रानी गाइदिन्ल्यू का जन्म पर मना नारी शक्ति दिवस
वनवासी कल्याण केंद्र के रांची महिला समिति द्वारा 26 जनवरी को नारी शक्ति दिवस मनाया गया. नागा आध्यात्मिक एवं राजनीतिक नेत्री रानी मां गाइदिन्ल्यू के जन्म तिथि 26 जनवरी के अवसर पर प्रत्येक वर्ष अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा सम्पूर्ण भारत में नारी शक्ति दिवस मनाया जाता है जिन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध विद्रोह का नेतृत्व किया.
इस अवसर प्रांत कार्यकारिणी सदस्या श्रीमती प्रतिभा गोयल, राष्ट्र सेविका समिति की प्रांत प्रचार प्रमुख श्रीमती जिज्ञासा ओझा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमान सत्येंद्र सिंह और राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीमान रमेश बाबू ने उपस्थित महिलाओं और लोगों को संबोधित करते हुए कहा की भारत की स्वतंत्रता के लिए रानी मां गाइदिनल्यू ने नागालैण्ड में क्रांतिकारी आन्दोलन चलाया था।
रानी गाइदिन्ल्यू का जन्म 26 जनवरी 1915 को मणिपुर के तमेंगलोंग ज़िले के नुंगकाओ गांव में हुआ था। उनकी पढ़ाई-लिखाई भारतीय परंपरा के अनुसार हुई थी। वो नागा जनजाति की थीं. रानी गाइदिन्ल्यू कम उम्र में ही स्वतंत्रता की लड़ाई में कूद पड़ीं थीं. अपने भाई कोसिन व हायपोउ जदोनांग के साथ हेराका आंदोलन से जुड़ीं. इस आंदोलन का लक्ष्य अंग्रेज़ों को अपनी धरती से खदेड़ना था.
जदोनांग की मृत्यु के बाद आंदोलन की बागडोर रानी के हाथों में आ गई। गाइदिन्ल्यू हर हाल में अपनी संस्कृति, भाषा, अपनी मिट्टी की रक्षा करना चाहती थीं। अंग्रेज उस क्षेत्र में जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहे थे और उन पर अपनी जीवनशैली थोप रहे थे.
गाइदिन्ल्यू का कहना था की "धर्म को खो देना अपनी संस्कृति को खो देना है, अपनी संस्कृति को खोना यानी अपनी पहचान को खोना।"
भारत को आजादी मिलने तक, 1933 से 1947 भारत की आजादी के बाद तक रानी गाइदिन्ल्यू को जेल में रखा गया। अंग्रेजों ने उनको गुवाहाटी, शिलांग, आइज़ोल, तुरा जेलों में रखा. ताकि उनका आंदोलन कमजोर पड़ जाए. 15 साल जेल में रहने के बाद जब भारत आजाद हुआ तब रानी गाइदिनल्यू को भी आजादी मिली.
रानी गाइदिन्ल्यू को भारत सरकार ने 1982 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान में 1996 में एक स्टाम्प, 2015 में एक सिक्का जारी किया. 17 फरवरी, 1993 को रानी मन का निधन हुआ. ताउम्र वो सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी रहीं.
कार्यक्रम में संगीता दत्ता, पूनम गुप्ता, ममता सिन्हा, सीमा अग्रवाल, सरोज गुप्ता, देवनंदन सिंह, सुशील मरांडी सुनील कुमार सिंह और अन्य लोग उपस्थित थे. मंच संचालन क्षेत्रीय महिला प्रमुख सुलेखा कुमारी ने किया.
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