Wednesday, 10 January 2024

डीएसपीएमयू में कोर्ट मार्शल का सफल मंचन

राची, झारखण्ड  | जनवरी  | 10, 2024 :: 
डीएसपीएमयू ( डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची के प्रेक्षागृह में नाटक “कोर्ट मार्शल” का सफल मंचन किया गया। जिसका निर्देशन राष्ट्रीय विद्यालय, नई दिल्ली के एलुमनी संजय लाल ने अपनी संस्था एक्स्पोज़र के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति के पश्चात डीएसपीएमयू के कुलपति ने बताया कि
इस प्रस्तुति में यह दिखाया गया कि आज भी समाज में ऊंच नीच भेदभाव और जातिवाद व्याप्त है और इसी मुद्दे के ऊपर इस नाटक के माध्यम से कडा प्रहार किया गया है।

आजादी के इतने साल बीत जाने के बावजूद भी आज भी हम इस  व्यवस्था में जीने को मजबूर है।

 रामचंद्र एक गरीब जवान है जो अनुसूचित जाति से आता है उसे कैप्टन वर्मा और कैप्टन बी डी कपूर हमेशा अपमानित और  प्रताड़ित करते हैं। इसी प्रताड़ना से तंग आकर वह इन दोनों अफसरो पर गोली चल देता है। इस हादसे में कैप्टन वर्मा की मौत हो जाती है और कैप्टन कपूर गंभीर रूप से घायल हो जाता है। इसके पश्चात जवान रामचंद्र को गिरफ्तार कर लिया जाता है और फिर शुरू होता है कोर्ट मार्शल। इस ट्रायल के दौरान यह बात उभर कर आती है कि आखिर क्यों रामचंद्र कैप्टन कपूर और कैप्टन वर्मा के खिलाफ शमशीर उठा लेता है और वह इन दोनों अफसरों पर गोली चल देता है। यह जानते हुए की इस अपराध की वजह से उसे फांसी की भी सजा हो सकती है। ऐसी कौन सी मजबूरियां थी कि रामचंद्र ने इन दोनों अफसरो की हत्या करने पर मजबूर हो जाता है।

नाटक के अंत में कैप्टन बी डी कपूर अपने आप को गोली मार कर आत्महत्या कर लेता है और रामचंद्र को प्रेसिडिंग ऑफीसर कर्नल सूरत सिंह द्वारा फांसी की सजा देने का निर्णय लिया जाता है।

कर्नल सूरत सिंह की भूमिका में रोशन प्रकाश कैप्टन राय की भूमिका में नीतू कुमारी और बी डी कपूर की भूमिका में रतन तिग्गा ने अपने अभिनय से दर्शकों को बहुत ही प्रभावित किया। जबकि सन्नी शिवगम ने रामचंदर की मार्मिक भूमिका निभाकर सबको विचलित कर दिया। अन्य किरदारों में जज एक और दो शरद प्रभाकर, राहुल कुमार, डॉ गुप्ता किरण महतो, सूबेदार बलवान सिंह सलीब मिंज,  लेफ्टिनेंट कर्नल ब्रजेंद्र रावत डॉ सुबास साहु, सिपाही हर्ष, विक्की और गार्ड की भूमिका में जगदीश कुमार ने अपने किरदारों की सुंदर भूमिका निभाई।

एक्स्पोज़र के मीडिया प्रभारी ने हीं यह जानकारी दी की प्राय विश्वविद्यालय और कॉलेज में बाहर की रंग संस्थाओं को अपने नाट्य प्रस्तुति मंचित करने का अवसर नहीं दिया जाता है लेकिन डीएसपीएमयू के कुलपति प्रोफेसर डॉ.तपन कुमार शांडिल्य ने ऐसी शुरुआत करके राजधानी रांची के रंगमंच को एक नई दिशा और गति प्रदान की है और रांची के रंगमंच के इतिहास में इसे भूलाया नहीं जा सकता।


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