नई दिल्ली | जून | 19, 2020 :: केंद्रीय संसदीय कार्य एवं भारी उद्योग लोक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि कोरोना की वैश्विक महामारी के वर्तमान दौर में अणुव्रत आन्दोलन के सिद्धान्तों को जीवन में उतारना वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरुरत हैं।
मेघवाल अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के 101वें जन्मदिवस के अवसर पर अखिल भारतीय अणुव्रत महासमिति द्वारा अणुव्रत संसदीय मंच के सौजन्य से आयोजित ऑन लाइन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। मेघवाल संसदीय मंच के *राष्ट्रीय संयोजक* भी हैं।संगोष्ठी का संचालन अणुव्रत समिति दिल्ली की मन्त्री कुसुम लुनिया ने किया।
मेघवाल ने बताया कि आज कोविड-19 के कालखण्ड में सारा विश्व अणुव्रत प्रवर्तक अनुशास्ता आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ के बताए मार्ग पर चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना विषाणु के संक्रमण से बचने के लिए सभी लोग अपने मुँह पर मास्क पहन रहे हैं। भारतीय संस्कृति के अनुरूप नमस्कार कर रहे है और शाकाहारी भोजन को दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं।
उन्होंने रसोई घर और किचन की रोचक व्याख्या की और बताया कि दरअसल हमारी रसोई रसायन शाला है जिसमें पकने वाले भोजन में अलग ही रस आता हैं। जबकि पाश्चात्य संस्कृति के किचन रस की जगह विकृतियों का घर है ।
केन्द्रीय राजू मन्त्री ने कहा कि आज हमारी चिकित्सा पद्दति आयुर्वेद और काढ़ा और योग पूरी दुनिया में पहुँच रहा हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से सारा विश्व २१ जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा हैं।
मेघवाल ने सभी से अपील की वे महान संत तुलसी,महाप्रज्ञ और महाश्रमण के उपदेशों को जीवन में उतारें और वर्तमान परिस्थितियों में छोटे छोटे व्रत लेकर देश दुनिया में भारतीय संस्कृति के प्रसार में भागीदार बने।
उन्होंने बताया कि आचार्य जी की प्रेरणा से मैरे जीवन में प्रशासनिक अधिकारी से राजनीति में आकर लोगों की सेवा करने के रूप में चमत्कारी परिवर्तन हुए ।
मेघवाल ने वर्तमान दौर में निराशा और हताशा को छोड़ने और आत्महत्या जैसे अपराध नही करने की अपील की।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ी जा रही कोरोना की जंग में हमें विजय मिलेगी। हम विश्व बंधुत्व की भावना से देश विदेश के लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।
प्रारम्भ में आचार्य महाश्रमण जी प्रेरणा से मंगलपाठ हुआ एवं पूर्व अध्यक्ष रमेश जया जैन ने नेपाल से अणुव्रत गीत प्रस्तुत किया। अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष अशोक डूगंरवाल ने संगोष्ठी के सभी सभागियों का स्वागत किया।
इस मौके पर अणुव्रत प्रवक्ता महेन्द्र कर्णावत राजसमन्द ने विषय प्रवेश की रूप रेखा प्रस्तुत की और अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास के सम्पत नाहटा निवर्तमान अध्यक्ष अशोक संचेती,अणु व्रत विश्व भारती के अध्यक्ष संचय जैन
अखिल भारतीय श्वेताम्बर महासभा कोलकाता के अध्यक्ष सुरेश गोयल महामन्त्री भीखम सुराणा और श्रौताओं की ओर से जिज्ञासा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
संगोष्ठी में अणुव्रत समिति दिल्ली के अध्यक्ष डॉ पी सी जैन समिति के परामर्शक गोपेंद्र नाथ भट्ट रमेश चौधरी टीकम सेठियां माला कटारियाँ और तनसुख बैद आदि ने भाग लिया।
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