राची, झारखण्ड | नवम्बर | 30, 2023 ::
दुनिया में प्रत्येक बच्चे का कोई ना कोई लक्ष्य जरूर होता है और वह उसे लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करता है, आगे बढ़ता है। कुछ बच्चे डॉक्टर बनना चाहते हैं तो कोई टीचर और कुछ बच्चे प्रशासनिक अधिकारी बनकर अपने देश का विकास करना चाहते हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बनना आज देश में सबसे अधिक मांग वाले और सम्मानित सेवाओं में से एक हैं।
यूपीएससी भारत के राज्य और केंद्र सरकार के तहत 24 सेवाओं के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा आयोजित एवम नियुक्ति करता है।
आज सिविल सेवकों के पास कार्य करने की व्यापक शक्तियाँ हैं,जिसका सही से इस्तेमाल किया जाए तो वह देश की दशा और दिशा दोनों बदल सकता है।
देश में इसी बड़े बदलाव को लाने के लिए एवं युवाओं को इस नौकरी की ओर आकर्षित करने के लिए आज जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (जीतो) रांची, ने एक सेमिनार किया । यह सेमिनार सिविल सेवा एवं अन्य परीक्षाओं के उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए किया गया।
यह सेमिनार मोराबादी स्थित आर्यभट्ट स्टेडियम में किया गया था ।
इस सेमिनार के पैनलिस्ट विनोद दुगर ( अध्यक्ष जेएटीएफ), डॉ तनु जैन (आईएएस ऑफिसर ,फाउंडर ऑफ़ तथास्तु आईसीएस) एवं अंबुल समैया (आईआरएस ऑफिसर, असिस्टेंट डायरेक्टर इनकम टैक्स ) थे।
सिविल सेवा परीक्षा के विषय में मिथक-
कुछ लोग कहते हैं कि सिविल सेवा परीक्षा सभी परीक्षाओं में सर्वाधिक कठिन परीक्षा है, क्या यह सत्य है?
जी नहीं, यह पूर्णत: सही नहीं है। सिविल सेवा परीक्षा भी अन्य परीक्षाओं की ही तरह एक परीक्षा है, अंतर केवल इनकी प्रकृति एवं प्रक्रिया में है। अन्य परीक्षाओं की तरह यदि अभ्यर्थी इस परीक्षा की प्रकृति के अनुरूप उचित एवं गतिशील रणनीति बनाकर तैयारी करे तो उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है। ध्यान रहे, अभ्यर्थियों की क्षमताओं में अंतर हो सकता है लेकिन उचित रणनीति एवं निरंतर अभ्यास से कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं है।
सिविल सेवा परीक्षा की इन्हीं प्रकृति एवं प्रक्रियाओं की रणनीति से संबंधित सारी जानकारी देकर हमारे आज के स्पीकर डॉ तनु जैन एंड श्री अब्दुल समैया जी ने उम्मीदवारों का मार्गदर्शन किया।
डॉक्टर की पढ़ाई करने के बावजूद देश की सेवा करने की भावना से 2014 में डॉक्टर तनु जैन ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की। 30 साल तक आईएएस ऑफिसर के अच्छे पोस्ट पर वे कार्यरत रही। इसके बाद देश के युवाओं को सिविल सेवा के लिए मार्गदर्शन देते हुए उनके नेतृत्व में हजार विद्यार्थियों ने सिविल परीक्षा पास की।
डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा की आज के बच्चे ही हमारे देश के भविष्य है। उन्होंने "ईच वन टीच वन पद्धति" पर काम करने को कहा । अगर हर विद्यार्थी कम से कम एक विद्यार्थी की मदद कर दे तो देश बहुत प्रगति करेगा।
डॉ तनु जैन के अनुसार हम सब अपने समाज की पहचान है। इसलिए अपने समाज के लिए हम सब को कुछ अलग करना चाहिए। उन्होंने कहा की अक्सर अपने लक्ष्य को चुनने में हम भ्रमित हो जाते है। इसलिए हर विद्यार्थी के जीवन में एक मार्गदर्शक होना चाहिए। उन्होंने बच्चो से आज की टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करने को कहा।
450 विद्यार्थियों की उपस्तिथि के साथ जीतो का यह प्रयास सफल हुआ।
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