रांची: नेशनल एकेडमी ऑफ बर्क्स ने नैबिकॉन 2024 का आयोजन किया है। यह सम्मेलन एनएबीआई के प्रेसिडेंट और नैबिकॉन 2024 के आयोजन सचिव डॉ. अनंत सिन्हा के नेतृत्व में रांची में आयोजित किया गया। यह एक ऐसा मंच है जो बर्न (जलने से होने वाले घाव) की रोकथाम, जलने से होने वाले घाव के इलाज, बर्न रिकंस्ट्रक्शन, बर्न रिहैबिलेशन और इनसे जुड़े रिसर्च से संबंधित ज्ञान के आदान-प्रदान में बड़ी भूमिका निभाता है। इस कार्यक्रम में गणमान्य वक्ताओं को देखने का मौका मिला जिसमें भारत और दुनिया भर से समर्पित बर्न और प्लास्टिक सर्जन और बर्न केयर विशेषज्ञ शामिल थे। इस सम्मेलन में शामिल कुछ प्रमुख विषयों में बर्न मैनेजमेंट का प्रशिक्षण, घावों में केराटिनोसाइट डिलिवरी में हुई प्रगति, जलने के बाद आई विकृति में सुधार, एक आदर्श बर्न यूनिट की स्थापना और बस के बारे में जागरूकता और कई दूसरे विषय शामिल थे। कई विशेषज्ञों ने बर्न मैनेजमेंट और देखभाल से जुड़े विषयों पर वैज्ञानिक और मेडिकल पेपर प्रस्तुत किए।
नैबिकॉन 2024 के मौके पर, बीएसवी के सीओओ इंडिया बिजनेस, आलोक खेत्री ने कहा, "दुनिया भर में आग से जलकर मरने वालों की बड़ी संख्या के बावजूद, आखिरकार एक रोशनी नजर आ रही है।" उन्होंने जलने से बचे लोगों को शारीरिक और भावनात्मक रूप से मजबूती देने के लिए आधुनिक बर्न ट्रीटमेंट के महत्व पर जोर दिया। बीएसवी में हम देश भर में जलने से बचे लोगों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये बर्न मैनेजमेंट की दुनिया में एक नए अध्याय को दर्शाता है।
मेडीवाउंड के चीफ मेडिकल ऑफीसर डायरेक्टर प्रोफेसर लायर रोजेनबर्ग कहते हैं, "बर्न मैनेजमेंट रोगी की देखभाल के तीन सिद्धांतों पर आधारित है। ये हैं कोई मृत्यु नहीं, कोई पीड़ा नहीं और कोई खरोंच नहीं (मृत ऊतक)। नेक्सोब्रिड गंभीर जले घाव के मैनेजमेंट में एक नया प्रतिमान है। यह ब्रोमेलैन से भरा प्रोटीयोलिटिक एंजाइमों का एक कॉन्सेन्ट्रेट है। ये घाव पर ऊपर से लगाया जाने वाला जैविक उत्पाद है जो जिंदा ऊतकों को नुकसान पहुंचाए बिना लगाए जाने चार घंटे के भीतर डीप पार्शियल और फुल-थिकनेस थर्मल बर्न वाले रोगियों में मृत जले हुए ऊतकों या धब्बों को हटा देता है।
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