नई दिल्ली | मई | 11, 2020 :: नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के कारण पड़े असर के चलते बेरोजगार हुए पत्रकारों की भाजपा शासित राज्यों में आर्थिक सहायता की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मांग की है।
साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कांग्रेस शासित राज्यों में सहायता कराने की मांग की है।
एनयूजे के अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि संगठन की तरफ से
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक,
आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री जगन रेड्डी,
तेलगांना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर
को पत्र भेजकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पत्रकारों की सहायता करने की मांग की गई।
रास बिहारी ने बताया कि
प्रधानमंत्री,
गृहमंत्री,
भाजपा अध्यक्ष,
कांग्रेस अध्यक्ष
और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए पत्र मे कहा गया कि कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बड़ी संख्या में पत्रकार संक्रमित भी हुए हैं।
आगरा में एक पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत भी हुई है।
इसके साथ ही कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण देश में मीडिया जगत पर बहुत खराब असर पड़ा है।
खासतौर पर समाचार पत्र और पत्रिकाओं का संकट ज्यादा बड़ा हो गया है।
बड़ी संख्या में अखबारों से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है।
ज्यादातर अखबारों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 30 से 50 फीसदी कटौती की है।
एनयूजे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति ने कहा गया है कि जिलों और स्थानीय स्तर पर काम करन वाले पत्रकारों की हालत बहुत खराब है।
चार-पांच हजार वेतन पर काम करने वालों के पत्रकारों के सामने खाने के लाले पड़ रहे हैं।
ऐसे पत्रकार मकान का किराया, बच्चों की फीस और अन्य खर्च जुटाने में असमर्थ हैं।
आप जानते है कि पिछले कुछ वर्षों में छंटनी के कारण बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए पत्रकार फ्रीलांस के तौर पर काम करते हुए अपने-अपने परिवारों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
अब उनके सामने भी जीवनयापन का संकट गहरा गया है।
एनूयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने इस संकटकाल में दिल्ली समेत सभी जगह काम करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कांग्रेस शासित राज्यों में सहायता कराने की मांग की है।
एनयूजे के अध्यक्ष रास बिहारी ने बताया कि संगठन की तरफ से
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक,
आंध्र प्रदेश मुख्यमंत्री जगन रेड्डी,
तेलगांना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर
को पत्र भेजकर आर्थिक संकट से जूझ रहे पत्रकारों की सहायता करने की मांग की गई।
रास बिहारी ने बताया कि
प्रधानमंत्री,
गृहमंत्री,
भाजपा अध्यक्ष,
कांग्रेस अध्यक्ष
और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे गए पत्र मे कहा गया कि कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान मीडिया अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बड़ी संख्या में पत्रकार संक्रमित भी हुए हैं।
आगरा में एक पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ की मौत भी हुई है।
इसके साथ ही कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण देश में मीडिया जगत पर बहुत खराब असर पड़ा है।
खासतौर पर समाचार पत्र और पत्रिकाओं का संकट ज्यादा बड़ा हो गया है।
बड़ी संख्या में अखबारों से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है।
ज्यादातर अखबारों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में 30 से 50 फीसदी कटौती की है।
एनयूजे द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति ने कहा गया है कि जिलों और स्थानीय स्तर पर काम करन वाले पत्रकारों की हालत बहुत खराब है।
चार-पांच हजार वेतन पर काम करने वालों के पत्रकारों के सामने खाने के लाले पड़ रहे हैं।
ऐसे पत्रकार मकान का किराया, बच्चों की फीस और अन्य खर्च जुटाने में असमर्थ हैं।
आप जानते है कि पिछले कुछ वर्षों में छंटनी के कारण बड़ी संख्या में बेरोजगार हुए पत्रकार फ्रीलांस के तौर पर काम करते हुए अपने-अपने परिवारों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
अब उनके सामने भी जीवनयापन का संकट गहरा गया है।
एनूयूजे अध्यक्ष रास बिहारी ने इस संकटकाल में दिल्ली समेत सभी जगह काम करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर पत्रकारों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।
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