Sunday, 10 December 2023

सरकारी ग्रांट मिलनेवाली किसी भी संस्था को सरकारी संस्था नहीं कह सकते - सीए (डॉ) गिरीश आहूजा

राची, झारखण्ड  | दिसम्बर  | 10, 2023 :: 
दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली की सी पी इ कमिटी के द्वारा होटल रैडिसन ब्लू, रांची में कोड ऑफ़ एथिक्स , टैक्सेशन ऑन ट्रस्ट्स और साइबर सिक्योरिटी पर आयोजित एक दिवसीय सेमिनार में टैक्सेशन ऑन ट्रस्ट पर बोलते हुए देश के प्रख्यात प्रत्यक्ष कर विशेषज्ञ सीए (डॉ) गिरीश आहूजा ने कहा हर वह संस्था सरकारी संस्था नहीं है जिसको सरकार के द्वारा ग्रांट दिया जाता है सरकारी संस्था होने के लिए उस संस्था का बजट देश केर संसद या राज्यों के विधायिका में प्रस्तुत होना आवश्यक है।  उन्होंने बताया की हर संस्था को कार्पस फण्ड के लिए अलग से बैंक अकाउंट रखना चाहिए ताकि उस अकाउंट के आय-व्यय की पूर्ण व्योरा सरकार प्रदर्शित पूर्वक दिया जा सके।  साथ ही उन्होंने बताया की कार्पस डोनेशन होने के लिए यह आवश्यक है की डोनर संस्था को अपने हस्ताक्षर के साथ यह लिखित में दे की वह किस चीज के लिए यह डोनेशन दे रहा है।  उन्होंने लगभग 400 उपस्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से आग्रह करते हुए कहा की चैरिटेबल ट्रस्ट से सम्बंधित अपने ऑडिट रिपोर्ट पर पूरी संतुष्टि के बाद ही अपना हस्ताक्षर करें।  उन्होंने बताया कि सीबीडीटी अधिसूचना संख्या 07/2023 के माध्यम से, ट्रस्ट ऑडिट रिपोर्ट के प्रारूप में भारी बदलाव किया। उन्होंने ट्रस्ट्स से सम्बंधित महत्वपूर्ण कराधान के अनुच्छेदों का विस्तार से विवेचना करते हुए बहुत से उपयोगी केस लॉ कि जानकारी दिया।

इस सेमिनार में कोड ऑफ़ एथिक्स फॉर सीए विषय पर दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया के द्वारा अपने सदस्यों के लिए तय किये गए मानक का विस्तार से जानकारी देते हुए इंस्टिट्यूट के सेंट्रल कौंसिल सदस्य सीए ज्ञान चंद्र मिश्रा ने कहा कि सीए इंस्टिट्यूट देश की पहली संस्था है जिसने सबसे पहले अपने सदस्य (चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ) के लिए कोड ऑफ़ एथिक्स कि रचना किया है उन्होंने बताया की इंस्टिट्यूट आज किसी भी तरह की कोड ऑफ़ एथिक्स से सम्बंधित मामला चाहे वह देश के नागरिकों के द्वारा इंस्टिट्यूट में भेजा जाता हो तुरंत जाँच कराती है और यदि सदस्य यह साबित होता है की सदस्य ने कोड ऑफ़ एथिक्स की अवहेलना किया है तो उसे दण्डित किया जाता है।

इस सेमिनार में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स और उनके फर्म से जुड़े साइबर सिक्योरिटीज पर बोलते हुए कोलकाता के विशेषज्ञ सीए भारत डी सरावगी ने कहा है हम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का हर कार्य लगभग आई टी से जुड़ा हुआ है हमारी सारी डाटा आज के समय में डिजिटली तैयार होती है और सरक्षित किया जाता है। आई टी के उपयोग ने हमारी कार्यों को आसान बना दिया है लेकिन इसमें साइबर आक्रमण, डेटा चोरी जैसे  काफी सारे जोखिमो का सामना भी हमें आये दिन करना पड़ रहा  हैं। इस समय में, जब तकनीकी उन्नति बढ़ रही है, सीए फर्मों को सुरक्षित रहने के लिए साइबर सुरक्षा से सम्बंधित कुछ प्रमुख उपायों को विस्तार से बताया साथ ही जब कभी कोई इसका शिकार बने तो इसके लिए कानून के द्वारा जो संरक्षण दिया गया है के सम्बन्ध में विस्तार से बताया।

इस सेमिनार के आरम्भ में अपने स्वागत भाषण में इंस्टिट्यूट के रांची शाखा के अध्यक्ष सीए पंकज मक्क्ड़ ने  सबका स्वागत करते हुए कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से   ट्रस्ट के कराधान से  संबंधित मुद्दों, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए मान्य कोड ऑफ़ एथिक्स और साइबर सिक्योरिटीज  से जुड़े विषयों पर विशेषज्ञों की राय, अनुभव साझा करने और नवीनतम नियमों और कानूनी बदलावों के संदर्भ जानकारी हम चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगी।

इस सेमिनार का सञ्चालन सीए रोहन विजयवर्गीय ने किया।  रांची शाखा के सचिव सीए निशांत मोदी ने समापन सत्र में सभी उपस्थित व्यक्तियों का ह्रदय से आभार व्यक्त करते हैं और आप सभी से यह आशा करते हैं कि आप इस सेमिनार से प्राप्त ज्ञान और अनुभव का सही उपयोग करके अपने क्षेत्र में नए ऊँचाइयों की प्राप्ति करेंगे।

इस सेमिनार के आयोजन में रांची शाखा के उपाध्यक्षा सीए श्रद्धा बगला, सी पी इ कमिटी के अध्यक्ष सीए उमेश प्रसाद, कार्यकारिणी सदस्य सीए हरेन्दर भारती, सीए अभिषेक केडिया और सीए प्रभात कुमार का महत्वपूर्ण योगदान था।


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