इको-फ्रेंडली दिवाली और पर्यावरण का साथ : गुड़िया झा
दीपों का त्योहार हमेशा सबके लिए खुशियां लेकर आता है। ये खुशी यूं ही बनी रहे, इसलिए बदलते परिवेश में इको-फ्रेंडली दीवाली मनाने का तात्पर्य हमारा पर्यावरणीय स्थिरता को प्राथमिकता देना है। वास्तव में पृथ्वी का सम्मान बढ़ाने का यह अनोखा तरीका आनंददायक अवसर सुनिश्चित करता है। जिसमें पेड़-पौधे सबकी दीवाली शामिल है।
इससे हम भविष्य में पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश दे सकते हैं।
इस बार हम सभी पर्यावरण अनुकूलता के साथ दिवाली मनाने की कोशिश करें और स्वस्थ एवं हरित दुनिया में अपना योगदान दें।
1 वन्य जीवों की रक्षा।
बाजारों में बहुत ही तेज आवाज वाले पटाखों का चलन है। इससे वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास में बाधा पहुंचती है। ध्वनि प्रदूषण को कम करके हम प्राकृतिक वातावरण और इसके निवासियों की सुरक्षा कर सकते हैं।
किसी भी त्योहार को स्वस्थ तरीके से मनाने के पीछे सबके हित की भावना समाहित होती है।
2 मिट्टी के दीपों का उपयोग।
दिवाली में बिजली और डिस्पोजेबल सामग्री का अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने से प्राकृतिक संसाधन खाली होते हैं।
इसके अनुकूल कम बिजली का प्रयोग करने वाली लाइटिंग का उपयोग करके और बार-बार उपयोग किए जाने वाले या रीसाइकिल योग्य आइटम चुनकर हम संसाधनों को संरक्षित कर सकते हैं। मिट्टी के दीपों का जवाब नहीं। इससे पर्यावरण की रक्षा तो होती ही है साथ ही हमारे आसपास मिट्टी के दीपों को बनाने वाले लोगों को भी रोजगार का एक सुनहरा अवसर मिलता है।
3 हैंडमेड गिफ्ट का चुनाव उपयोगी।
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और प्लास्टिक से बने गिफ्ट देने की बजाय कपड़े या जुट जैसे कुदरती सामानों से बना कोई उपयोगी गिफ्ट का चुनाव ज्यादा अच्छा रहता है। साथ ही गिफ्ट को उन चमकदार प्लास्टिक से बंद ना करें क्योंकि प्लास्टिक को रीसाइकिल करना मुश्किल होता है। इसकी जगह अखबारों का चुनाव कर सकते हैं।
4 रंगोली में कुदरती चीजों का उपयोग।
मां लक्ष्मी के आगमन के लिए रंगोली हर घर में बनाई जाती है। क्यों न इस दीवाली रंगोली केमिकल रंगों की जगह कुदरत से दी गई चीजों से बनाएं।
जैसे- गुलाब, गेंदे, गुलदाउदी सहित कई तरह के फूलों और पत्तियों के साथ बनाएं। इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए हल्दी, कुमकुम और कॉफी पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
5 पटाखे भी इको-फ्रेंडली उपयोगी।
सभी तैयारी के बाद अगर दिवाली के पटाखे भी इको-फ्रेंडली हों तो क्या कहना। बच्चे ज्यादा आवाज वाले पटाखे पसंद करते हैं। उन्हें समझाना भी हमारा ही काम है। इन पटाखों को रीसाइकल पेपर से बनाया जाता है।
6 पुरानी चीजों का सही उपयोग।
घर की सफाई करते समय कुछ ऐसी चीजों को भी हम फेंक देते हैं, जो दूसरों के लिए उपयोगी होती हैं। अगर हम उन चीजों को अपने आसपास के किसी जरूरतमंद को दें, तो वे चीजें फिर से इस्तेमाल होने लगेंगी।
अपनी तरफ से कुछ फल, मिठाइयां और पटाखे देकर भी अपनी खुशी के साथ दूसरों के खुशी को भी हम बढ़ा सकते हैं।
No comments:
Post a Comment