रांची , झारखण्ड | मई | 06, 2020 :: बहावलपुरी पंजाबी समाज ने बच्चों के लिए ऑनलाइन योग प्रतियोगिता एवं बहावलपुरी भाषा में 'साडे डाडा डाडी ते नाना नानी' कविता पाठ का किया आयोजन.
बहावलपुरी पंजाबी समाज द्वारा लॉक डाउन में घरों में कैद बच्चों का मन लगाने एवं उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए ऑनलाइन योग प्रतियोगिता का आयोजन किया
जिसमें 3 वर्ष से 13 वर्ष आयु के बच्चों ने भाग लिया.
इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में बच्चों ने एक से बढ़कर एक योगासन कर बड़ों को भी दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया.एक और जहां बच्चों ने स्वयं योग किया
वहीं दूसरी ओर बड़ों को भी स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करने का संदेश भी दिया.इस प्रतियोगिता में 29 बच्चों ने भाग लिया.संस्था द्वारा प्रत्येक ग्रुप के प्रथम तीन विजेताओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया जाएगा एवं सभी भाग लेने वाले बच्चों को पार्टिसिपेशन प्राइज दिया जाएगा.
संस्था के संरक्षक डॉ सतीश मिढ़ा ने कहा कि योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्याम से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है.यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है.
संस्था के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि अभी लॉक डाउन के दौरान बहावलपुरी पंजाबी समाज संस्था द्वारा रोजाना बच्चों को विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन टास्क दिए जा रहे हैं जैसे पेंटिंग,योग,फैंसी ड्रेस इत्यादि.साथ ही बताया कि संस्था का यह हमेशा प्रयास रहता है कि आज के बच्चे अपनी भाषा बोलना एवं लिखना अवश्य सीखे ताकि हमारी भाषा संस्कृति जिंदा रहे.इसको लेकर भी कल ऑनलाइन वीडियो प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था 'साडे डाडा डाडी ते नाना नानी' का आयोजन किया गया.इस 30 सेकंड की वीडियो में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपने माता पिता के सहयोग से बहावलपुरी भाषा में अपने दादा दादी एवं नाना नानी के साथ स्नेह को बड़ी संजीदगी से उजागर किया.इस प्रतियोगिता से जहां बच्चे अपनी भाषा से रूबरू हुए वहीं भाग दौड़ की दुनिया में अपने दादा दादी एवं नाना नानी को सुखद अहसास कराया.
बहावलपुरी पंजाबी समाज द्वारा लॉक डाउन में घरों में कैद बच्चों का मन लगाने एवं उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए ऑनलाइन योग प्रतियोगिता का आयोजन किया
जिसमें 3 वर्ष से 13 वर्ष आयु के बच्चों ने भाग लिया.
इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में बच्चों ने एक से बढ़कर एक योगासन कर बड़ों को भी दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया.एक और जहां बच्चों ने स्वयं योग किया
वहीं दूसरी ओर बड़ों को भी स्वस्थ रहने के लिए रोजाना योग करने का संदेश भी दिया.इस प्रतियोगिता में 29 बच्चों ने भाग लिया.संस्था द्वारा प्रत्येक ग्रुप के प्रथम तीन विजेताओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया जाएगा एवं सभी भाग लेने वाले बच्चों को पार्टिसिपेशन प्राइज दिया जाएगा.
संस्था के संरक्षक डॉ सतीश मिढ़ा ने कहा कि योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्याम से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है.यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है.
संस्था के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि अभी लॉक डाउन के दौरान बहावलपुरी पंजाबी समाज संस्था द्वारा रोजाना बच्चों को विभिन्न प्रकार के ऑनलाइन टास्क दिए जा रहे हैं जैसे पेंटिंग,योग,फैंसी ड्रेस इत्यादि.साथ ही बताया कि संस्था का यह हमेशा प्रयास रहता है कि आज के बच्चे अपनी भाषा बोलना एवं लिखना अवश्य सीखे ताकि हमारी भाषा संस्कृति जिंदा रहे.इसको लेकर भी कल ऑनलाइन वीडियो प्रतियोगिता जिसका शीर्षक था 'साडे डाडा डाडी ते नाना नानी' का आयोजन किया गया.इस 30 सेकंड की वीडियो में नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपने माता पिता के सहयोग से बहावलपुरी भाषा में अपने दादा दादी एवं नाना नानी के साथ स्नेह को बड़ी संजीदगी से उजागर किया.इस प्रतियोगिता से जहां बच्चे अपनी भाषा से रूबरू हुए वहीं भाग दौड़ की दुनिया में अपने दादा दादी एवं नाना नानी को सुखद अहसास कराया.
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