राची, झारखण्ड | दिसम्बर | 10, 2023 ::
प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का जन्म दिवस समारोह पिताश्री ब्रह्मा बाबा के 147वें जन्म दिवस के शुभ अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बगान, हरित भवन के सामने हरमू रोड, रॉची आज जन्म दिवस समारोह आयोजित किया गया।
समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि किशोर मंत्री, अध्यक्ष झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने प्रजापिता ब्रह्मा बाबा के जन्म दिवस पर दीप प्रज्वलित कर तथा केक काटकर अपने सम्बोधन में कि ब्रह्मा बाबा एक ऐसे विश्व व्यापी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक थे जिसके द्वारा सम्पूर्ण विश्व में आध्यात्मिक क्रांति आ रही है तथा नव सष्टि की रचना हो रही है।
आदित्य मल्होत्रा उपाध्यक्ष, झारखंड चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा की इस अंधकारमय विनाशकालीन परिस्थिति में स्वयं परमात्मा ने ब्रह्मा बाबा को आदर्श युगपुरूष बनाया।
बिजय खोवाल, समाज़ सेवी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यदि मानव उनके समान बनने का लक्ष्य जीवन में धारण करे तो सहज ही विश्व का अंधकार तथा स्वयं के जीवन का अंधकार समाप्त हो जाये। दिग्भरमित आत्माओं को सही दिखाने वाले पिता श्री ब्रह्मा हमारे लिए आशा के प्रकाश पुंज है। है।
कार्यक्रम में उपस्थित डा० अरूण कुमार बैज्ञानिक ने कहा ब्रह्मा बाबा ने स्वर्णिम युग की स्थापना के लिए मातृशक्ति का जोरदार आवाहन किया। मात् शक्तियों की इस पूर्ण सक्रियता से स्वर्णिम युग शीघ्र ही इस धरती पर सभी के लिए आयेगा। सुधीर तिवारी अधिवक्ता ने कहा कि एकरस गहन योग तपस्या करने के कारण ब्रह्मा बाबा आध्यात्मिक शकिति का एक सोत बन गये थे। इसलिए आज भी उनकी शिक्षाओं से हर एक को अपने मनोविकारों पर बिजय प्राप्त कर उन्हीं के समान दिव्य बनने की प्रेरणा मिलती है।
केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा विश्व इतिहास का एक उज्वल पक्ष मानव दृष्टि से ओझल रहा जब विगत सदी के वर्ष 1937 में असाधारण व्यक्तत्व वाले प्रजापिता ब्रह्मा को विश्व पिता शिव ने माध्यम बनाकर स्वर्णिम युग का सुत्रपात किया। एक ऐसी बेहतर विश्व व्यवस्था की बुनियाद रखी जहाँ समानता, स्वतंत्रता, शिक्षा स्वास्थ्य व समद्धि होगी। अपने आदि में स्वर्णिंम रहे इस विश्व में पॉँच विकारों के कारण नैतिकता का हास हुआ है। अभी प्रजापिता ब्रह्मा की लाखों मानस संतानों ने संपूर्ण ब्रहचर्य के दढ़वती बन इस विशाक्त विश्व वायुमंडल को परिवर्तन करने का बीड़ा उठाया है। उनके द्वारा स्थापित ब्रह्माकुमारी संस्थान विशाल वट वृक्ष बन शांति के महामंत्र की छ्वज पताका पॉचों महाद्नीपों में फहरा रहा है व आध्यात्मिकता की शक्ति से स्वर्णिम युग ला रहा है। यह शक्त कोई जादू, भक्ति या चमत्कार का परिणाम नहीं है बल्कि ज्यो्तिबिन्दु परमात्मा से बुद्धियोग स्थापित करने से प्राप्त आध्यात्मिक शक्ति है जिसे राजयोग कहते हैं। राजयोग से स्थापित स्वर्णिम युग की योगज संताने दैवी गुणों से संपन्न होगीं। अतः पिताश्री ब्रह्मा द्वारा 'पवित्र बनो, राजयोगी बनो' का संकल्प विश्व के सामने रखा गया है। पिताश्री ब्रह्मा बाबा ने मानवाधिकार की रक्षा में अपना श्रेष्ठ योगदान दिया
कार्यक्रम में गणमान्य ्यक्तियों में दिनेश मिश्रा समाजसेवी, निशू राय, पंडित देव प्रसाद पांडेय, पंडित घनश्याम, शिव कुमार गुप्ता आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में गाईडेड मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया तथा कार्यक्रम में कलाकारों के द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। ज्ञातब्य हो कि ईश्वरीय विश्व विद्यालय ब्रह्माकुमारी केन्द्र चौधरी बगान, हरित भवन के सामने हरमू रोड, रॉची में ज्ञान-योग सत्र प्रति दिन उपलब्ध है। मानवता की सेवा में ब्रह्माकुमारी निर्मला) केन्द्र प्रशासिका
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