राची, झारखण्ड | अगस्त | 03, 2023 ::
राक्षसी शक्तियां बड़ी तेजी से बढ़ती है, रक्तबीज महिषासुर,रावण जैसे पंथ वादी जो स्वयं को भगवान कहते हैं , ऐ मायावी भी होते हैं,ए अधर्म को धर्म बताते हैं,ऐ स्वयं के डी एन ए में ही छेड़छाड़ करते हैं, जो छेड़छाड़ वैज्ञानिक पशुओं में भी नहीं करना चाहते हैं,
यही विनाश का कारण बहुल संख्या वाले जीवों का होता है , मछलियां, टिड्डे अपनी सामुहिक आत्महत्या कर लेते या महाभारत और कर्बला की तरह उत्पात के शिकार स्वयं हो जाते हैं , तेजी से बढ़ने वाले पौधे ,लता और मजहबी विचारों की आयु कम होती है , शेर ,हाथी की संख्या कम है पर भेड़ बकरियां की संख्या सर्वाधिक है , इसलिए सनातनी भीड़ को देखकर न लालायित होइए न हताश और न डरिए, अधर्मी रावण की तरह अत्यधिक रथ और हथियार से पुर्ण हो तो भी राम जमीन से युद्ध लड़कर रावण को और पाण्डव कौरवों को भारतीय फिरंगियों को धुल धुसरित कर देते हैं , इसलिए सत्य और शाश्वत धर्म सनातन है,और शेष धर्म खतरे में है, यही धर्म विचार धारा ब्रह्मांड के समाप्ति काल तक रहेगा, सनातन के राजा ययाति और विश्वामित्र के वंशज दुनिया में फैले गये, इसलिए सारी दुनिया में ब्राह्मण का डी एन ए मिलता है,
कल से बारह अगस्त तक श्री शिवपुराण की कथा होगी कथा वाचक पं रामदेव पाण्डेय बरियातू हाउसिंग में पिछले छब्बीस जुलाई से कथा कर रहे हैं ,
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