* श्री रामकथा विराम दिवस*
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कथावाचक:- महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती जी महाराज
*षहनुमत वैदिक पूजन के प्रतिदिन के यजमान राकेश भास्कर ने सपत्नी पूजन किया।
आज की कथा के यजमान ने ब्यास पूजन,माल्यार्पण,चंदन वंदन किया।
मेन रोड संकट मोचन के संत त्यागी बाबा ने गुरु जी को माल्यापन किया।
* दुश्मन की निंदा ना करे क्या पता कब उसे दोस्त बनाना पड़ जाय - महामंडलेश्वर
* गुणी ब्यक्ति से कभी बैर ना करे- महामंडलेश्वर
* जो आपकी प्रशंसा करते है उनसे भी रहे सतर्क- महामंडलेश्वर
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हरिद्वार धाम से पधारे श्री श्री 1008 जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉक्टर उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में अयोध्या में श्री राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर झारखंड की राजधानी रांची के हरमू मैदान में श्री राम कथा का यह आयोजन किया जा रहा है।
हम सभी लोगों के लिए परम सौभाग्य की बात है की श्री मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के पावन कथा के श्रवण की अमृत वर्षा का लाभ परम पूज्य स्वामी डॉ उमाकांतनंद सरस्वती जी महाराज के मुखारविंद से प्राप्त हुआ।
कथा भगवान की सुनाते हैं वनवास के समय भगवान सीता जी के केश में लगाने के लिए अपने हाथ से सुंदर पुष्प की माला बना रहे थे।
देवराज के पुत्र जयंत व नारद जी के वृतांत पर चर्चा कर कथा के मर्मज्ञ को समझाया।
मनुष्य के वंशज पर चर्चा कर बताया संत का ह्रदय कोमल होता है।दुनिया मे कोई साथ दे ना दे लेकिन संत आपका साथ देगे क्योकि संत का हृदय नवनीत के समान होता है दुसरो के दुखों से दुखी ही संत होते है।संत के लिए जगत में कोई पराया नही।राम लखन के कई प्रसंगों पर चर्चा कर माया, वैराज्ञय, ज्ञान पर चर्चा कर कथा के समापन दिवस पर भगवान के गुणगान ओर कल्याणकारी प्रसंगों को श्रोताओ को सुना आप्लावित किया।
उन्होंने कहा कि अपने दुश्मन की भी निंदा ना करे क्या पता कब उसे दोस्त बनाना पड़ जाय।दुश्मन की निंदा से बचे एवम जो आपकी खूब प्रसंशा करे उनसे भी सतर्क रहें और गुणी ब्यक्ति से बैर ना करे कब उनकी आपको जरूरत पड़ जाय। धर्म को परिभाषित कर बताया अपने लिए कठोरता एवम दुसरो के लिए उदारता यही धर्म है।
सबरी भगवान के इंतजार में है कब आएंगे भगवान।
ह्रदय के दर्पण को साफ करके रखे भगवान कभी भी आ सकते है।
भक्ति से मिलेंगे भगवान
भगवान की नजर में कोई जात पात नही।पहली भक्ति सत्संग है। अहंकार का त्याग कर गुरु भक्ति करे ।कपट छोड़ भगवान के गुणों ओर मंत्रो का जाप करे। भगवान कहते है मुझसे भी ज्यादा संतो को मानने वाले को भक्ति कहते है।जो है उसमें संतोष करे ।
जो सबसे सहज ओर सरल हो, छलहीन हो ब्यक्ति इन चीजों में जो भी गुण आपके पास होंगे भगवान आपको मिलेंगे।
रावण माँ सीता को हरण कर ले जा रहा है।
भगवान सीता जी को खोजने जंगल मे निकल पड़ते है। भगवान ब्याकुल , चिंतित है सीता जी को पुकार पुकार कर भगवान सोच रहे किस तरह बिना सीता के लौटेंगे।
क्योकि सीता मैया के लिए खूब प्रेम था।प्रेम ऐसा की भगवान ने समुद्र पार करने के लिए पुल बना दिया हार नही मानी भगवान ने।
जटायु के जख्मी शरीर को गोद मे रखकर भगवान ने उसे मुक्ति व गति दी। महामंडलेश्वर जी कहते है नादान है ऐसे लोग जो भगवान के दर्शन का विरोध कर रहे है उनको कही भी जगह नही मिलेगी।हनुमान जी मिले राम जी को सुग्रीव के प्रसंग पर चर्चा ।सभी बंदरो को सीता जी को ढूंढने के लिए बोला गया सेना के रूप में बानर आये युद्ध की तैयारी हुई।लड़ाई हुई और रावण मारा गया।भगवान ने लंका का राजा बिभीषन को बनाया। भगवान लोटे वनवास से अयोध्या नगरी सजाई गई दीपावली ओर उत्सब मनाया गया
लोगो मे भगवान का उत्साह ,उमंग देखने को मिला कथा स्थल में लोगो ने भजनों पर नृत्य किया फूलो की वर्षा हुई सचमुच पंडाल भगवान राम के जयकारों से जयकार हुआ।
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इसके पूर्व मंच पर आज के यजमान व राकेश भास्कर ,सपत्नी व उनके परिवार के द्वारा व्यास जी की आरती की गई ।
इस अवसर पर अध्यक्ष राकेश भास्कर,जयनन्दू, राज किशोर सिंह, वीरेंद्र सिंह, अजय सिंह, सुरेश सिंह ,प्रमोद सारस्वत, विनोद कुमार सिंह,के के गुप्ता,धर्मेंद्र तिवारी ,अनिल अग्रवाल, विकास प्रीतम,जयंत झा, उमेश साहू, रिजवान खान,अरुण सिंह,इंद्रजीत यादव , राजीव चौधरी,ने गुरु जी को माल्यार्पण कर स्वागत ,अभिनंदन किया।
कथा स्थल पर लोगो के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।
मुख्य रूप से प्रमोद सारस्वत ,नवीन झा,राजीव चौधरी,पुनीत, रामचंद्र जायसवाल, नीरज शुक्ला, बिपिन सिंह,मुन्ना सिंह , रितेश झा ,सहित कई लोग निरंतर अपनी सेवा दे रहे है।
हजारो की संख्या में लोगों ने कथा श्रवण किया।
प्रवक्ता प्रमोद सारस्वत ने बताया
22 जनवरी को हरमू मैदान में हवन व भंडारा का आयोजन रखा गया है।
हवन में शामिल होने वाले भक्त कार्यालय में अपना नाम लिखाकर रजिस्ट्रेसन करा लें।
हवन में शामिल होने वाले अपने घर से 5 थाली स्टील, 5 कटोरी, 5 चमच, 1 छोटा तोलिया लेकर आएंगे पूजन उपरांत आप इसे अपने घर लेकर जा सकते है।
रांची के सभी धर्म प्रेमियों से आग्रह है कि कल हवन व भंडारा में शामिल होकर पूण्य अर्जित करे।
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