Saturday, 25 March 2023

झारखंड राय यूनिवर्सिटी :'इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड इनोवेशन इन बायोलॉजिकल एंड फार्मास्यूटिकल साइंसेज ' विषय पर नेशनल सेमिनार




राची, झारखण्ड  | मार्च  | 25, 2023 ::
झारखंड राय यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट ने  'इमर्जिंग ट्रेंड्स एंड इनोवेशन इन बायोलॉजिकल एंड फार्मास्यूटिकल साइंसेज ' विषय पर नेशनल सेमिनार का आयोजन किया।
सेमिनार का  विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।  उद्घाटन के बाद  उपस्थित अतिथियों और वक्ताओं  का सम्मान मोमेंटो और पौधा देकर किया गया।

स्वागत भाषण करते  हुए  झाखंड राय यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.(डॉ.) सबिता सेंगर ने विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग द्वारा आयोजित सेमिनार के विषय और विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से अपनी बात रखी।
कुलपति सेंगर ने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति और परंपरा का इतिहास काफी प्राचीन है। हमें अपनी विरासत को समझना है और इसे बचाए भी रखना है। नए विचारों का प्रवाह और उस विचार के स्थापित होने के पीछे संवाद की बड़ी भूमिका है।इस सेमिनार के आयोजन का उद्देश्य भी यही है कि हम सब इमर्जिंग ट्रेंड्स को पहचाने और उसपर अपने मौलिक विचार रखें।

स्वागत भाषण के पश्चात सेमिनार के स्मारिका का विमोचन किया गया।

जेआईएस  यूनिवर्सिटी, कोलकाता से उपस्थित सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ. टी. के. चटर्जी(डीन फॉर्मेसी)  ने अपने संबोधन के दौरान फार्मेसी और इससे संबंधित विभागों पर विस्तार से अपनी बात रखी।उन्होंने किसी भी मेडिसिन के निर्माण और उसके पेटेंट से जुड़ी पूरी प्रक्रिया का भी विस्तृत वर्णन किया। डॉ. चटर्जी ने कोरोना काल के समय मानव शरीर पर दवाओं के प्रभाव और दावा के प्रभावों का भी वर्णन अपने भाषण में किया।
मुख्य वक्ता के संबोधन के उपरांत तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें 200 से ज्यादा शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। तकनीकी सत्र दो वर्गों में विभाजित था जिसमें शोध पत्रों के अलावा सेमिनार के विषय से संबंधित पोस्टरों को भी प्रस्तुत किया गया।
तकनीकी सत्र के उपरांत सेमिनार के समापन समारोह को बीआईटी मेसरा के  डॉ. मानिक घोष ने संबोधित करते हुए फॉर्मेसी के क्षेत्र और भविष्य में आने वाले बदलावों पर अपना संबोधन किया।
धन्यवाद ज्ञापन संबोधन करते हुए झारखंड राय विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. पियूष रंजन ने सेमिनार में उपस्थित सभी अतिथियों, वक्ताओं, शोधार्थियों और विद्यार्थियों को उनके शोध पत्रों और सेमीनार को सफल बनाने में दिए गए योगदान के लिए धन्यवाद् दिया। डॉ.पियूष रंजन ने कहा की जीवन में सफलता उनके ही हिस्से में आती है जो मेहनत करने से नहीं घबराते है।

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