गुरुद्वारा गुरुनानक सतिसंग सभा के हुजूरी रागी भाई महिपाल सिंह द्वारा कीर्त्तन गायन कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
" कौन जाने गुण तेरे ऊच आपार बेअंत स्वामी",
बीबी हरप्रीत कौर एवं सोनिया घीगंरा ने शब्द गायन किया
"इक तिल नहीं बिसरे जप जप नानक जीवते" बीबी परमजीत कौर ने शब्द प्रस्तुत किया ।
जसबीर सिंह ने विचार व्यक किये।
कुलदीप सिंह ने गुरुजी की जीवनी पर प्रकाश डाला।
गुरुनानक होम के बच्चों ने कीर्तन गायन किय।
सतिगुर नानक प्रगिटया मिटी धुंध जग
चानण हुआ।
भाई उदय सिंह ने गुरुवाणी गायन किया। कोई बोले राम राम कोई खुदाए ।
गुरुद्वारा मेन रोड के हुजूरी रागी भाई भरपूर सिंह ने सुरीली आवाज में भाई गुरदास द्वारा रचित वाणी का गायन कर संगत को मंत्र मुग्ध कर दिया।
" ईक बाबा अकाल रुप दूजा रबाबी मरदाना " ।
कार्यकम का संचालन करते हुए डा० हरमिन्दर बीर सिंह ने कहा कि गुरुनानक देव जी ने संसार में रहते हुए निर्मल जीवन की मिशाल पेश की एवं गृहस्थजीवन में रहते हुए मानवता का कल्याण किया
गुरुनानक होम की ओर से जसबीर सिंह, कुलदीप सिंह , डा० हरमिन्दर बीर सिंह, डा० सुरेश्वर पाण्डेय, डा० ए के पाण्डेय एवं श्रीमती हेसल डेविस को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर ट्रस्ट चेयरमेन जोगिन्दर सिंह, सचिव मेजर मुरुदयाल सिंह, गुरुद्वारा अध्यक्ष गुरमीत सिंह, सचिव गगनदीप सिंह सेठी, कुलतार सिंह, परमजीत सिंह टिन्कू, चरणजीत सिंह वासु, जसबीर सिंह खुराना, कृपाल सिंह, मलकीयत सिंह, जयदीप सिंह चड्ढा, गुरजीत सिंह छतवाल, हरजीत सिंह होड़ा, रमनप्रीत सिंह, भूपेन्द्र सिंह, गुरदीप सिंह सलूजा, प्रदीप सिंह उपस्थित थे
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