संस्था के पास शाखा मेम्बर ममता बिवानिया की तरफ से एक रिक्वेस्ट आया था l एक दिव्यांग जो पॉलियोग्रसित था , उन्हें व्हीलचेयर दिलाने की बात रखी गई थी।
जब संस्था उनसे मिली तो पता चला कि उन्हें व्हीलचेयर से ज्यादा कृत्रिम पैर की आवश्यकता है l
इस पर तुरंत एक्शन लेते हुए बच्चों को डॉक्टर से मिलवा कर इलाज कराया गया l
बच्चे को कृत्रिम पैर लगवा दिया गया है l
उसकी मां ने संस्था को तहें दिल से धन्यवाद दिया ।
आज उनका बच्चा अपने पैरो पर चल पा रहा है ।
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