रांची। मस्जिद ए जाफरिया में मजलिसे जिक्र में शहीदाने करबला का आगाज हो चुका है मोहर्रम का चांद देखते ही शिया मुसलमानों के घर में हर तरफ से हाय हुसैन की सदा गूंजने लगी है मस्जिद ए जफरिया स्थित अंसार नगर में 10 दिवसीय मजलिसे जिक्रे शहादत एक मोहर्रम से 10 मोहर्रम तक रात्रि 8 बजे से किया गया है । इस मजलिस को मुख्य रूप से हाजी मौलाना सैयद तहजीब उल हसन रिजवी इमाम मस्जिद ए जफरिया रांची संबोधित कर रहे हैं। मौलाना तहजीब उल हसन ने इस्लाम धर्म से आस्था रखने वालों को बताया कि इस्लाम को लाने वाले का नाम मोहम्मद है और इस्लाम को बचाने वाले का नाम हुसैन इब्ने अली है आज अगर इमामे हुसैन ने अपने पूरे घर की कुर्बानी कर्बला में नदी होती तो आज इस्लाम का नाम लेवा कोई ना होता मोहर्रम इसलिए मनाओ ताके इस्लाम पहचाना जाए इस्लाम सिर्फ नमाज से नहीं बल का अच्छे करतब से पहचाना जाएगा नमाज को जिसने बचाया उसका नाम हुसैन है उसके कुर्बानी को भूल जाना इस्लाम के साथ धोखा है इस्लाम में धोखा देना मना है । यह कार्यक्रम 29 जुलाई तक चलता रहेगा। 27 जुलाई को मजलिस के बाद आलम का मातमी जुलूस मस्जिद ए जाफरिया परिसर से निकाला जाएगा 28 जुलाई को संध्या 8 बजे अनवर टावर विश्वकर्मा मंदिर मेन रोड से निकालकर मस्जिद ए जफरिया पहुंचेगा और वहां पर सभा में तब्दील हो जाएगा। 29 जुलाई 10 मोहर्रम को जुलूस ए रोजे आशूरा बाद नमाज जोहर मस्जिद ए जफरिया परिसर से एक बजे दिन में निकलकर चर्च रोड विक्रांत चौक टैक्सी स्टैंड मेन रोड अंजुमन प्लाजा होते हुए कर्बला पहुंचेगा इस वर्ष का मोहर्रम पिछले वर्ष की तुलना में बहुत ही जोशो खरोश के साथ मनाया जाएगा। तमाम अखाड़े के खलीफाओं का टैक्सी स्टैंड में ऑल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड अंजुमन जफरिया के तत्वाधान में स्वागत किया जाएगा।
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