Saturday, 18 November 2023

कप्तान समेत झारखंड के चार खिलाड़ी भारतीय थ्रोबॉल टीम में शामिल : जाएगे भूटान

राची, झारखण्ड  | नवम्बर  | 18, 2023 :: 
भूटान में आयोजित भारत – भूटान अंतरराष्ट्रीय पारा थ्रोबाल प्रतियोगिता में झारखंड से चार खिलाड़ी भारतीय दल में शामिल है। अंतरराष्ट्रीय थ्रो बॉल मैच सीरीज भूटान में दिनांक 24, 25, 26, दिसंबर 2023 को होगा। 
इस मैच सीरीज का आयोजन भूटान पैरालंपिक कमेटी के द्वारा किया जा रहा है । 
झारखंड से चारो खिलाड़ी  पुरुष वर्ग में मुकेश कंचन, सनोज महतो और महिला वर्ग में महिमा उरांव, असुंता टोप्पो 21 तारीख को भूटान के लिए रवाना होंगे।
 * मुकेश कंचन
रांची के कोकर निवासी मुकेश कंचन , पिता मुन्ना प्रसाद सिन्हा के लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए भारतीय दल (पुरुष वर्ग) का कप्तान बनाया गया है । 
मुकेश कंचन पहले भी गोल्ड मेडल जीतकर आ चुके हैं जिसमें फरवरी माह में आयोजित भारत नेपाल एवं जून में मलेशिया में आयोजित प्रतियोगिता में गोल्ड प्राप्त किया है ।
मुकेश कंचन  किसी परिचय का मोहताज नहीं है यह खुद में परिचय है और यह न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी है, बल्कि यह बहुत सारे अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को तैयार किए है और भारतीय टीम को दिए है। उसी में से तीन खिलाड़ी जो भूटान जा रहे हैं खेलने के लिए वह इन्हीं का देन है।

* सनोज महतो
रांची जिला के कांके ब्लॉक स्थित पंचायत हूंदुर ग्राम चारी निवासी सनोज महतो पिता  राजेंद्र महतो का चयन अंतरराष्ट्रीय थ्रो बॉल चैंपियनशिप भूटान के लिए हुआ है। 
यह दोनों ही पैरों से दिव्यांग है और हाथ के सहारे चलते हैं, इसी अवस्था में ही उनकी पढ़ाई की शुरुआत अपने गांव के बगल प्राथमिक विद्यालय हुजीर में पांचवी तक हुई। 
इसके बाद आगे की पढ़ाई संत मदर टेरेसा उच्च विद्यालय नेवरी विकास कांके से हुई। और 'रांची कॉलेज' रांची से इंटरमीडिएट का पढ़ाई की। कहा जाता है कि सनोज महतो जी अपने हाथो के बल पर दो - दो तीन - तीन किलोमीटर पैदल चल कर अपनी पढ़ाई को किए है। 
अभी सनोज महतो  कांके प्रखंड के हूंदुर पंचायत में कृषक मित्र के पद पर कार्यरत है। सनोज महतो  ने बताया कि उनकी खेल में रुचि बचपन से ही था। उन्होंने बॉलीबोल एवं थ्रो बोल जैसे खेल की प्रारंभिक शिक्षा ले रखी हैl प्रारंभिक दिनों में शारीरिक रूप से दिव्यंता के कारण काफी समाजिक दंस  झेलना पड़ा। लेकिन भी कई लोगों की बातों को नकारकर वह आगे बढ़ते चले गए और दोबारा पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा अभी की स्थिति यह है कि सनोज जी राष्ट्रीय स्तर के खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया तो उन्हें अप्रैल 2023 में आयोजित भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय बॉलीबॉल खेलने नेपाल गए वहा कास्य मेडल प्राप्त किए। जून 2023 में अंतरराष्ट्रीय थ्रो बॉल चैंपियनशिप खेलने के लिए मलेशिया गए। वहा बहुत ही शानदार प्रदर्शन करते हुए वे स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके देखते हुए थ्रो बॉल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सनोज महतो को भूटान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पारा थ्रो बॉल चैंपियनशिप के लिए चयन किया है। सनोज महतो को इस मुकाम तक पहुंचने में उनके माता-पिता, तीनों बहनों एवं  दोस्तों काफी सहयोग रहा है। और कोच मुकेश कंचन जी से 2018 में मुलाकात हुआ और उन्होंने ही इस खेल के विषय में बताया और 2018 से मुकेश कंचन के नेतृत्व में प्रैक्टिस करते हैं और उनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन रहा है
 * महिमा उरांव
 महिमा उरांव  पिता सेमोन उरांव  माता सुशांती उरांव गांव सौदाग बगीचा टोल  जिला रांची झारखंड के रहने वाली है मेरा चार भाई एवं हम दो बहने हैं जिसमें मैं भाई बहनों में सबसे बड़ी हूं मेरा दाया पैर में पोलियोग्रस्त है मैं डोरंडा कॉलेज रांची से एम. ए की पढ़ाई कर रही हूं पिता की नौकरी नहीं है। मां एक ग्रहणी है। मैं पढ़ाई पूरी करने के लिए एवं घर चलाने के लिए सिलाई का काम कर रही हूं। 2018 में मैं पैरा ओलंपिक एसोसिएशन आफ झारखंड द्वारा चयन हुआ वॉलीबॉल में ब्रांच ऑथर बोल में सिल्वर मेडल जीते। बचपन से ही खेल दिलचस्पी थी गांव एवं स्कूल में भी खेल में लेती थी परंतु कुछ दिनों तक ही खेला। लेकिन 2018 में पर झारखंड पैरालंपिक संगठन के व्यवस्थापक मुकेश कंचन से मुलाकात हुई और खेलने की तमन्ना जाग उठी इस तरह प्रत्येक सप्ताह मोराबादी स्टेडियम में वालीबाल एवं थ्रो बॉल का अभ्यास प्रारंभ हुआ मैं गांव से ही होने के कारण अभ्यास के लिए 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है फिर मुझे दो-तीन ऑटो बदलकर मोराबादी स्टेडियम जाना पड़ता है। अभ्यास एवं संघर्ष रंग लाया एवं राष्ट्रीय खेल में चुनी गई इस तरह अभ्यास एवं संघर्ष के बारात आगे बढ़ते हुए 2023 फरवरी में मुकेश कंचन कर के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका मिला एवं थ्रो बॉल में गोल्ड मेडल जीता।
 * असुंता टोप्पो
गुमला के चैनपुर छतरपुर के निवासी दिव्यांग आशूंटा तोपों के माता-पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। थोड़ी बहुत पुस्तैनी जमीन की आमदनी और दिव्यांग पेंशन से अपना गुजारा करने वाली असुंता ने संघर्ष कर के पढ़ाई पूरी की  पर पैसे की कमी के कारण पढ़ाई करने का सपना अधूरा ही रह गया खेल के प्रति जुनून और मेहनत से भारत के थ्रो बोल और वॉलीबॉल टीम में अपनी जगह बनाई।  फरवरी में नेपाल  में आयोजित थ्रो बॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से भारत को जीत हासिल कराया और गोल्ड मेडल दिलाया और जब दूसरी बार मलेशिया में थ्रो बॉल का आयोजन हुआ वहां भी प्रतियोगिता में भाग लिए और पदक हासिल किया इस बार भूटान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर अथर्व गोल में भी उनकी जगह सुनिश्चित हुई है।

पैरालंपिक एसोसिएशन ऑफ झारखंड के अध्यक्ष  राहुल मेहता ने पारा थ्री बॉल खिलाड़ियों के हौसला वर्धन के लिए झारखंड सरकार को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई के इस बार भी झारखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर होगा। 
सचिव सरिता सिन्हा, पारा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष  कमल अग्रवाल, सृजन हेल्प के सचिव गुंजन गुप्ता, समाजसेवी कमलेश राम एवं पूरे रांची वासियों के द्वारा खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी गई ।

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