Wednesday, 26 July 2023

पिछड़ों की उपेक्षा बंद करे सरकार : तत्काल 27% आरक्षण की व्यवस्था लागू करे- महेश्वर साहु

पिछड़ों की उपेक्षा बंद करे सरकार : तत्काल 27% आरक्षण की व्यवस्था लागू करे- महेश्वर साहु

3 अगस्त को विधानसभा के समक्ष त्राहिमाम धरना-प्रदर्शन
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रांची।   झारखंड प्रदेश वैश्य मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष एवं झारखंड आंदोलनकारी महेश्वर साहु ने कहा है कि झारखंड में पिछड़ों के साथ भेदभाव और उपेक्षा विगत 22 वर्षों से की जा रही है. संयुक्त बिहार में तमाम पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण का लाभ दिया जाता था. झारखंड के लोगों ने सोचा था कि अलग राज्य बनने के बाद उनकी सुविधा एवं संसाधन में बढ़ोत्तरी की जायेगी. लेकिन अफसोस की बात है कि उनके बाल-बच्चों के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ कर दिया गया. पिछड़ों के 27% आरक्षण कोटा को घटा कर मात्र 14% कर दिया गया है. यह पिछड़ों के साथ घोर अन्याय और बाबा भीमराव अम्बेदकर के संविधान की अवहेलना है. यह सामाजिक न्याय की भावनाओं के भी विपरीत है. इससे ओबीसी छात्रों एवं नौकरी के अभ्यर्थियों को भारी नुकसान पहुंचा है. 
  श्री साहु ने कहा कि वैश्य मोर्चा कई वर्षों से मांग करती आ रही है कि सरकार अपने वायदे के अनुसार पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण की व्यवस्था लागू कर दे. अब चूंकि कल 28 जुलाई से विधानसभा का मॉनसून सत्र आहूत है तो मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन एवं महागठबंधन सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए कि इसी सत्र में ही संवैधानिक अड़चनों को दूर करके ओबीसी को 27% आरक्षण देने का प्रस्ताव पारित कराया जाए. नहीं तो 3 अगस्त को विधानसभा के समक्ष 'त्राहिमाम धरना-प्रदर्शन' का आयोजन किया जायेगा. 
   श्री साहु ने कहा कि हम विपक्ष के सारे विधायक एवं नेतागण से भी आग्रह करते हैं कि राज्य सरकार पर दबाव बना कर 27% आरक्षण देने की बात हो.
   श्री साहु ने यह भी कहा कि राजनीतिक दल एवं नेताओं को यह मालूम होना चाहिए कि पूरे देश में पिछड़ा वर्ग एक बड़ी ताकत और आबादी है. झारखंड में भी ओबीसी की आबादी 54% के करीब है. इस वर्ग की उपेक्षा करके कोई भी दल सत्ता हासिल नहीं कर सकता है.

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