राची, झारखण्ड | अगस्त | 12, 2023 :: किसी भी देश की ताकत का अंदाजा उस देश के युवाओं की सक्षम कार्यप्रणाली और विचारों पर निर्भर करता है। सीधे शब्दों में कहें तो प्रतिभाशाली युवा किसी भी देश की उस मजबूत पिलर की तरह होते हैं जो उस देश को पूरी दुनिया के सामने मिशाल की तरह पेश करते हैं।
देश में नई तकनीक के निर्माण, राजनीति से लेकर व्यापार तक सबकुछ इन युवाओं की कार्यकुशलता पर निर्भर करता है।
देश की अर्थव्यवस्था में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने और उन्हें बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए एक मंच और दिन की जरूरत को महसूस कर 12 अगस्त के दिन अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। युवाओं का जोश अपने देश के प्रति यूं ही बना रहे इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देकर आने वाले समय में उन्हें और भी ज्यादा सशक्त बनाया जा सकता है।
1, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान।
युवाओं को आने वाले समय में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य की तरफ विशेष ध्यान देना होगा। हमारे बुजुर्गों ने भी कहा कि इस उम्र में बनाई गई अच्छी सेहत आगे के समय के लिए अच्छा माना जाता है। इसके लिए घर में बने स्वच्छ और ताजा भोजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सोने और सुबह उठने का एक निश्चित समय निर्धारित कर अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करना भी एक कला है। प्रतिदिन ध्यान के लिए समय निकालना भी उनकी दिनचर्या में शामिल हो।
कई बार शारीरिक स्वास्थ्य की तरफ ध्यान तो दिया जाता है लेकिन मानसिक स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दिया जाता है। अगर इस तरफ भी थोड़ा ध्यान दिया जाए तो युवाओं में अपने लक्ष्य के प्रति ज्यादा समर्पण की भावना होगी।
आज आगे निकलने की होड़ ने युवाओं में एक आजीब सी विकृति पैदा कर दी है। कुछ असर उनमें संगति का भी होता है। अपने दोस्तों से हर चीज में बराबरी का दिखावा कर वो अपना बहुमूल्य समय यूं ही गंवा देते हैं। सबसे पहले तो उन्हें यह समझना होगा कि सभी की योग्यता और क्षमता अलग होती है। वे अपनी सही योग्यता और क्षमता का आकलन कर अपने मंजिल की तरफ कदम बढायें।
लोगों की बातों में भ्रमित होने और गलत दिशा में रास्ता पकड़ने से अच्छा है कि थोड़ा धैर्य रख कर बड़ों के अनुभव से सीख लें।
दूसरी बात यह है कि किसी भी तरह के नशे को अपनी आदत में शामिल न करें। क्योंकि यह वो जाल है जिसमें एक बार फंसने के बाद उससे निकलना मुश्किल है।
इसके लिए सबसे अच्छा यह है कि वे शिक्षा के साथ अपनी संस्कृति से भी जुड़े रहें। हमारी भारतीय संस्कृति का पूरी दुनिया में डंका बजा है। अपने बड़ों से सीख लेकर नई पीढ़ी ही इसकी गरिमा को बचा सकती है।
2, अपनी ऊर्जा का सही उपयोग।
युवावस्था एक ऐसा समय होता है ,जब उनमें ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। कई बार वे अपनी कीमती ऊर्जा को अनावश्यक कार्यों में खर्च कर देते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि जिस कीमती ऊर्जा का उपयोग उन्हें अपने लक्ष्य प्राप्ति में करना चाहिए उसका उपयोग वे अनावश्यक गतिविधियों में करते हैं। जीवन का हर पल कीमती है। उसे सही दिशा में लगायें। संघर्ष से घबराएं नहीं क्योंकि संघर्ष जितना कठिन होगा जीत उतनी ही शानदार होगी। शिक्षा के साथ व्यवहारिक शिक्षा पर भी ध्यान देकर वे और भी ज्यादा सशक्त बन सकते हैं।
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