Thursday, 30 November 2023

कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता :: भोर सिंह यादव


राची, झारखण्ड  | नवम्बर  | 30, 2023 :: 
एडवोकेसी एंड अकाउंटेबिलिटी कोलैबोरेटिव (टीएएसी) हब, झारखंड ने आज "सहयोगी प्रयासों के साथ स्वास्थ्य परिणामों को आगे बढ़ाने" पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक सीएसआर कॉन्क्लेव का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता झारखंड सरकार के उद्योग विभाग के आई.ए.एस. निदेशक श्री भोर सिंह यादव ने की। इस कार्यक्रम में कॉर्पोरेट प्रमुखों, मीडिया और नागरिक समाज संगठनों की उपस्थिति भी देखी गई। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य कॉर्पोरेट संस्थाओं और नागरिक समाज संगठनों के बीच सफल सहयोग के लिए एक मंच का निर्माण करना था, जो समाज में प्रभावशाली परिवर्तन के लिए स्थायी प्रयासों के संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करता है। 

भारत में, सीएसआर 2014 में शुरू हुआ था | भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जो निगमों को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए अनिवार्य इसके नियमो को पालन करना अनिवार्य करता है। पात्र कंपनियों को सीएसआर गतिविधियों पर अपने पिछले तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का न्यूनतम 2% खर्च करने की आवश्यकता होती है।

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) एक विकसित अवधारणा है जिसने पिछले कुछ दशकों में व्यापार की दुनिया में महत्वपूर्ण प्रमुखता प्राप्त की है। झारखंड राज्य में, इस अवधारणा ने न केवल गति प्राप्त की है, बल्कि कॉर्पोरेट परिदृश्य का एक अभिन्न अंग भी बन गया है। झारखंड में सीएसआर गरीबी, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों को संबोधित करके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। 

समारोह की शुरुआत भारतीय प्रशासनिक सेवा के  भोर सिंह यादव, एफजेसीसीआई के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा और एफजेसीसीआई के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने दीप प्रज्ज्वलित कर की। नितेश सारदा, अध्यक्ष, उप-समिति, खान और खनिज उप-समिति, एफजेसीसीआई, सीआईआई के झारखंड के उप निदेशक एवं प्रमुख प्रभात कुमार, उषा मार्टिन के डीजीएम-सीएसआर डॉ. मयंक मुरारी, हिंडाल्को के सीएसआर प्रमुख नीरज सिंह और झपिगो के सीओपी नयन चक्रवर्ती उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत के बार टैक हब के प्रबंधक अमित घोष ने  टैक हब का का संक्षिप्त परिचय दिया गया और कॉन्क्लेव का उद्देश्य बताया गया।

कॉन्क्लेव में दो विचारोत्तेजक पैनल चर्चाएं हुईं, जिसमे "नागरिक समाज और सीएसआर - सहयोग के क्षेत्रों की खोज" और दूसरा "बदलते परिदृश्य: सामाजिक विकास में उभरते रुझान" पर पैनल कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों, सीएसओ और मीडिया ने अपने अपने विचार साझा | पहले पैनल का संचालन क्रमश: तन्वी झा, सिनी तथा  सुधीर पाल, मीडिया प्रतिनिधि ने की । 

निदेशक, उद्योग विभाग, ने कौशल विकास और रोजगार के क्षेत्र में  महिलाओं की भागीदारी के पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने के कहा की कौशल विकास से वे अधिक उत्पादक और आत्मनिर्भर होंगे। उन्होंने आने वाली पीढ़ी के भविष्य को और अधिक स्वस्थ बनाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर भी जोर दिया। एफजेसीसीआई के उपाध्यक्ष आदित्य ने सीएसओ और सीएसआर के लिए तीन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया - स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण। सीआईआई के प्रभात कुमार ने साझा किया कि सीएसआर और सीएसओ दोनों को एक साथ लेकर योजना बनाई जानी चाहिए । सीएसओ और सीएसआर समुदाय में के अभिन्न अंग  हैं, दोनों को समाज के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जवाबदेह होना चाहिए।  डॉ. मयंक ने फैक्ट्री परिसर के भीतर और बाहर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ सामाजिक समावेश पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अकुशल कार्यबल और टिकाऊ क्षमता ओं के निर्माण के बारे में बात की। पैनल ने 3पी - प्लैनेट, पीपुल और प्रॉफिट पर भी चर्चा की। सभी 3 घटक समुदाय के विकास के लिए आंतरिक हैं। श्री नयन ने महिला कार्यबल की भागीदारी की चुनौतियों और अवसरों के बारे में बात की। 

इस आयोजन में विभिन्न समूहों - सरकार, सीएसआर, मीडिया और सीएसओ की भागीदारी  देखी गई। झारखंड के विभिन्न सीएसओ के लगभग 30 प्रतिनिधियों ने 15 सीएसआर प्रतिनिधियों के साथ भाग लिया। यह सीएसआर कॉन्क्लेव सामाजिक चुनौतियों से निपटने में साझेदारी, नवाचार और समावेशिता का लाभ उठाने के लिए झारखंड की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

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