ईश्वर ने सभी के लिए एक दिन के 24 घंटे निर्धारित किए हैं। कई लोग अधिक कार्य करने के बाद भी अपने लिए भी समय अवश्य ही निकालते हैं, जिसमें वो अपनी खुशियां महसूस कर सकें, सुकून के दो पल बिता पाएं। समय से भी ज्यादा सीमित इंसान की अपनी ऊर्जा है। अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम अपनी ऊर्जा को सही काम और सही लोगों के बीच ही खर्च करें।
दरअसल, जिम्मेदारियां तो सभी के जीवन में होती हैं, जिसे हम सभी खुशी खुशी निभाते भी हैं। इन सबके बावजूद भी हम कहीं न कहीं परेशान जरूर रहते हैं कि कहीं किसी को हमारी तरफ से कोई दिक्कत तो नहीं। बस इसी सोच में पड़कर हम अनावश्यक समय और ऊर्जा दोनों की ही बर्बादी करते हैं। यह एक अच्छी बात है सबके साथ मिलकर रहना। हमारी जिंदगी पर सिर्फ हमारा ही अधिकार है। इस पर किसी दूसरे का दबाव तब तक नहीं हो सकता जब तक हमारी इजाजत ना हो। तो क्यों न हम अपनी बहुमूल्य ऊर्जा और समय दोनों को ही संरक्षित कर अपने लिए प्रतिदिन थोड़ा खुलकर जिएं।
1, अपनी ऊर्जा का सही उपयोग।
बिना वजह अनावश्यक कार्यों या बातों में और न हीं ऐसे लोगों के बीच रहकर जो सिर्फ समय का दुरूपयोग करते हों, उनके साथ अपनी कीमती ऊर्जा को बर्बाद करना सही नहीं। हम हर दिन जिन चीजों पर अपनी ऊर्जा लगाते हैं, हमारी जिंदगी वैसा ही रूप लेने लगती है। अपनी ऊर्जा को बचाने और बढाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपनी गलतियों पर तुरंत माफी मांगना और दूसरे की गलतियों पर भी उन्हें माफ करना। इससे हमारा दिल और दिमाग दोनों ही शांत हो जाता है। मन में किसी भी प्रकार की गंदगी भी नहीं रहती है। हर बात को साफ-सुथरे तरीके से देखें। किसी भी बात को अच्छे से सुनें और अनावश्यक तर्क देने से बचें। उन लोगों से बीच रहें जो हमेशा प्रोत्साहित करते हैं और नई चीजें सिखाते हैं। जो वास्तव में हमें समझते हैं। तो ऐसे में हम बहुत जल्द ही अपने आपको बदलते हुए देखेंगे।
2, अपनी जिम्मेदारी भी अहम है।
सबकी जिम्मेदारियों से पहले हमारी खुद की जिम्मेदारी आती है कि हम अपने आपको किस तरह से फिट रखे। तभी हम दूसरों का भी ध्यान रख पायेंगे। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रह कर व्यस्त कार्यों के बीच भी अपने लिए समय पर भोजन और आराम करने का समय निकालें। इससे हम खर्च हुए ऊर्जा को फिर से तैयार कर आने वाले कल के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।
हम हर किसी की कसौटी पर खड़े नहीं उतर सकते। इसलिए सबको खुश रखना हमारा कार्य नहीं है। सबसे पहले खुद को खुश रखना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। किसी भी अच्छे कार्यों की शुरूआत के लिए हम दूसरे का इंतजार करते रहते हैं। खुद से ही इसकी शुरूआत करनी होगी। सही समय पर सही फैसले लेने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
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