हिन्दी विभाग एवं हिन्दी साहित्य परिषद् के तत्त्वावधान में संत ज़ेवियर कॉलेज, राँची में छायावाद के सुप्रसिद्ध कवि जयशंकर प्रसाद की 135वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसका विषय था- “प्रसाद का व्यक्तित्व एवं कृतित्व”
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण के साथ किया गया।
इस मौक़े पर हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. जयप्रकाश पांडेय ने जयशंकर प्रसाद को युग पुरुष बताते हुए उनकी कालजयी कृतियों को राष्ट्रीयता एवं जन जागरण की भावना से ओत-प्रोत बताया।
वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सुनील कुमार भाटिया ने कहा कि अगर विचारों के हीरे मोती हमें चाहिए तो जयशंकर प्रसाद की कृतियों को पढ़ना चाहिए।
हिन्दी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि जयशंकर प्रसाद जैसे रचनाकार न तो बनाये जाते हैं और न ही बनते हैं बल्कि जन्मजात होते हैं। इसके साथ-साथ सहायक प्राध्यापिका कोमल खलखो ने उनकी रचना ‘कामायनी’ को समरसता एवं विश्व कल्याण की भावना से अनुप्राणित बताया।
कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन परास्नातक की छात्रा नेहा गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में परास्नातक एवं स्नातक के विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
No comments:
Post a Comment