Monday, 24 July 2023

"कल करै सो आज कर, आज करै सो अब" : गुड़िया झा


"कल करै सो आज कर, आज करै सो अब" : गुड़िया झा

 हमारी आदतों की जंजीरें तब तक ही हल्की लगती हैं, जब तक कि हम उन्हें तोड़ने की कोशिश नहीं करते हैं ।
 हमारी आदतें हमारे उज्ज्वल भविष्य की संभावनाओं को आबाद भी कर सकती हैं, बर्बाद भी। 
अपनी जो अच्छी आदतें हम विकसित करते हैं उससे हम दिनोंदिन मजबूत होते जाते हैं। 
हमारे कार्य करने का तरीका हमारी आदतों पर निर्भर करती है।
 कुछ आदतें हमारी कार्य की गति को आगे बढ़ाती हैं, तो वहीं कुछ आदतों की वजह से हम आगे बढ़ने की दिशा में कुछ पीछे भी हो जाते हैं।

अपनी नकारात्मक आदतों को सकारात्मकता में परिवर्तित कर सफलता की राह को आसान बना सकते हैं।

1. टालने की आदत से बचें।
हम में से अधिकांश लोग अपने मन से इतने कमजोर होते हैं कि आसान से कार्य को भी कल पर छोड़ देते हैं। हमारी इसी आदत से आने वाला प्रत्येक कल भी खाली चला जाता है। कई बार मन होते हुए भी हम अपने विचारों में इतने उलझे होते हैं कि दिमाग में एक अजीब सी हलचल होती रहती है जो हमें लगातार परेशान करती है। अंत में हम खुद से हार जाते है और हमारे सपने भी अचेतन मन में दब जाते हैं। 
इसके अनुकूल अपनी इच्छा शक्ति को मजबूत करते हुए कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दें। पहले दिन शुरूआत भले ही छोटी हो लेकिन आने वाले दिनों के लिए यह एक सीढ़ी की तरह कार्य करेगा। फिर अगले दिन अपने इसी कार्य के लिए थोड़ा समय अवश्य निकालें। कुछ ही दिनों में यह प्रक्रिया हमारी आदतों में शामिल हो जाएगी और हम हर एक दिन के लिए तैयार होते जाएंगे। 
सफलता कभी भी किसी को एक दिन में नहीं मिलती है। यह हमारी हर एक दिन की कड़ी मेहनत का परिणाम धीरे धीरे दिखता है।

2. दूसरों को दोष देने से बचें।
जब हम अपने हाथ की एक उंगली को दूसरों की तरफ बढ़ाते हुए दोष देते हैं, तो बाकी की सभी उंगलियां हमारी तरफ ही मुड़ती हैं। दूसरों को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना हम इंसानों की फितरत में है। 
अपनी जिम्मेदारी हमें खुद ही लेनी होगी। तब जाकर दूसरों की जिम्मेदारी का ख्याल भी रख सकेंगे। अधिकांश समय उन चिजों पर खर्च करें जो हमें आगे बढ़ाने में मदद करती हैं न कि उन चीजों में जो हमारे दिमाग को उलझा देती हैं। 
बड़ी सोच वाले लोग अच्छे विचारों पर चर्चा करते हैं। मध्यम सोच वाले घटनाओं पर चर्चा करते हैं और निम्न सोच वाले लोग दूसरे लोगों पर चर्चा करते हैं। अपने जीवन के बारे में हम जितनी चिंता करेंगे उतने ही सफल होंगे

3. समय बड़ा बलवान
 ईश्वर ने इस धरती पर सभी के लिए एक दिन के 24 घंटे ही निर्धारित किए हैं।अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम इन 24 घंटों का उपयोग किस तरह से करते हैं। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि कड़ी मेहनत के बीच हमारे दिल और दिमाग को आराम और थोड़े से मनोरंजन की जरूरत होती है। बीच-बीच में सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेना भी सफलता के द्वार खोलता है। 
जहां तक कार्यों की कोई सूची की बात है, तो कई बार हम उन कार्यों में भी अपनी ऊर्जा अनावश्यक रूप से खर्च करते हैं जहां उनकी जरूरत नहीं होती है।  फिर हम कहते हैं कि हमारी मेहनत तो बेकार चली गई। 
अगर हम अपने आवश्यक कार्यों की सूची पहले से तैयार कर उसके अनुसार कार्य करेंगे, तो आवश्यक कार्यों में भी अपने समय और ऊर्जा को लगाकर सफलता को आसान बनाएंगे।

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