राची, झारखण्ड | दिसम्बर | 21, 2023 ::
झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सराहनीय प्रयास, झारखंड में पहली बार बाढ़ से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने किया मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल में बाढ़ में फँसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए सभी संबंधित विभागों से समन्वय को बनाया गया सुदृढ़
राँची के धुर्वा डैम सहित एक साथ झारखंड के सभी 24 ज़िलों में किया गया मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल से पहले की सभी तैयारियों की गई पुख़्ता
मॉक ड्रिल में झारखंड के सभी विभागों ने आपसी समन्वय से की अपनी सहभागिता
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के प्रतिनिधि ब्रिगेडियर श्री बीरेन्द्र ठाकर के मार्गदर्शन में किया गया मॉक ड्रिल
झारखंड में यदि बाढ़ की स्थिति बनती है और बाढ़ में लोग फँस जाते हैं, तो उन्हें कैसे रेस्क्यू किया जाये, इसे लेकर गुरुवार को राँची के धुर्वा डैम सहित राज्य के सभी 24 ज़िलों में एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
मॉक ड्रिल के माध्यम से बाढ़ में फ़से लोगों को रेस्क्यू कर उन तक रिलीफ पहुंचाने, चिकित्सीय सुविधा पहुंचाने सभी विभाग कैसे आपस में समन्वय बना कर राहत एवं बचाव कार्य करें, इसी को लेकर धुर्वा डैम में मॉक ड्रिल किया गया।
मॉक ड्रिल राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार के ब्रिगेडियर श्री बीरेन्द्र ठाकर के मार्गदर्शन में किया गया।इस अवसर पर ब्रिगेडियर श्री बीरेन्द्र ठाकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी विभाग आपदा के पूर्व एवं आपदा के समय अपनी तैयारी को पुख़्ता रखने का है, ताकि जान माल को कम से कम नुकसान हो और किसी भी आपदा के लिए हमारी तैयारी पूरी हो।
अभ्यास से ही निपुणता आती है, इसलिए अभ्यास करते रहना जरूरी
आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव श्री राकेश कुमार ने कहा कि मॉक ड्रिल का मक़सद है किसी भी आपदा के दौरान सभी विभागों को मिलकर कैसे काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान बचाव, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे को बहाल करना हमारा मुख्य उद्देश्य है।जान और माल का कम से कम नुक्सान हो, जीरो कैजुअल्टी हो। एक मान्यता है कि आप जितना शांत समय में आप पसीना बहाते हैं, आपदा के दिनों में उतना कम नुक्सान होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हम ये मॉक ड्रिल कर रहे हैं। कहा, अभ्यास से ही निपुणता आती है, इसलिए अभ्यास करते रहना जरूरी है।
बाढ़ में फँसे लोगों को किस तरह रेस्क्यू किया जाये, इसका मॉक ड्रिल किया गया। एनडीआरएफ़ की टीम द्वारा बाढ़ के सिचुएशन को दर्शाया गया और उसमें फँसे लोगों को विभिन्न तरीक़ों द्वारा कैसे बजाया जाएगा इसका एक लाइव डेमो कर बताया गया।रेस्क्यू के दो तरीक़ों ड्राई रेस्क्यू और वेट रेस्क्यू की जानकारी दी गई कि कैसे इन दोनों रेस्क्यू के माध्यम से बाढ़ में फँसे लोगों को बचाया जा सकेगा साथ ही चिकित्सा दल द्वारा एक डेमो बताया गया किरेस्क्यू किए गए लोगों तक किस प्रकार चिकित्सा सुविधा पहुँचायी जाये।
* मॉक ड्रिल में इन विभागों ने लिया हिस्सा
मॉक ड्रिल में 5 टीम एनडीआरएफ की,1 टीम एसडीआरएफ की,बिजली विभाग, बीएसएनएल, मेडिकल टीम, नगर निगम, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, पेयजल विभाग, ज़िला प्रशासन के पदाधिकारी और अग्निशामक दल ने भाग लिया।
मॉक ड्रिल के अवसर पर सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी सहित आसपास के लोग उपस्थित थे।
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