देना चाहिए ताकि देश-विदेश के सैलानी आकर्षित हो सकें।
चर्चाओं के क्रम में यह निर्णय लिया गया कि राज्य के टूरिज्म डेवलपमेंट के मुद्दे पर झारखण्ड चैंबर द्वारा विभागीय उच्चाधिकारियों से मिलकर वार्ता की जायेगी। आज की बैठक में चैंबर उपाध्यक्ष राहुल साबू, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव शैलेष अग्रवाल और सदस्य संतोष अग्रवाल उपस्थित थे।
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