देशभर में श्रद्धा भक्ति एवं पूरे जोशो खरोश के साथ तैयारी चल रही है अयोध्या में नव्य भव्य श्री राम लला का ऐतिहासिक मंदिर के उद्घाटन समारोह का, ज्ञातब्य है कि 22 जनवरी के उद्घाटन समारोह में देशभर से गिने चुने अति विशेष रूप से चयनित नामी गिरामी विभिन्न क्षेत्र के व्यक्तित्व को, किंतु संतों की उपस्थिति बहुत ही प्रमुखता से होगी, साधू संतों के सभी अखाड़े, संप्रदाय, एवं मठाधीशों के साथ प्रत्येक राज्य से चयनित संतो को निमंत्रित किया गया है,
झारखंड प्रदेश में जाने माने धर्मयोद्धा के रूप में साधू संत समाज के महामंत्री, विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य संत सुरक्षा मिशन एवं भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वामी दिव्यानंद जी महाराज को भी अयोध्या के श्री राम तीर्थ क्षेत्र की ओर से निमंत्रण भेजा गया है हिंदुत्व एवं सनातन संस्कृति के संरक्षण से संबंधित हमेशा चर्चा में रहे स्वामी दिव्यानंद जी महाराज लगभग पिछले चार दशकों से विभिन्न संगठनों के माध्यम से अपनी सेवा देते आ रहे हैं निमंत्रण मिलने पर उनकी प्रतिक्रिया के प्रश्न पूछे जाने पर प्रभाव और अलादीन पुलकित और भावुक होकर बताया की जितनी बार यह प्रश्न आता है उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं भावविभोर होकर कहते हैं कि मेरा सौभाग्य है की रामराज जी की पुनर्स्थापना के समारोह के पावन सूअवसर पर मेरा वहां उपस्थित होना मेरे जीवन काल का सबसे सुखद क्षण होगा, स्वामी जी ने यह भी बताया की इस कार्यक्रम के पश्चात यानी राम राज्य की पुनर्स्थापना के अतिरिक्त जीवन में कोई अभिलाषा शेष नहीं रही, वह हृदय तल से आनंदित है, कहा की श्री राम नाम ही मनुष्य के जीवन में बहुत ही विशिष्ट महत्व रखता है एक बालक के जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत सोलह संस्कारों में श्री राम का नाम आता ही है, राम से बड़ा राम का नाम है,स्वामी जी ने अपने संदेश में कहा की राम राज्य की कल्पना को लेकर भारत को विश्व गुरु बनाने की इस पावन कार्य में संपूर्ण देशवासियों को श्री राम को अपने हृदय में धारण करके समर्पित होना चाहिए।
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