रांची, झारखण्ड | मई | 26, 2020 :: गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा आज 26 मई,मंगलवार को पंचम पातशाह श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज का शहीदी गुरुपर्व सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन करते हुए मनाया गया.
शहीदों के सरताज एवं शांतिपुंज पंचम पातशाह धन धन श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज के शहीदी गुरुपर्व को मुख रखते हुए पिछले उनचालीस दिनों से श्रद्धालुओं द्वारा अपने अपने घरों में पढ़े जा रहे श्री सुखमनी साहिब जी के पाठों का समापन आज हुआ.दोपहर 03:30 वजे से ज़ूम एप्प के माध्यम से सभी श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों में श्री सुखमनी साहिब जी का सस्वर पाठ किया.
पाठ की समाप्ती के पश्चात ज़ूम एप्प द्वारा ही गुरुद्वारा साहिब के सेवक मनीष मिढ़ा समूह सँगत की ओर से अरदास "जपिओ जिन अर्जन देव गुरु
फिर संकट जोन गरभ ना आयो..."
कर वाहेगुरु से समस्त संसार को कोरोना से मुक्त करने की फरियाद की गई.
रात 8:30 वजे अनंद साहिब जी के पाठ,अरदास तथा हुक्मनामा के साथ गुरुपर्व की समाप्ति हुई.
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा आज सुबह 10 वजे से दोपहर 12 बजे तक रातु रोड स्थित मेट्रो चौक में छबील लगाकर राहगीरों को शरबत प्रसाद का वितरण किया गया.
इस पावन अवसर पर सुबह 11वजे से शाम 4 बजे तक गुरुद्वारा साहिब परिसर स्थित गुरुनानक भवन में गुरुनानक सेवक जत्था द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.शिविर में 12 महिलाओं समेत कुल 55 लोगों ने स्वैक्षिक रक्तदान किया जिसे सेवा सदन ब्लड बैंक को सौंपा गया.मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि सत्संग सभा द्वारा आयोजित शिविर का उद्देश्य लॉक डाउन में रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को रक्त उपलब्ध कराना है साथ ही बताया कि इस बार प्रशाद वितरण को लेकर भी एहतियात बरता गया और सभी श्रद्धालुओं के घर घर जाकर कंटेनर में पैक बुंदिया का प्रसाद गुरुनानक सेवक जत्था के सदस्यों द्वारा पहुंचाया गया.
सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने बताया कि लॉक डाउन के कारण अभी गुरुद्वारा परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर सरकार द्वारा मनाही है इसलिए गाइड लाइन का पालन करते हुए सभी कार्यक्रम में सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है.
सभा की अपील का अनुपालन करते हुए सभी श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी पाठ के दौरान सोशल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखा है
गुरुपर्व के आयोजन में
अशोक गेरा,
चरणजीत
मुंजाल,
नरेश पपनेजा,
प्रेम सुखीजा,
अशोक मुंजाल,
जीवन मिढ़ा,
मोहन काठपाल,
महेंद्र अरोड़ा,
रमेश तेहरी,
आशु मिढ़ा,
नवीन मिढ़ा,
पवनजीत खत्री,
रौनक ग्रोवर,
सूरज झंडई,
जितेंद्र मुंजाल,
कमल अरोड़ा,
मनीष गिरधर,
ज्ञान मादनपोत्रा,
उमेश मुंजाल,
अश्विनी सुखीजा,
भूपिंदर सिंह,
अमन डाबरा,
कशिश नागपाल,
की सक्रिय भागीदारी रही.
शहीदों के सरताज एवं शांतिपुंज पंचम पातशाह धन धन श्री गुरु अर्जन देव जी महाराज के शहीदी गुरुपर्व को मुख रखते हुए पिछले उनचालीस दिनों से श्रद्धालुओं द्वारा अपने अपने घरों में पढ़े जा रहे श्री सुखमनी साहिब जी के पाठों का समापन आज हुआ.दोपहर 03:30 वजे से ज़ूम एप्प के माध्यम से सभी श्रद्धालुओं ने अपने अपने घरों में श्री सुखमनी साहिब जी का सस्वर पाठ किया.
पाठ की समाप्ती के पश्चात ज़ूम एप्प द्वारा ही गुरुद्वारा साहिब के सेवक मनीष मिढ़ा समूह सँगत की ओर से अरदास "जपिओ जिन अर्जन देव गुरु
फिर संकट जोन गरभ ना आयो..."
कर वाहेगुरु से समस्त संसार को कोरोना से मुक्त करने की फरियाद की गई.
रात 8:30 वजे अनंद साहिब जी के पाठ,अरदास तथा हुक्मनामा के साथ गुरुपर्व की समाप्ति हुई.
गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा द्वारा आज सुबह 10 वजे से दोपहर 12 बजे तक रातु रोड स्थित मेट्रो चौक में छबील लगाकर राहगीरों को शरबत प्रसाद का वितरण किया गया.
इस पावन अवसर पर सुबह 11वजे से शाम 4 बजे तक गुरुद्वारा साहिब परिसर स्थित गुरुनानक भवन में गुरुनानक सेवक जत्था द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.शिविर में 12 महिलाओं समेत कुल 55 लोगों ने स्वैक्षिक रक्तदान किया जिसे सेवा सदन ब्लड बैंक को सौंपा गया.मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि सत्संग सभा द्वारा आयोजित शिविर का उद्देश्य लॉक डाउन में रक्त की कमी से जूझ रहे मरीजों को रक्त उपलब्ध कराना है साथ ही बताया कि इस बार प्रशाद वितरण को लेकर भी एहतियात बरता गया और सभी श्रद्धालुओं के घर घर जाकर कंटेनर में पैक बुंदिया का प्रसाद गुरुनानक सेवक जत्था के सदस्यों द्वारा पहुंचाया गया.
सत्संग सभा के अध्यक्ष हरविंदर सिंह बेदी ने बताया कि लॉक डाउन के कारण अभी गुरुद्वारा परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर सरकार द्वारा मनाही है इसलिए गाइड लाइन का पालन करते हुए सभी कार्यक्रम में सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है.
सभा की अपील का अनुपालन करते हुए सभी श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी पाठ के दौरान सोशल डिस्टेंस का विशेष ख्याल रखा है
गुरुपर्व के आयोजन में
अशोक गेरा,
चरणजीत
मुंजाल,
नरेश पपनेजा,
प्रेम सुखीजा,
अशोक मुंजाल,
जीवन मिढ़ा,
मोहन काठपाल,
महेंद्र अरोड़ा,
रमेश तेहरी,
आशु मिढ़ा,
नवीन मिढ़ा,
पवनजीत खत्री,
रौनक ग्रोवर,
सूरज झंडई,
जितेंद्र मुंजाल,
कमल अरोड़ा,
मनीष गिरधर,
ज्ञान मादनपोत्रा,
उमेश मुंजाल,
अश्विनी सुखीजा,
भूपिंदर सिंह,
अमन डाबरा,
कशिश नागपाल,
की सक्रिय भागीदारी रही.
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