Friday, 30 June 2023

हर पल सच होते सपने : गुड़िया झा


हर पल सच होते सपने : गुड़िया झा

सपने देखना किसे अच्छा नहीं लगता। इस दिशा में हम तब ज्यादा निराश हो जाते हैं, जब सपने देखते हुए हम यह मान लेते हैं कि अपने सपनों को साकार करने में  सफल नहीं हो पायेंगे। 
पहले ही हार मान लेने की हमारी यह आदत राह में एक कदम भी चलते हुए डगमगाती भी है, डरती भी इतनी ज्यादा है कि आशा की किरणों को जागृत करना भी हमारे लिए मुश्किल हो जाता है।
 तो क्यों न हम आज ही अपनी इन गलत आदतों पर अंकुश लगा कर निकल पड़ें एक नई दिशा की ओर

1, हर छोटी प्रगति को पहचानें।
अच्छा स्वास्थ्य, अच्छे रिश्ते, मजबूत आर्थिक स्थिति ये सभी हमारे लिए मूल्यवान हैं। क्योंकि ये सब हमारे जीवन को अच्छा महसूस कराते हैं। हर छोटे कार्यों पर जीत हासिल करने का उत्साह  सुबह जल्दी बिस्तर से उठने के लिए प्रोत्साहित करती है।
 इससे दैनिक कार्यों को करने में भी खुशी होगी। क्योंकि भीतर से हम अच्छा महसूस करेंगे।
 हम अपने आसपास के लोगों को भी सर्वश्रेष्ठ देंगे।
अचानक से बहुत बड़ी खुशी का इंतजार हमें हर छोटी-छोटी खुशियों को मनाने से वंचित कर देती है। 
जिसके कारण हम वर्तमान का आनंद भी ठीक से नहीं ले पाते हैं। 
आनंद की अनुभूति तो तब ज्यादा होती है जब हम सीमित संसाधनों के बीच भी सुकून के दो पल बिताते हैं। 
खुलकर मुस्कुराते हैं।
 इस बात की क्या गारंटी है कि बहुत अधिक पैसा, महंगी गाड़ियां, बड़ा घर होने के बाद भी हम खुश रहें। भौतिक साधनों का होना बुरा नहीं है। 
लेकिन भीतर की शांति की तुलना इन सब चीजों से नहीं की जा सकती है।

2. सफलता को बढ़ते देना ही सपनों को सच करना है।

बड़े-बड़े महापुरूषों ने कहा है कि यदि हम विकसित नहीं हो रहे हों, तो इसका मतलब है कि हम आगे नहीं बढ़ रहे हैं।
 मतलब, हम सीख नहीं रहे हैं तो बढ़ नहीं रहे हैं। तो ऐसे में प्रगति नहीं कर सकते हैं।
 विकास वह है जो जीवन को सही अर्थ देता है और अधिकतम विकास तब होता है जब हम अपने सपनों का पीछा कर रहे होते हैं। 
यह हमें मजबूत व समझदार बनाता है। 
जो हमारे जीवन के हर क्षेत्र में मदद करता है। 
अपने सपनों को छोड़ना मतलब कोशिश करने, असफल होने, सीखने, बढ़ने के अवसरों को कम करना।
 कई बार काश हमने यह किया होता तो अच्छा होता कि भावना सुस्त, उदास , निराश कर सकता है।
 हमारी हर दिन की कोशिश एक दिन वह दरवाजा भी हमारे लिए खोल देगी जिसके बारे में हमने कभी सोचा भी नहीं था। 
सफलता के फूल कभी भी एक दिन में नहीं खिलते। यह हमारी वर्षों से हर एक दिन, हर पल की कड़ी मेहनत और कभी हार न मानने के रवैये का मीठा फल है। 
दृढ़ता हमारे अवचेतन मन के सपने को गंभीरता से लेती है। सफल लोगों ने भी हमेशा यह रवैया रखा कि वे अपनी सफलता के बहुत करीब हैं। 
इसी भावना के सहारे उन्होंने सफलता की कहानी लिखी।

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