Saturday 23 May 2020

पत्रकारों पर दमन और शोषण बर्दाश्त नहीं : झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट

रांची, झारखण्ड | मई | 23, 2020 :: पत्रकारों पर दमन और शोषण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, झारखंड के अधिकारी खुद को शासक समझने लगे हैं। यही कारण है कि चांडिल के वरिष्ठ पत्रकार बसन्त साहू को सरायकेला डीसी के इशारे पर जेल भेज दिया गया। ये बातें झारखंड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के प्रदेश महासचिव शिव कुमार अग्रवाल ने कही।
बसन्त साहू को जेल भेज जाना ये साबित करता है कि कोरोना आपदा के समय जान जोख़िम में डाल कर पत्रकारिता कर रहे लोगों के लिए इस निष्ठुर सिस्टम के हृदय में जरा भी दया नहीं।
सरायकेला के पत्रकार की बस इतनी गलती है कि उसने सच सामने लाने की कोशिश की जिसमें उसकी कोई गलत मंशा नहीं थी।
लेकिन अफ़सोस एक वरिष्ठ और नेक पत्रकार को प्रशासन ने अपना शिकार बनाया है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि किसी भी सूरत में प्रशासन के दमन का यह चेहरा पत्रकारों के हित में नहीं है, पूर्ववर्ती सरकार ने भी पत्रकारों को डराने धमकाने का काम किया था।
वर्तमान सरकार से लोगों की आशाएं जगी थी कि वह पत्रकारों के उत्पीड़न को रोकने का काम करेगी लेकिन अफसोस ऐसा नहीं हो पा रहा।
झारखंड सरकार के द्वारा किये जा रहे बेहतर कामों में सरायकेला के डीसी जैसे अधिकारी पलीता लगा रहे हैं।
झारखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट झारखंड सरकार से मांग करता है कि जल्द ही चांडिल के पत्रकार बसन्त साहू को रिहा करे वरना देश और झारखंड के पत्रकार आंदोलन करने पर विवश हो जाएंगे।
जेयूजे के प्रदेश अध्यक्ष से वार्ता के बाद निर्णय लिया गया है कि इस दमन के खिलाफ बसन्त साहू जी के परिजनों के द्वारा इस मसले पर न्यायालय में केस दायर किया जाएगा।

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