Saturday 30 December 2023

योगानन्दजी के जन्मोत्सव पर हिन्दी मेंयोगदा सत्संग आत्म-साक्षात्कार पाठमालाके नए संस्करण का विमोचन 5 जनवरी, 2024 को

राची, झारखण्ड  | दिसम्बर  | 30, 2023 :: 
श्री श्री परमहंस योगानन्द (अत्यन्त लोकप्रिय आध्यात्मिक गौरव ग्रन्थ, योगी कथामृत, के लेखक) के 131वें आविर्भाव दिवस के पावन अवसर पर उनकी संस्था, योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस), द्वारा योगदा सत्संग आत्म-साक्षात्कार पाठमाला के नए संस्करण के हिन्दी अनुवाद का विमोचन किया जाएगा।
विमोचन से पहले, इस संदर्भ में प्रेस को eŵŵŵŵwßà
“परमहंस योगानन्द प्रायः क्रियायोग मार्ग, जिसमें ध्यान की वैज्ञानिक प्रविधियाँ सम्मिलित हैं, को ‘ईश्वर तक ले जाने वाला राजमार्ग’ कहा करते थे। उनकी शिक्षाएँ मुद्रित योगदा सत्संग पाठमाला  के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती हैं — और अब हिंदी में उपलब्ध इन पाठों द्वारा भारत में जन साधारण को अपनी मातृभाषा में ध्यान करना सीख पाने मे सुविधा होगी,” स्वामीजी ने बताया।  
स्वामी ईश्वरानन्दजी ने क्रियायोग ध्यान के पवित्र विज्ञान को सीखने में रुचि रखने वाले नवागन्तुकों को योगदा सत्संग पाठमाला के लिए yssi.org/Lessons-Hindi पर पंजीकरण कराने के लिए आमन्त्रित करते हुए कहा, “जीवन में हमारी विभिन्न उपलब्धियों के होते हुए भी प्रायः रिक्तता अथवा उद्देश्यहीनता की भावना बनी ही रहती है। ये क्रियायोग ध्यान की शिक्षाएँ उस शून्य को भरने — हमारे भीतर विद्यमान आत्मा की समस्त शान्ति एवं आनन्द को प्रकट करने — के लिए हमें आवश्यक साधन प्रदान करती हैं।” 

योगदा सत्संग पाठमाला  के विषय में
“योगदा सत्संग पाठमाला का नया संस्करण योगानन्दजी के गृह-अध्ययन कार्यक्रम का एक अत्यन्त परिष्कृत और विस्तारित स्वरूप है। मूल शृंखला में 18 विस्तृत पाठ हैं, जो साधकों को डाक द्वारा प्रेषित किए जाते हैं — नौ महीने की अवधि में, प्रत्येक दो सप्ताह में एक पाठ के दर पर। इस नए संस्करण में योगदा सत्संग ध्यान प्रविधियों और साधना से सम्बन्धित परमहंसजी के लेखों और कक्षाओं से ली गई पहले अप्रकाशित अनमोल सामग्री सम्मिलित है।”
“पाठमाला के नए संस्करण को इस प्रकार से पुनर्गठित किया गया है कि नए साधक आठ महीने के अध्ययन के पश्चात् क्रियायोग के लिए आवेदन करने के योग्य हो सकेंगे।”
“पहले पाठ से ही, आपको निश्चित पद्धतियाँ प्राप्त होंगीं जिनके अभ्यास से आप शीघ्र ही ध्यान के लाभों का अनुभव कर सकेंगे। गहन ध्यान के लिए एक ठोस आधार का निर्माण करते हुए आप क्रियायोग के व्यापक आध्यात्मिक विज्ञान में आवश्यक पहले चरण के रूप में परमहंस योगानन्द द्वारा सिखाई गई तीन शक्तिशाली प्रविधियों को सीखते हैं।”
“नई पाठमाला शृंखला में नामांकन के पश्चात् आप एक डिजिटल ऐप — एसआरएफ़/वाईएसएस ऐप — के माध्यम से प्रत्येक पाठ को डिजिटल रूप में अपने मोबाईल फोन या कंप्युटर पर भी पढ़ सकेंगे। प्रत्येक पाठ के साथ डिजिटल प्रारूप में अनुपूरक ऑडियो और वीडियो सामग्री भी उपलब्ध है। इस एप्प पर निर्देशित ध्यान-सत्रों के वीडियो भी उपलब्ध हैं।  
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समाज-सेवा में योगदा सत्संग की भूमिका पर स्वामीजी ने बताया :
कोरोनाकाल में योगदा सत्संग के संन्यासियों ने रांची के आसपास बड़ी संख्या में योगदा भक्तों के साथ मिलकर उन निर्धनों व उपेक्षितों तक भोजन पहुंचाएं, जहां कोई पहुंच नहीं रहा था। बड़ी संख्या में उन्हें चावल, दाल, सब्जियां, तेल-मसाले आदि पहुंचाये गये, ताकि उनके घरों में भी उस विपरीत परिस्थितियों में भी चूल्हें जल सकें। कुछ निजी/सरकारी संस्थानों को मेडिकल सुविधाएं भी उस दौरान योगदा आश्रम द्वारा उपलब्ध कराई गईं। 
योगदा सत्संग सोसाइटी रांची में ही योगदा सत्संग अस्पताल चलाती है। जहां इस वर्ष अब तक ओपीडी में 23,297 रोगियों ने स्वास्थ्य लाभ लिये। 12,720 नेत्र रोगियों ने ओपीडी में नेत्र संबंधी स्वास्थ्य लाभ लिये। 1430 नेत्र-रोगियों के ऑपरेशन भी किये गये। इस अस्पताल मे रोगियों को निःशुल्क दवाएं और pathology जांच की सुविधा भी प्राप्त है। 
कई सुदूरवर्ती इलाकों में जहां कोई पहुंच भी नहीं पाता, वहां भी यह संस्था अपनी मेडिकल टीम के साथ पहुंचकर, वहां के वंचितों/निर्धनों के बीच उनकी निःशुल्क स्वास्थ्य जांच उपलब्ध कराकर, उनके बीच निःशुल्क दवाएं भी वितरित करती हैं। राँची जिले के अनगड़ा ब्लॉक के कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर में योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ़ इण्डिया (वाईएसएस) ने बाल चिकित्सा उच्च निर्भरता इकाई (पीएचडीयू) को स्थापित किया। 
योगदा सत्संग सोसाइटी मैट्रिक व उच्चस्तरीय शिक्षा प्राप्त करनेवाले मेधावी और अभावग्रस्त छात्रों के बीच प्रत्येक वर्ष छात्रवृत्ति भी प्रदान करती है। वाइएसएस ने योगदा सत्संग विद्यालय के लिए एक नए भवन परिसर तथा एक बड़े बहुउद्देशीय सभागार एवं कक्ष का निर्माण किया गया। इस निर्माण की कुल लागत ₹22 करोड़ थी जिसमे हमें भारत सरकार से ₹8 करोड़ की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में प्राप्त हुई थी। 
योगदा सत्संग विद्यालय का नया भवन परिसर परमहंस योगानन्दजी द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत जैसे कि प्रकृति के निकट रहते हुए अध्ययन करने के विचार को ध्यान में रखते हुए प्राचीन गुरुकुल के आधार पर तैयार किया गया है। योगदा सत्संग के पूरे भारत मे लड़को व लड़कियों के लिए 17 शिक्षण संस्थाने है। 
2024 में योगदा भक्तों की सुविधा के लिये 17 साधना संगम आयोजित होंगे, जिसमें रांची में आठ, नोएडा में चार, दक्षिणेश्वर में तीन और महाराष्ट्र के इगतपुरी में दो होंगे। साधना संगम साधकों के आध्यात्मिक मार्ग को गति प्रदान करने तथा प्रविधियों की शुद्धता हेतु की जाती हैं। देश में योग के प्रसार तथा सुदृढ़ आध्यात्मिक वातावरण हेतु विभिन्न क्षेत्रों में 20 एक दिवसीय कार्यक्रम, 13 तीन दिवसीय कार्यक्रम, 5 दो दिवसीय कार्यक्रम तथा 3 रिट्रिट का आयोजन होगा। योगदा सत्संग मठ की ओर से, बच्चों में बाल्यकाल से ही आध्यात्मिक अभिरुचि जागृत करने, मानवीय मूल्यों से युक्त करने, देश के प्रति सच्ची निष्ठा के साथ सुयोग्य नागरिक के निर्माण करने हेतु प्रत्येक रविवार को अलग से सत्संग एवं समर कैंप की व्यवस्था की जाती है।

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