रांची, झारखण्ड | मई | 15, 2020 :: झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने आज झारखंड के नेता प्रतिपक्ष श्री बाबूलाल मरांडी और स्थानीय भाजपा विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री श्री सीपी सिंह ने पत्रकारों के हितों के संबंध में मुलाकात की। इस क्रम में यूनियन की तरफ से नेताद्वय को पत्रकार कल्याण की दिशा में पहल करने का अनुरोध किया गया। दोनों को यूनियन के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से ज्ञापन भी सौंपा गया।
झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की तरफ से सौंपे गये ज्ञापन में यह कहा गया है कि देश भर में कोरोना संकट का सबसे बुरा असर पत्रकारों पर पड़ा है। अनेक बड़े मीडिया संस्थान या तो व्यापक पैमाने पर छंटनी कर रहे हैं अथवा पत्रकारों को मिलने वाली सुविधाओं में जबर्दस्त तरीके से कटौती कर रहे हैं। देश में पत्रकारिता की रीढ़ ग्रामीण पत्रकार ही हैं, जो इस संकट की घड़ी में और भी ज्यादा प्रभावित हुए है। इस विकट स्थिति में भी पत्रकारों को किसी स्तर पर कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है। रजिस्ट्रार ऑफ न्यूजपेपर्स द्वारा जारी नोटिस में सभी मीडिया प्रबंधनों से भी वर्तमान संकट में पत्रकारों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा गया था। इसके बाद भी पत्रकारों की समस्या में कोई कमी नहीं आयी है।
यूनियन ने दोनों नेताओं से इस संबंध में अपनी तरफ से पहल करने तथा पत्रकारों को अन्य राहत देने के साथ साथ पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून लागू करने तथा पत्रकारों को कोरोना योद्धा घोषित करते हुए उनके लिए भी स्वास्थ्य बीमा लागू करने की मांग की गयी है। इस प्रतिनिधिमंडल में यूनियन के अध्यक्ष रजत कुमार गुप्ता, महासचिव शिव कुमार अग्रवाल, प्रवक्ता अरविंद प्रताप के अलावा विशु प्रसाद, जावेद अख्तर, जगदीश सिंह अमृत और अभिषेक सिन्हा शामिल थे।
संक्षिप्त मुलाकात के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री श्री मरांडी ने अपनी तरफ से इस दिशा में सरकार को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वर्तमान स्थिति में लॉक डाउन की वजह से सारी गतिविधियां बंद हैं। स्थिति सामान्य होने के बाद वह अपने मुख्यमंत्रित्व काल में जिन योजनाओं को आगे बढ़ाना चाहते थे, उन पर कार्रवाई के लिए फिर से सरकार से आग्रह करेंगे।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री श्री सीपी सिंह ने इस विषय पर प्रतिनिधिमंडल से गंभीर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह खुद भी पत्रकारों की वास्तविक स्थिति से अच्छी तरह अवगत हैं। इसलिए वह खुद भी इसके लिए मुख्यमंत्री के साथ साथ राज्य के मुख्य सचिव को भी पत्र भेजकर कार्रवाई का आग्रह करेंगे।
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