Wednesday, 23 December 2020

पत्रकारों की संवेदना को दिल से महसूस करता हूं, पत्रकारों के मुझ पर बहुत अहसान : रामेश्वर उरांव ( वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री )

रांची , झारखण्ड  | दिसम्बर  | 23, 2020 :: झारखण्ड के पत्रकारों की दशा और दिशा पर सेमिनार सह पत्रकार सम्मेलन का आयोजन हटिया स्थित नन्दन कानन पैलेस में सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम का आयोजन जेयूजे की राँची महानगर इकाई के द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो और विशिष्ट अतिथि के रूप में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव और हटिया के विधायक नवीन जायसवल उपस्थित रहे। संयुक्त रूप से कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर अतिथियों ने उद्घाटन किया। कार्यक्रम का संचालन यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता पत्रकार अरविंद प्रताप ने किया। राँची महानगर के अध्यक्ष जावेद अख्तर, रजत गुप्ता और शिव अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष को बुके, शॉल और स्मृतिचिन्ह देकर स्वागत किया।

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो ने कहा कि इस कार्यक्रम में आने के बाद उनकी जिमेवारी बढ़ गयी है कि वे इस बात को सरकार तक पँहुचाएँ, कहा कि पूरी संवेदना के साथ वे इस बात को सरकार के पटल पर रखेंगे, ताकि पत्रकारों की समस्याएं दूर हो सके।

इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सह वित्त-खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि राज्य के पत्रकारों की पीड़ा को कम करने की उनकी कोशिश होगी, वे जरूर इन मसलों को सरकार के समक्ष रखने का काम करेंगे। श्री उरांव ने कहा कि वे प्रतिबद्धता के साथ पत्रकारों के लिए खड़े हैं।

वहीं सूबे के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि पत्रकारों की पीड़ा को मै बहुत शिद्दत के साथ महसूस करता हूँ यही कारण है कि सरकार जल्द ही पत्रकारों के लिए राहत की योजना लेकर आएगी, श्री गुप्ता ने कहा कि जल्द ही इसका सार्थक रिजल्ट सामने आएगा।
एनयूजे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रजत गुप्ता ने कहा कि पत्रकारहित में नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट सदैव प्रयत्नशील रहा है।
वहीं झरखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के प्रदेश महासचिव शिवकुमार अग्रवाल ने कहा कि पत्रकारों की रक्षा के लिए झारखण्ड में झारखण्ड यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने लम्बी लकीर खींची है। उन्होंने कहा कि वे इस कार्यक्रम के माध्यम से झरखण्ड के शहरी और आंचलिक पत्रकारों के लिए जीवन बीमा, मेडी-क्लेम, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने, एक्रेडिशन कार्ड बनाने, पत्रकारों को 5 डिसमिल जमीन उपलब्ध कराने की मांग मैं सरकार से करते हैं।

राँची प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि आज पत्रकारों की दशा अत्यंत चिंताजनक है  सरकार को संज्ञान लेना चाहिए प्रेस क्लब ने भी लगातार सरकार तक बातें पँहुचाई है।
प्रेस क्लब के महासचिव अखिलेश सिंह ने कहा कि  प्रेस क्लब लगातार मुखरता से पत्रकारों समस्याओं के बाबत आवाज़ बुंलद करता रहा है। अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रेस क्लब के महासचिव अखिलेश सिंह ने जेयूजे की सदस्यता ग्रहण की साथ ही सानू झा को राँची महानगर टीम में सचिव पद की जिमेवारी भी सौंपी गई। जल्द ही राँची प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश सिंह और महासचिव अखिलेश सिंह को संगठन में बड़ी जिमेवारी सौंपे जाने की बात भी कही गयी। इस मौके पर जेयूजे राँची महानगर के सभी सदस्यों को अंग वस्त्र देकर अतिथियों के द्वारा  सम्मानित किया गया।
साथ ही समाजसेवा के लिए पंकज सोनी, रामशंकर प्रसाद, जितेंद्र कुमार वाणी,रमेश प्रसाद, केजरू मुंडा, मुबारक खान और मोहित लाल को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से जेयूजे के प्रदेश उपाध्यक्ष रजीव नयनम, प्रदीप अग्रवाल, सुदाम प्रधान, कयूम खान, उपेंद्र गुप्ता, श्रीमत चटर्जी, सुदीप सिंह, केदार महतो, मोहमद राही, मो जावेद, दीपक ओझा, नवीन शर्मा, विशु प्रसाद, राँची महानगर के अध्यक्ष जावेद अख्तर, उपाध्यक्ष रतन लाल, विशु प्रसाद, धर्मेंद्र गिरी, संदीप मिश्रा राजीव, हेमंत झा, सैयद रमीज,  सूरज सिंह, कोषाध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ,संगठन सचिव सह प्रवक्ता विनय राज, कार्यकारिणी सदस्य समीर हैजाजी, आकाश सिंह, मो. आसिफ, संजीव मिश्रा, प्रदीप ठाकुर, चंदन भट्टाचार्य, मुन्ना कौशिक, विशु विशाल, अंकुर सिन्हा, परवेज कुरैशी, चंदन सिन्हा, प्रतीक सिंह, संजीत कुमार झा, हेमंत सूत्रधार, रिंकी राज, आकाश कुमार, संतोष सिंह, विनय मुर्मू, नैयार शाहिद, नौशाद, राज सिंह, पूजा भारती, पंकज राणा, सैयद फिरोज, विजय कुमार गोपा, विनय राज। ग्रामीण पत्रकारों में प्रताप सिंह ,केदार महतो , रंगनाथ चौबे , अरविंद स्वर्णकार , ओम प्रकाश सिंह , कयूम खान , सुदाम प्रधान , प्रदीप अग्रवाल , विनोद विश्वकर्मा, रणधीर निधि , मनोज मिश्रा, अमित साहू , संजय साहू , रामप्रसाद , सुनील गुप्ता , प्रदीप महतो , केशव भगत , मो गफ्फार , राजू सिंह , रमेश सिंह ,धीरेंद्र चौबे , सुदीप सिंह , जावेद अख्तर , नागेंद्र शर्मा साहब अली , सबीर अंसारी , कृष्णा चौधरी सहित सैकड़ों पत्रकार उपस्थित थे।

Monday, 7 December 2020

Fit India Movement @ IIM Ranchi :: Fitness ka Dose aadha ghanta har Roz.

Ranchi, Jharkhand  | December  | 08, 2020 :: 
IIM Ranchi celebrated Fit India Movement with the theme “ Fitness ka Dose aadha ghanta har Roz”. Under the fit India campaign, various activities e were organised like Walkathon / Running, yoga session, exercises on treadmill / mini gym.

Prof. Shailendra Singh, Director, IIM Ranchi addressed the faculty, students and staff who were present physically and connected through virtual mode on the closing ceremony of Fit India Movement and said “ Breathing is directly proportional to longevity”. He quoted the example of tortoise lifespan of 150 years and said that if we can take things slow in life especially breathing  then we can live longer and healthier. He further added that we should show gratitute for whatever we have achived in life and create our own social support sytem by helping others and feel gratified in life.

Prof.G Naresh talked about three main divisions of yoga practice: astanga-yoga, jnana-yoga, and bhakti-yoga mentioned in Bhagwat Gita.He also dicussed about Patanjali's Yoga Sutra, the eightfold path is called ashtanga, which literally means "eight limbs" (ashta=eight, anga=limb). These eight steps basically act as guidelines on how to live a meaningful and purposeful life. These eight eightfold path consists of Yama, Niyama, Asana, Pranayama, Pratyahara, Dharana, Dhyana, Samadhi. He also conducted a small mediation session to make the audience understand that a small meditative breaks can lead to better results in life and also at work.

Prof Angshuman Hazarika said that sports should be integrated with studies and traiditional sports like Kabbadi and Kho needs to be commercialised. He also suggested the ways of promoting sports biographies just like “Queen Gambit” on Netflix. Sports should be taken as recreational activity and should be taken up by people of all ages, he further added.





Wednesday, 18 November 2020



Jamshedpur, Jharkhand | November  | 18, 2020 ::  International Book of Records declared The World Record of most side jumps pushups in one minute to Baldeep Singh of Jamshedpur, Jharkhand on 11th of November  2020.
Baldeep achieved 31 repetitions of side jumps in one minutes.
Officials of International Book of records informed Baldeep through there Facebook page and also uploaded his video on YouTube ( https://youtu.be/n1gDm4W18zI )

Monday, 16 November 2020

The 50th annual Competition 2020 by Ramkrishana Mission Ashram :: Last date to register : 10th of  December 2020



Ranchi, Jharkhand  | November  | 16, 2020 :: Ramkrishana Mission Ashram, Ranchi will organize its 50th annual Competition 2020 in Association with Indian Yoga Assocition And Lions Club International 322A. 
Competition will be in Online Mode


Free Registration opens on 15th November 2020.
Last date to register :: 10th of  December 2020
Register your name at www.rkmranchi.org/competition




This Ashrama is going to conduct its 50th Annual Compeon this year during the 3rd week of December 2020 with a target to cover 50000 students.
The objecve of the competition is to expose youths to develop self confidence and leadership quality through the powerful speeches and wrings of Swami Vivekananda.
Ashram believe that the students have a very impressionable mind and if we mould them now it would decide the future of our country.

Due to corona virus pandemic, this year the competition will be conducted in online mode.

Events to be held : Quiz and Recitaon
Quiz competition will be mainly based on life and teaching of Swami Vivekananda, general knowledge and math reasoning.

There will be 4(four) separate sessions of test for 4(four) different level of students viz. Class 3 to 5, 6 to 8, 9 to 10 and 11 and above.

Study materials to prepare for the quiz is available on the web link : www.rkmranchi.org /competition

Recitation completion  will be mainly based on life and teaching of Swami Vivekananda.

There will be 2(two) separate sessions of test for 2(two) different level of students viz. Class 5 to 7 and 8 to 10.

Matter to be recited level wise is available on the web link www.rkmranchi.org /competition.

The students will be required to video record the recitaon for 3 minutes and the same video clip to be uploaded for assessment

Eligibility to parcipate in the competition :
All students from class 3 to 10 and 11 & above

Special Attractions :
* Registraon free
* All parcipang students will be issued e-cerficate
* Winners will be given prize on the occasion of National Youth Day 12th January 2021 to be held in Ashrama premises.

Important Dates:
On line Registraon Opens on 15th November 2020 and closes on 10th December 2020
Competition will be conducted in the 3rd week of December 2020.

For Details Please Visit www.rkmranchi.org /competition 

Thursday, 5 November 2020

राशिफल - 06 नवंबर -- शुक्रवार :: डा. स्वामी दिब्यानन्द जी महाराज -


                                                                                         मेष - पुरुषार्थ के बल पर कार्य संपन्न हो सकता है, मकान जमीन के क्षेत्र में    
      भी लाभ प्राप्त हो सकता है।
 
वृष - भाईयों का परामर्ष लेकर कार्य प्रारंभ करना उचित रहेगा, धन संचय के 
      अच्छे अवसर हैं, चुकें मत।

मिथुन - निवेष के माध्यम से लाभ मिल सकता है, दिनचर्या मस्त मस्त ब्यतित 
        होगा।

कर्क - शुभ कार्य के पीछे धन ब्यय होंगे, तनमन चैतन्य रहेगा। 

सिंह - प्रतिक्षीत योजना सफलीभूत होने की आशा है, ब्यय पर नियंत्रण 
       आवश्यक जान पडता है।

कन्या - नौकरी पेषा के जातकों को पदोन्नती की आशा है, कई प्रकार के लाभ 
        भी प्राप्त हो सकते हैं।

तुला - कर्म क्षेत्र में लाभ के अवसर जान पडते है, आध्यात्मिक उन्नती के भी 
       अवसर हैं।

बृषिचक - पुष्तैनी संपती के क्षेत्र में लाभ मिल सकते हैं, पुरुषार्थ कर भाग्यवर्धण 
          करें।
 

धनु - प्रेम प्रणय के क्षेत्र में लाभ प्राप्त होंगे, ब्यवसाय के क्षेत्र में लाभ मिल
      सकता है।

मकर - बकाये रकम की प्राप्ति होगी, जीवनसाथी का परामर्ष लाभकारी सिद्ध 
        होगा।

कुंभ - पठन पाठन से संबधित जातकों को लाभ प्रापत होंगे, शत्रु भी शरणगत 
       हो सकता है।

मीन - ब्यय की अध्सिकता के कारण मन खिन्न रहेगा, नये वाहन के भी योग 
       बन रहे हैं। 
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पक्ष -                         शुक्ल

मास -                        कार्तिक

विक्रम संवत -                   2077

शकसंवत -                     1942

नक्षत्र -                      पुनर्वसु भोर 04.50 पर्यंत, उपरांत पुष्य
 
दिशाशूल -                   पषिचम एंव नैऋत्य यात्रा ना करें, 
                             आवश्यक हो, तो दही ग्रहण कर घर से
                             निकलें,   
                                   
राहूकाल -                    10.30 से 12.00  
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                
चैघडिया मुहूर्त -           चर - 05.57 से 07.21
                         लाभ - 07.21 से 08.45
                        अमृत - 08.45 से 10.08
                         शुभ - 11.32 से 12.56 
                                                                                                                                                                                                      
जन्मदिन मंगलम-                 ’’ 06 ‘‘

अंक ज्योतिष के अनुसार-              स्वामी  ‘‘ शुक्राचार्य ‘‘  हैं।
                    
शुभ व्यवसाय-                        कंप्यूटर, घड़ी, संगीत, वाद्य यंत्र, 
                                    अभिनय, पत्रकारिता, केमीकल्स, आदि।
                                             
शुभ रंग-                            चमकीला सफेद, आसमानी।

शुभ मंत्र-                            ॐ शुं शुक्राय नमः।
देव-                                कीर्तार्जून जी महाराज।


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                        डा. स्वामी  दिब्यानन्द जी  महाराज - 9431108333                                                                              









              




                                                   

                                              
ं                                                                                                         


                     
  















Saturday, 24 October 2020

सी एम् पी डी आई में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत ऑनलाइन चित्रकला एवं क्विज प्रतियोगिता का होगा आयोजन

रांची, झारखण्ड |  अक्टूबर   | 24, 2020 :: सेंट्रल माइनिंग प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टिट्यूट लिमिटेड के द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार हर वर्ष सतर्कता जागरूकता सप्ताह अखंडता, सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक प्रयास के साथ हर साल मनाया जाता है। सतर्कता जागरूकता सप्ताह नैतिकता, सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए एक प्रयास के साथ हर साल मनाया जाता है। सीवीसी, नई दिल्ली, सतर्कता जागरूकता सप्ताह, 2020 के निर्देशों के अनुसार, 27 अक्टूबर 2020 से 2 नवंबर 2020 तक सीएमपीडीआई में मनाया जाएगा। इस वर्ष के सतर्कता जागरूकता सप्ताह का विषय “सतर्क भारत-समृद्ध भारत” है |

इस साल कोविद 19 के कारण कि सभी प्रतियोगिताओं का आयोजन ऑनलाइन मोड के माध्यम से किया जा रहा है | प्रतियोगिता के पोस्टर और वेबसाइट के विमोचन के अवसर पर CMPDI सतर्कता विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी श्री सुमीत कुमार सिन्हा, जी एम् सतर्कता श्री पुष्कर, श्री संजय कुमार ठाकुर एवं कलाकृति आर्ट फाउंडेशन के सचिव धनंजय कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थें |

इस प्रतियोगिता के अंतर्गत कक्षा 8 से 12 के बच्चों के लिए ऑनलाइन चित्रकला (2 नवम्बर) एवं क्विज (3 नवम्बर ) का आयोजन किया जायेगा | प्रतियोगिता में रांची के किसी भी स्कूल के छात्र भाग ले सकते हैं | जो भी छात्र इस प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक है वो अपना रजिस्ट्रेशन 27 अक्टूबर 2020 तक के प्रतियोगिता के वेबसाइट *www.kalakritisoa.com/cmpdivaw2020* में ऑनलाइन फॉर्म भर के करा लें | कार्यक्रम का आयोजन कलाकृति आर्ट फाउंडेशन, रांची के माध्यम से किया जा रहा है और वे कार्यक्रम के बारे में सभी आवश्यक जानकारी और सहायता प्रदान करेंगे। प्रतियोगिता पुर्णतः निशुल्क है | विजेताओं को पुरस्कार स्वरुप नगद राशी दी जाएगी | प्रथम स्थान पे 2500/-, दुतीय पे 2000/- एवं तीसरे  स्थान पे आने वाले को 1500/- प्रदान की जाएगी| साथ ही साथ प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी छात्रों को प्रमाणपत्र एवं टीशर्ट प्रदान की जाएगी |


Saturday, 17 October 2020

कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में “शक्ति – माँ दुर्गा” चित्रकला प्रतियोगिता सह प्रदर्शनी का शुभारम्भ



रांची, झारखण्ड |  अक्टूबर   | 17, 2020 :: कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स एवं कलाकृति आर्ट फाउंडेशन* के तत्वाधान में दिनांक नवरात्री एवं दुर्गा पूजा के उपलक्ष पर “शक्ति - माँ दुर्गा” नामक राष्ट्र स्तरीय ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता सह प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है | इस अवसर पर देश भर के चित्रकार अलग अलग श्रेणी में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पेंटिंग्स बना रहे हैं |

इस प्रतियोगिता में किसी भी कक्षा के प्रतिभागी भाग ले सकते हैं | इस प्रतियोगिता में अलग अलग वर्गों में कोई भी स्कूल, कॉलेज के छात्र एवं पेशेवर चित्रकार भी भाग ले सकते हैं |  प्रतिभागी किसी भी माध्यम (रंगों) एवं कोई भी साइज़ के कागज़/कैनवास का इस्तेमाल कर उपयुक्त विषय पर चित्रकारी कर सकते है | पेंटिंग की तस्वीर खींच कर www.kalakritisoa.com/durga.html वेबसाइट पर अपने विवरण के साथ अपलोड कर सकते हैं |  इस प्रतियोगिता में सम्मलित होने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2020 है|

इस अवसर पर संस्था के निदेशक एवं कला शिक्षक धनंजय कुमार ने कहा की नवरात्री के अवसर पर घर बैठे चित्रकारों को एक मंच प्रदान करने हेतु इस ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है |  इस उपलक्ष पर संस्था के छात्रों से इस वर्ष पूजा सादगी और सावधानी से मानाने की अपील की |

सभी प्रतिभागीओं को कलाकृति आर्ट फाउंडेशन की ओर से सम्मानित किया जायेगा | साथ ही साथ सभी पेंटिंग्स की ऑनलाइन चित्रकला प्रदर्शनी भी संस्था के सोशल मीडिया पेज में की जाएगी |

इस प्रतियोगिता में लगभग 130 प्रतिभागीओं को पुरस्कृत किया जायेगा | प्रत्येक  ग्रुप में विजेताओं को स्वर्ण, रजत, एवं कांस्य पदक प्रदान कर पुरस्कृत किया जायेगा साथ ही साथ अन्य उपहार भी  भी जीतने का अवसर मिलेगा | प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रभागिता प्रमाणपत्र डिजिटल स्वरुप में प्रदान की जाएगी | प्रतियोगिता के विस्तृत जानकारी एवं नियम वेबसाइट पर उपलब्ध है |

Saturday, 10 October 2020

वर्तमान में योग की प्रासंगिकता विषय पर वेबीनार का आयोजन

रांची, झारखण्ड |  अक्टूबर   | 10, 2020 ::  सरला बिरला विश्वविद्यालय रांची के योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा विभाग तथा इंडियन योगा एसोसिएशन झारखंड स्टेट चैप्टर कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में वर्तमान में योग की प्रासंगिकता विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में भारत के सुप्रसिद्ध योग विशेषज्ञ एवं अध्यक्ष हरियाणा योग परिषद हरियाणा सरकार  डॉ जयदीप आर्य उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा  विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कुमार राकेश रोशन पराशर द्वारा उपस्थित समस्त अतिथियों का स्वागत एवं उनके परिचय के साथ कराया गया।

इस अवसर पर मानविकी एवं  एवं योग  संकाय के सह शैक्षिक अधिष्ठाता  प्रोफेशन डॉक्टर राधा मोहन झा द्वारा उपस्थित समस्त श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा गया कि इस वैश्विक कोरोना काल मे  योग एवं आयुर्वेद ही दृघ जीवन जीने का सहारा है।

इस अवसर पर इंडियन योगा एसोसिएशन के चेयर पर्सन रामजीवन पांडे ने उपस्थित समस्त श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज बाबा रामदेव जी  के कारण योग घर-घर तक जन जन तक पहुंचा।  

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ जयदीप आर्य जी ने उपस्थित समस्त साधकों को संबोधित करते हुए योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से कोरोना से कैसे बचा जा सकता है ।

इस पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि योग आयुर्वेद में ऐसी कई विधियां हैं जिसका नियमित प्रयोग करने से अभ्यास करने से व्यक्ति के रोग प्रतिरोधक क्षमता का पूर्णता विकास होता है और वह इस रोग को पराजित करने में सक्षम हो जाता है।

उन्होंने कहा कि हमारे आदि ऋषि महर्षि होने पूरे विश्व को यह जो महान विद्या योग जैसी महान विद्या विश्व को दिया है जिसके कारण आज भारत की कोरोना से मौत में आंकड़ा सबसे कम है ।

इस अवसर पर सरला बिरला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ विजय कुमार सिंह ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि निश्चित ही योग को आयुर्वेद को अपनाकर आज का मानव स्वस्थ आनंदित जीवन जी रहा है। समस्त चिकित्सा पद्धतियों में आज विश्व में योग एवं आयुर्वेद को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।

इस अवसर पर इंडियन योगा एसोसिएशन झारखंड स्टेट चैप्टर कमेटी के सेक्रेटरी अमित कुमार ने उपस्थित समस्त अतिथियों एवं श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि योग ऐसी महान विद्या है जिसने विश्व पटल पर भारत को फिर से विश्व गुरु के रूप में स्थापित किया है।

इंडियन योगा एसोसिएशन पूरे विश्व में योग के प्रचार प्रसार के लिए गहनता से कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर इंडियन योगा एसोसिएशन के रामजीवन पांडे, डॉक्टर परिणीता  प्रीतम मानिक, मनोज कुमार राय, बलराम, डॉ अनुज, रवि प्रकाश, अर्चना कुमारी, अनुराग कुमार, प्रोफेसर कविता कुमारी, प्रोफेसर रिया मुखर्जी समेत कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे


Sunday, 4 October 2020

Online Yoga Knowledge Quiz 2020 : An initiative by Divine Yoga Academy,


 

Ranchi, Jharkhand | October | 04, 2020 :: 

Divine  Yoga Academy is conducting Yoga knowledge Quiz 2020.

To participate in Quiz contest,  click on the Link provided below.

https://forms.gle/m6gLAxwnpmy561Ac8

Director of Divine Yoga Academy, Dr. Parinita Singh told that, the main Objective of hosting this quiz is to empower everyone with the right knowledge of Yoga. We are planning more such events in future also, she added.



Process to participate

* After Clicking the link provided, you have to register

*Attempt all questions

* Submission of Answer Sheet.

* Minimum 40% marks are required to qualify

*On qualifying the quiz one will be felicitated with e- certificate,  which will be sent on his/her provided mail as soon as possible


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Starting Date : 1st of October  2020.

Closing Date : 20th of October 2020.


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YouTube Channel

https://www.youtube.com/channel/UCFK0ucuMd0c0Lo8yEsNFPzw

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https://www.facebook.com/divineyogaacademyranchi/

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https://www.facebook.com/groups/212849320131533/?ref=share


Email Id :: dyaranchi@gmail.com

फिटनेसप्रो रांची साइक्लोथॉन – 2020 : पुरस्कार वितरण

रांची, झारखण्ड |  अक्टूबर   | 04, 2020 ::  जेसीआई रांची और बीएनआई रांची ने 5 और 6 सितंबर, 2020 को फिटनेसप्रो रांची साइक्लोथॉन का आयोजन किया था। विजेताओं के लिए पुरस्कार वितरण का आयोजन आज आईटीबीपी, रिंग रोड, रांची के पास एक स्थान पर किया गया था और 40+ साइकिल चालकों ने भाग लिया था । इस कार्यक्रम को रांची के साइकिल मेयर कनिष्क पोद्दार ने समर्थन दिया था.

जेसीआई रांची के अध्यक्ष अमित खोवाल और बीएनआई रांची के अध्यक्ष अंकित जैन ने इसे सफल और यादगार आयोजन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोनों ही संगठन हमारे समाज की बेहतरी की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। श्री गौतम कुमार, विगत राष्ट्रपति जेसीआई ने इस साइकिल कार्यक्रम को आयोजित करने और सामान्य लक्ष्य की दिशा में काम करने के लिए दोनों संगठन को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री रॉबिन गुप्ता, अध्यक्ष और श्री निशांत मोदी, सचिव ने भी कार्यक्रम के आयोजन और दूसरों को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पुनीत ढांढनिया, पीआरओ, ने घटना के विवरण और पुरस्कार वितरण के बारे में बताया। रांची साइक्लोथॉन रांची में आयोजित अपनी तरह की पहली आभासी साइकिलिंग घटना थी। इस कार्यक्रम को 3 स्तरों में विभाजित किया गया था, जिसमें प्रतिभागियों को तीन स्तरों में से किसी एक को चुनना था और स्तर 1 में 25 किलोमीटर और स्तर 3 में 50 किलोमीटर और 5 या 6 सितंबर 2020 को एक ही सवारी में स्तर 3 में 100 किलोमीटर की दूरी पर भाग लेना था। सवारी को पूरा करने के लिए दो तिथियों के बीच अपने सुविधाजनक समय और स्थान पर सवारी कर सकते हैं। सवारी के डेटा को स्ट्रावा नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन पर रिकॉर्ड किया गया और आयोजकों के साथ प्रस्तुत किया गया।

प्रतिभागियों के पास अपनी फिटनेस और साइकलिंग धीरज के आधार पर चुनौती का अपना वांछित स्तर चुनने का विकल्प था। कुल 161 साइकिल चालकों ने चुनौती में भाग लिया जिसमें 69 साइकिल चालकों ने 25 किलोमीटर के लिए स्तर 1 में भाग लिया, 61 साइकिल चालकों ने 50 किलोमीटर के लिए स्तर 2 में भाग लिया और 31 साइकिल चालकों ने 100 किलोमीटर के लिए स्तर 3 में भाग लिया। 161 साइकिल चालकों में से, कुल 148 साइकिल चालक चुनौती को पूरा करने में सक्षम थे और आयोजकों से एक फिनिशर पदक और टी-शर्ट प्राप्त किया।

श्री अर्नव श्री ने 43.98 किलोमीटर / घंटा की औसत गति से 43 मिनट में 25.07 किमी की सवारी करके चुनौती का स्तर 1 जीता, जबकि सुश्री अदिति शर्मा स्तर एक को पूरा करने वाली सबसे तेज महिला थीं। उसने 22.72 किमी / घंटा की औसत गति से 1 घंटा 6 मिनट में 25.01 किलोमीटर की दूरी तय की। मास्टर कुशाग्र कुमार, 11 वर्ष की आयु के स्तर को पूरा करने वाले सबसे कम उम्र के साइकिल चालक थे। उन्होंने 2 घंटे 25 मिनट में 25 किलोमीटर की दूरी तय की। मिस्टर स्नेह राज 2 वें और मिस्टर कुमुद रंजन इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर आए।

श्री अर्णव श्री को चुनौती के स्तर 2 के लिए भी विजेता घोषित किया गया, जिसमें उन्होंने 1 घंटा 26 मिनट में 34.89 किलोमीटर / घंटा की औसत से 50.01 किलोमीटर की दूरी तय की और सुश्री सुनैना गरोडिया 2. स्तर पूरा करने वाली सबसे तेज महिला थीं। उन्होंने 2 घंटे 21 में 50.77 किलोमीटर की दौड़ लगाई। मिनट। श्री धीरज, 14 वर्ष की आयु इस श्रेणी में सबसे कम उम्र के सवार थे। उन्होंने 2 घंटे 1 मिनट में 50 किलोमीटर की दूरी तय की। मिस्टर हरपिंदर सिंह 2 वें और मिस्टर बिभव ठाकुर इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर आए।

श्री रॉबिन सिंह एक युवा साइकिल चालक को उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए सबसे तेज़ साइकिल चालक घोषित किया गया है। उन्होंने 35.11 किलोमीटर / घंटा की औसत गति से 2 घंटा 51 मिनट 54 सेकंड में 100.07 किलोमीटर की सवारी करके चुनौती के स्तर 3 को पूरा किया। रॉबिन सिंह ने झारखंड के विभिन्न राष्ट्रीय और sate स्तर की चैम्पियनशिप का भी प्रतिनिधित्व किया है। श्री प्रथम कुमार शर्मा 2 वें और श्री जशनदीप सिंह इस श्रेणी में तीसरे स्थान पर आए। 1, 2 और 3 स्थिति धारक के बीच की दौड़ एक दूसरे के अलावा केवल कुछ सेकंड के साथ बहुत करीब थी।

श्री रौनक सारदा ने चुनौती में सबसे लंबी दूरी की सवारी करते हुए 301.76 किलोमीटर 12 घंटे 6 मिनट में 24.94 किलोमीटर / घंटा की औसत गति से दौड़ लगाई। उन्होंने लेवल 3 में भाग लिया।

कई लोगों ने हाल ही में साइकिल चलाना शुरू कर दिया था, जिसमें लॉकडाउन ने भी इस आयोजन में भाग लिया और पहली बार 100 किलोमीटर और 50 किलोमीटर की सवारी करने के लिए खुद को आगे बढ़ाया। घटना ऐसे व्यक्तियों द्वारा अनुकरणीय प्रयासों को भी पहचानती है। श्री सुनील बर्णवाल, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, झारखंड सरकार और रांची के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री भानु जालान ने 50 किलोमीटर की दौड़ पूरी की और इवेंट के स्तर 2 को पूरा किया। तेज गति से सवारी पूरी करने के लिए उन्होंने दोनों को जोर से धक्का दिया।

161 प्रतिभागियों में से 148 प्रतिभागियों ने चुनौती पूरी की और उनमें से प्रत्येक को फिनिशर्स मेडल और सर्टिफिकेट ऑफ कंप्लीशन प्राप्त हुआ। प्रत्येक श्रेणी में चुनौती के विजेता को रांची, झारखंड के साइकिल मेयर कनिष्क पोद्दार से ट्रॉफी और प्रमाण पत्र मिला। श्री अंकित जैन, अध्यक्ष, बीएनआई रांची, श्री अमित खोवाल, अध्यक्ष जेसीआई रांची, श्री सुनील बर्णवाल, आईएएस, झारखंड सरकार, श्री राजीव गुप्ता, क्यूरेटर, TEDxKanke और अन्य। आईटीबीपी, रिंग रोड, रांची की ओर सुबह की सवारी के दौरान आज विजेताओं को ट्रॉफी दी गई।

जेसीआई रांची से श्री अमित खोवाल ने कहा कि साइकिल चलाने से न केवल शहर में प्रदूषण का स्तर कम होता है, बल्कि यह व्यक्ति को फिट और स्वस्थ रखता है। हमारी धरती को बचाने और चंगा करने के लिए साइकिल चलाना सबसे अच्छी क्रिया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे साइकिल चलाना किसी व्यक्ति की विचार प्रक्रिया में सकारात्मकता लाने में मदद करता है और अन्य गतिविधियों को करने में आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।

बीएनआई रांची के श्री अंकित जैन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित विभिन्न समस्याओं के लिए साइकिल एक समाधान है। यह प्रदूषित हवा को हमारे शरीर से बाहर रखने में भी बहुत मदद करता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इसी तरह का आयोजन नियमित रूप से विभिन्न स्तरों पर फिटनेस और धीरज के साथ साइकिल चालकों की भागीदारी को बढ़ाने और रांची की सड़कों पर साइकिल चालक की दृश्यता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाएगा।

रांची के साइकिल मेयर कनिष्क पोद्दार ने बीएनआई रांची और जेसीआई रांची को वर्तमान समय में फिटनेस प्रो रांची साइक्लोथॉन कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने सभी विजेताओं और उन लोगों को भी बधाई दी जिन्होंने सवारी को पूरा करने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया था।

पोद्दार ने कहा: COVID-19 महामारी के परिणामस्वरूप भारत में साइकिल की अभूतपूर्व बिक्री हुई है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग वायरस के अनुबंध के डर से सार्वजनिक परिवहन से बचने की कोशिश करते हैं। मनोरंजक गतिविधि की कमी और जिम के करीब ने भी एक स्वस्थ जीवन शैली का नेतृत्व करने के लिए साइकिल चलाने को बढ़ावा दिया है। इन चुनौतियों का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना भी है कि साइकिल चलाने में वृद्धि की यह गति जारी रहे।

पोद्दार ने राज्य सरकार से शहर की सड़कों में राइडरशिप में वृद्धि का समर्थन करने के लिए साइक्लिंग अनुकूल बुनियादी ढाँचे को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया और यह भी आश्वस्त किया कि राइडर्स उनके लिए सुरक्षित हैं। शहर की स्थलाकृति और मौसम को ध्यान में रखते हुए, रांची में पूर्वी भारत की साइकिल राजधानी बनने की बहुत अधिक संभावना है।

उन्होंने सभी साइकिल चालकों से अनुरोध किया कि वे सवारी करते समय हेलमेट पहनना सुनिश्चित करें और अपनी सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का सम्मान करें।









Saturday, 3 October 2020

लायंस क्लब रांची रोअरिंग का पदस्थापना समारोह : लॉयन अभिषेक कुमार : अध्यक्ष, लॉयन बिजेन्द्र शर्मा : सचिव




रांची, झारखण्ड |  अक्टूबर   | 03, 2020 ::  लायंस क्लब रांची रोअरिंग के नए सत्र का पदस्थापना समारोह एवं Charter Presentations कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

जिलापाल राजेश गुप्ता 'पवन', पदस्थापना पदाधिकारी, पूर्व जिलापाल राजीवा सिंह, इंडक्शन पदाधिकारी पूर्व जिलापाल सुषमा त्रिवेदी, डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी संजय पोद्दार  के गरिमामयी उपस्थिति में सभी सदस्यों को सपथ दिलाया गया।



क्लब के पदाधिकारियों की सूची

लॉयन अभिषेक कुमार (अध्यक्ष )

लॉयन बिजेन्द्र शर्मा (सचिव )

लॉयन मुकेश कुमार (कोषाध्यक्ष)

लायन अजित गुप्ता (उपाध्यक्ष)



लायन अविनाश कुमार 

लायन अनिल कुमार

लायन सुशील सिंह

लायन सुदेशवर राम

लायन परवीन सिंह

लायन अरबिंद प्रताप

लायन संतोष सिंह

लायन अभिजीत वैभव आदि लोगो ने भाग लिया।

Saturday, 26 September 2020

सोनी इंडिया के द्वारा ऑनलाइन फोटो जर्नलिज्म वर्कशॉप का आयोजन

रांची / धनबाद, झारखण्ड |  सितम्बर  | 26, 2020 :: सोनी इंडिया के द्वारा ऑनलाइन फोटो जर्नलिज्म वर्कशॉप का आयोजन किया गया । इस वर्कशॉप के मुख्य अतिथि दैनिक भास्कर के जाने-माने प्रेस फोटोग्राफर संदीप नाग और सरोज डोरा उपस्थित थे। संदीप नाग और सरोज डोरा ने फोटोजर्नलिज्म के बारे में जानकारी साझा की । इस वर्कशॉप को सफल बनाने में सरफराज अहमद, रवि रावत और धनबाद से फोटोजर्नलिस्ट सुभोजित घोषाल का बहुत बड़ा योगदान रहा। इस वर्कशॉप में झारखंड, बिहार और वेस्ट बंगाल से लगभग 40 प्रेस फोटोग्राफर और Mass Communication के विद्यार्थी भाग लिया । धनबाद से सीनियर फोटो जर्नलिस्ट चंदन पाल ने संदीप नाग और सोनी इंडिया को धन्यवाद कहा और फोटोग्राफी के बारे में जानकारी साझा की। अंत में सरोज डोरा ने कहा भविष्य में भी इसी तरह ऑनलाइन वर्कशॉप होते रहेगा ।

   


अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ ने अपनी मांगों को लेकर हटिया विधायक नवीन जयसवाल को पत्र सौंपा

रांची, झारखण्ड |  सितम्बर  | 26, 2020 :: नई शिक्षा नीति 2020 में योग शिक्षा को शारीरिक शिक्षा के उपविषय व कौशल विषय के स्थान पर एक स्वतंत्र व स्थाई  विषय के रूप में स्थान देने के संबंध में 25/09/2020 शुक्रवार को हटिया विधानसभा के विधायक नवीन जयसवाल को अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ झारखंड प्रदेश के सह प्रभारी प्रह्लाद कुमार, मनोज जी, महिला प्रकोष्ठ सह प्रभारी संतोषी साहू द्वारा पत्र सौंपा गया.

विधायक ने योग शिक्षकों के मांग को केंद्र  सरकार के पास रखने की बात  कही।

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Friday, 25 September 2020

रांची जिला विधायक सीपी सिंह से मिला अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल

रांची, झारखण्ड |  सितम्बर  | 25, 2020 :: नई शिक्षा नीति 2020 में योग शिक्षा को शारीरिक शिक्षा के उपविषय व कौशल विषय के स्थान पर एक स्वतंत्र व स्थाई  विषय के रूप में स्थान देने के संबंध में रांची जिला के विधायक सीपी सिंह को अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ झारखंड प्रदेश के सदस्यों द्वारा पत्र सौंपा गया, विधायक ने योग शिक्षकों के इस कार्य का सराहना करते हुए  इस मुद्दे को उच्च स्तर पर ले जाने की बात कही।

मुख्य  रूप  से

झारखंड प्रदेश  सह प्रभारी प्रहलाद कुमार,

महिला प्रकोष्ठ सह प्रभारी संतोषी साहू,

रांची जिला प्रभारी  शंकर राणा ,

सह प्रभारी विकास  गोप ,

मीडिया प्रभारी कुन्दन कुमार 

उपस्थित थे।

Monday, 21 September 2020

आदिवासी उन्नति समाज के कार्यालय का उद्धघाटन

रांची, झारखण्ड |  सितम्बर  | 21, 2020 :: आदिवासी महासभा मैदान हिंदपीड़ी राँची  में आदिवासी उन्नति समाज के कार्यालय का उद्धघाटन केन्द्रीय सरना समिति के संरक्षक श्री अजय लिंडा के द्वारा फीता काट कर किया गया 

इस उद्धघाटन के मौके पर मुख्य रूप से मौजा के पाहन श्री मंगरा पाहन पनभोरा श्री कर्मा तिर्की , श्री रमेश मुंडा, श्री बिरसा लिंडा, सरला तिर्की , पूजा कच्छप , जाया हेमब्रम, बिना मुंडा, अंजलि तिर्की, डेनिश एक्का आदि उपस्थित थे

Sunday, 20 September 2020

झारखंड में अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ का नए कार्यकारिणी का हुआ गठन

रांची, झारखण्ड |  सितम्बर  | 20, 2020 ::   अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ के तत्वाधान में वर्चुअल मीटिंग के माध्यम से झारखंड प्रदेश के कार्यकारिणी का गठन किया गया

इस मीटिंग में केंद्रीय शिक्षा प्रकोष्ठ सह प्रभारी रोशन पाठक जी और प्रदेश प्रभारी रवि नेवार, सह प्रभारी प्रह्लाद कुमार, महिला प्रकोष्ठ प्रभारी ज्योत्स्ना उपस्थित हुए और  नए  कार्यकारिणीयों को प्रभार सौंपा गया जो इस प्रकार है

प्रदेश सह प्रभारी - 

मनोज

अमित

शर्मिष्ठा राय 



महिला प्रकोष्ठ सह प्रभारी   -    संतोषी साहू 

रांची जिला प्रभारी /सह प्रभारी 

प्रभारी- शंकर राणा 

सह प्रभारी-  

शिवेशवर

विकास गोप 

शत्रुघ्न 

शिवेस 

रांची जिला महिला प्रकोष्ठ प्रभारी- सीमा सिंह 

महिला प्रकोष्ठ सह  प्रभारी-- श्वेता  शुभ 

महिला प्रकोष्ठ सह प्रभारी  - लाजवंत 

इस संघ का  गठन उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की ओर से योग शिक्षकों के लिए योग के क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के लिए और योग शिक्षा को नई शिक्षा नीति में उप शिक्षा से हटाकर मुख्य शिक्षा के रूप में जोड़ा जाए इन  मुद्दों को लेकर  गठित  किया गया है । 

यह जानकारी प्रदेश सह प्रभारी प्रहलाद कुमार द्वारा दिया गया और सभी नए सदस्यों को प्रभारी, सह प्रभारी द्वारा नये पद भार  के लिए  शुभकामनाएं दिये।

Tuesday, 21 July 2020

"Build back Better" after COVID-19- Voices of Children from Andhra Pradesh, Telangana, Karnataka, Tamil Nadu and Odisha

21st July 2020: In the time of Covid-19 crisis, everyone is talking about the issues and challenges faced by developmental organisations, finaliacial institutions, law enforcement agencies and others. There has been a quick shift to virtual space where mostly adults talk and discuss about their present and future. How about creating a platform for children to share their feelings and how they are coping with the new normal? An exclusive webinar was organised on 16th July for the children to talk, share and give solutions to the Covid-19 crisis. It was one of a kind platform, created by Save the Children who brought in young Changemakers from Andhra Pradesh, Telangana, Karnataka, Tamil Nadu and Odisha on a virtual platform to share their views and solution towards ‘building back better after Covid-19’. To bridge the gap between children and the decision makers, the respective Chairperson from State Commission For Protection of Child Rights (SCPCR) (Andhra Pradesh, Telangana, Karnataka and Odisha) were invited to be part of the discussion.

Young Changemaker Gande Jaya Sri (16) from Pallegunta village from Guntur district, Andhra Pradesh, shared her views on how Covid-crisis has pushed children back to Child Labour activities. She further added, “Due to the crisis, there are several children like me being away from school. My parents lost their livelihood. For our survival we all started working in chilli farm”.

Inter-village mobility was completely restricted during Covid-19, which resulted in a huge shortage of labour to work on chilli farms. To meet the requirement on farm, along with parents’ children started working on chilli farms. “My request to the SCPCR chairpersons and Govt. is to consider the issues of poor farmers and give some kind of a relief package to marginalised families. I miss my school too.” – she mentioned.

Addressing Gande Jaya Sri, Ms. Hymavathi, Chairperson, Andhra Pradesh SCPCR, said, “It’s true that the number of child labour and even child marriage cases have increased. We are looking into the situation and trying to develop a robust plan of action in cooperation with other allied departments.”

Young Changemaker Sai Chandana (14) from Lingala Madnal, Nagarkunol District, Telangana took this platform to share her disappointments for not being able to have access to education. She comes from a very humble tribal background. The family doesn’t have smartphone to access basic information. To ensure her participation to the webinar, Save the Children team had to travel 40 Kms away from the main city just to give her access to the smartphone so that she can also interact with SCPCR Chairpersons. While talking, she said, “I know many private schools have started online classes whereas we are totally deprived of education and we don’t know when the schools would be reopening. For me, I don’t think children of my village can think of online education. we need to create opportunities to remain connected with education. My humble request to the decision makers is to find alternatives in which we continue learning and enjoy our childhood.”

Addressing Sai Chandana, Mr. J. Srinivas Rao, Chairperson, Telangana SCPCR, mentioned, “we are not encouraging online education. We are trying to look into the safety measures and promote hygiene practices which might help us to reopen the schools and give children a healthy school environment. We are in discussion with the department concerned to ensure the right to education reaches every child post Covid-19 lockdown”.

A report prepared by UNICEF has revealed that COVID-19 pandemic in India and lockdown has impacted 247 million children enrolled in elementary and secondary education, besides 28 million children who were undergoing pre-school education in Anganwadi centres. This is in addition to more than six million girls and boys who were already out of school prior to the COVID-19 crisis. There is an urgent need to find alternatives to protect the rights of children.

Young Changemaker Kalavathi V A (16) from Kurubarahalli, Vemagal, Karnataka took this opportunity to share a set of solutions that could possibly help children to be back in safe school environment. Kalavathi focused on the WASH (water, sanitation and hygiene) components to be looked at more cautiously. She further added, “regular awareness on personal health and hygiene could be part of the school activities. Education Department can start the classes in batches or thrice a week. Remaining three days can be encouraged for homebased learning environment. Vitamin C tablets can be introduced on a regular basis and the presence of thermometers is the need of the hour. The entire school can be disinfected thrice a week. I would also like suggest to encourage WASH committees in schools, safeguarding the children and being healthy during pandemic”

Addressing Kalavati, Mr. Antony Sebastian, Chairperson, Karnataka SCPCR said, “I am overwhelmed to hear from these children with such simple yet very powerful solutions. We have to create alternative opportunities where children can enjoy continuous learning facilities. We have to work together on this and prepare a joint action plan to ensure children rights are met.” ‘Introduce a school counselor and give access to the children to talk and share their feelings. Request the education department to provide uniforms and hygiene kits. We need to have the availability of sanitizer before each child enters the classroom.”- Kalavati added.

Young Changemaker S. Naveen Kumar (13), from Kottur village, Polachi, Coimbatore represented from Tamil Nadu. He added, “due to Covid-19 lockdown, it has impacted on children’s health. Mostly children are on phone or TV, resulting in the drastic reduction of physical activity. Due to the un-employability and many job losses, parents are not able to buy fruits and vegetables. Mid-day meal has been one such balanced diet for many school going children. Currently, children are deprived of mid-day meal. My request to the Govt. Department to provide mid-day meal through PRI office, ICDS or any Seva (government service) centers in the panchayat.”

Global Young Changemaker, Shalini Shahu (23), from Jenjera, Nuapada, Bhubeswar, Odisha highlighted about how the teenagers faced difficulties accessing menstrual hygiene products. No of Child Marriage and Child labour cases are going to increase due to the reverse migration. She is campaigning on menstrual health and hygiene for girls. Speaking to Ms. Sandhyabati Pradhan, Odisha, SCPCR, Shalini said, “It has been a constant struggle educating girls on menstrual health and hygiene. There are people who still believe in the taboos attached to menstruation. Due to the lockdown, the accessibility of sanitary pad was not there, hence the girls haven been using old cottons, which is not hygienic in nature. While educating on personal health and hygiene, we need to continue educating on this issue too. This situation will also influence girls in marrying off their minor girls and to engage them as child workers.”

In Odisha, the Govt. hospitals are not opening regularly, as a result, adolescents are not receiving necessary SRH (Sexual and Reproductive Health) services regularly. Both ASHA and ANM are engaged in COVID-19 response work. While meeting the demand of Covid-19 response, they are unable to give enough time to their outreach services.

Responding to Shalini, Ms. Sandhyabati Pradhan, Odisha, SCPCR, said, “We have made provision of free distribution of sanitary napkin in remote villages. Our plan of action aims to incorporate your suggestions coming from children and we value your feedback.”

The virtual interface didn’t leave the refugee children behind. Farhana Roshan (16) from Balapur Refugee camp, Hyderabad spoke about the right to identity. She highlighted, “Being a refugee we don’t have any identity. Due to the lack of identity, we couldn’t access any support provided by the State Govt during the lockdown situation. We are unable to go to school. Many children can’t afford to go to private school. We request SCPCR chairperson to look into the matter and give us some form of identity for us to live a decent life in India”

The webinar brought in voices of 13 children across states in South. A joint plan of action will be developed by these children and it will be shared with the respective state SCPCR Chairperson. Mr. Vikas Gora, Deputy Director-South India, Save the Children, said, “Children have raised pertinent issues of concern that need collaborative effort at multiple levels, including the government and civil society. COVID resilient and child centric policies are the need of the hour, as they will help combat and prepare for the new reality. Voices of the children need to be heard as they are the worst affected. The cascading impact of loss of family income and ill health will further result in child labour, child marriages, trafficking and school drop-outs. We will work further with the respective state SCPCR, Government and multi stakeholders in evolving state specific plans in addressing children’s issues.”

Sunday, 21 June 2020

कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स में फादर्स डे के अवसर पर आयोजित हुई कई प्रतियोगिताएं

रांची , झारखण्ड | जून | 22, 2020 :: पिता दुनिया में हर बच्चे के लिए सबसे खास होती है बच्चे और पिता के बीच में एक अटूट रिश्ता होता है और पितृत्व दिवस सभी के लिए खास होता है इस पितृत्व दिवस को स्पेशल बनाने के लिए कलाकृति स्कूल ऑफ आर्ट्स ने बच्चों और उनके पिता के लिए बहुत सारी ऑनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था । जिसमे बच्चों ने पेंटिंग और कार्ड्स बना के अपने पिता को दिया सम्मान | साथ ही साथ बच्चों ने अपने पिता को गाना एवं कविता समर्पित की |

इस अवसर पर कलाकृति के निदेशक धनंजय कुमार ने कहा की फादर्स डे एक परिवार के लिए पिता के योगदान को स्वीकार करने का दिन है। यह सच ही कहा गया है, “एक पिता सौ अध्यापकों की तुलना में बेहतर है।” हालांकि यह सच है कि माँ एक बच्चे को जन्म देने के लिए शारीरिक पीड़ा से गुजरती है, जबकि एक पिता बच्चे के पैदा होने तक अपने हृदय और मन में सिर्फ कल्पना करता है। हालांकि पिता द्वारा किए गए योगदानों को स्वीकार करने के लिए कोई खास दिन की आवश्यकता नहीं है। इस अनोखे दिन का प्रयोजन करने का एक मात्र उद्देश्य परिवारों को एक साथ लाने का है, क्योकि एकल परिवार की वर्तमान दुनिया में, अधिकतर बच्चे बड़े होकर अपने माता-पिता से दूर रहते हैं। इसलिए कलाकृति ने आज फादर्स डे के उपलक्ष बच्चों और उनके पिता के लिए विभिन्न ऑनलाइन प्रतियोगिताएं रखी हैं । जिसमें बच्चों को अपनी पिता के साथ सम्मिलित होना है और अपनी प्रविष्टी को वाट्सएप्प के द्वारा भेजनी थी |

पहली प्रतियोगिता है सुपर डैड प्रतियोगिता : इस प्रतियोगिता में बच्चों को अपनी पिता के साथ किसी तरह का परफॉरमेंस करना था और विडियो भेजना था |

इस प्रतियोगोता को आयोजित करने में कलाकृति स्कूल ऑफ़ आर्ट्स एवं कलाकृति आर्ट फाउंडेशन के सभी लोगों जिसमे रजनी कुमारी, विकाश , हर्षिता, हर्ष, कोमल, शिखा, आरती ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |

We need more work to increase our performance with regards to people and environment : : Pramod Agrawal, CMD, Coal India Limited

Ranchi, Jharkhand | June | 22, 2020 :: TEDxKanke organized a Webinar with the title New coal mining strategy post covid 19.
Speaker of the Webinar was Pramod Agrawal, CMD, Coal India Limited (CIL) and Moderated was Rajeev Gupta, Curator, TEDxKanke


On the current economic scenarios and challenges for Coal

• We are expecting the economy to go down by about 5%, contrary to the earlier growth rates of 2-3% at the global level. India was looking at some growth, but we should only be expecting a degrowth. ADB report suggests that our economy could be down by 4%.

• Our energy demand has reduced by 22% in last 3 months. Coal demands has reduced by 27% and dispatches have reduced. This might go down further before things improve.
• Challenges we were effacing before COVID – fossil fuel versus renewables energy, price of renewable energy and storage is going down; the target of 50% of renewable energy share as committed in the Paris Agreement by India is another challenge.
• Coal to remain primary energy source until 2040 as the capacity factor in solar energy still remains a big concern – increasing the capital costs for solar installations (4.5 Crore INR for 1 MW).
• Coal market will become more vibrant with the commercialization of coal. Market price selling instead of fixed price selling can increase the profit of the sector.
• We have an opportunity to substitute imports – 240 Million metric ton of which 150 Million metric ton can be avoided – this gives us an opportunity to ramp up our production substantially.
• If the government policies with regards to labor, markets and environmental clearances are streamlined then it gives us a great opportunity to boost our production.
• We are focusing on quality – which s slightly difficult to achieve in India as the coal here exists in the drift. Supply or quantity has been an issue as we have always operated in a scarcity.
• We are ramping up our investments in coal development and excavations is taken to 20-25 thousand Crore INR from 8-9 thousand Crore INR – quality will improve, and consumer base will be intact.
• Also investing in Renewables as we want to become a net zero energy company. Also working on Coal to Chemical to diversify in other areas related to coal.


On key area of challenge and what needs to be done

• Technology adoption is slow which needs to be ramped up. In 3-4 years, we employ more and more surface miners so that quality can be enhanced. Evacuation infrastructure – should become mechanized b 75%. Investments are being made to help us evacuate 500 million ton of mechanical coal evacuation.
• Need to invest in areas for new technology for better profitability – chemical conversions, gasification, etc.
• Business model transformation – adopting MDOs – underground, open cast and abandoned mines, model in which we are giving the mines to private agencies om a long-term basis. 15 Greenfield have been identified with a capacity of about 165 Million tons and this can increase our efficiency.
• Digital transformation – we should talk about mining 4.0. The changes are challenging but we are only looking at process transformation for easier adoption. We need to integrate existing technology with operations and decision making which is a difficult task to do. Imparting training to our workforce for using the technology effectively will also be a priority.
• We have developed project management tools which can help us in identifying the scope of improvement within the organization and identify the levels of delay and fine tune our processes.


On ERP system and increasing feedback mechanism

• ERP is a very effective tool in increasing the efficiency of the organization. We are planning to put the system in place by September 2021. This should have happened long back. Decision making based on data is impossible otherwise.
• We do not have an organized way of keeping the data. The ERP will help in reducing inefficiency
• This will also improve our interface with our customers. Every contract is kept in isolation which does not serve well for our customers. We need to integrate the ERP for preventive maintenance in a much more effective manner.


Audience Questions:

First, there are 4 institutions that can benefit the Ranchi Public – IICM and Motor driving school for training women on which we have heard no progress; Gandhinagar Hospital which is not used by public; and Jawaharnagar Club which is not being used. This is my suggestion that these could be put to use.

Don’t you think that private companies are going to give you competition as you have been enjoying a monopoly? This will be challenge for to improve your working and. Cut down the cost which could be a big help for you?

Why do you want to lose the focus from coal where you have all the expertise by thinking about adding on renewables?

By Mr Mahesh Poddar, MP Rajya Sabha

• I confess that I do not know much about the four institutions as they are managed by CCL which I have not have the chance to visit yet. But I will see that these are taken to logical consequences, especially the motor driving school. Gandhinagar hospital is normally meant for the Coal India employees and families, but we can surely open some services for common people – as can be seen with it being used as a COVID center.
• We have to improve ourselves to be able to challenge the private companies. Our operations will become difficult unless we improve and develop trust in our customers. People can move to import more coal, and no one can ban this import due to WTO restrictions. So, Coal India has to become more efficient if it has to survive. Opening of commercial mines should give us more opportunities and better agility.
• We will remain a coal focused company. Coal production will be our main activity, but we will also diversify in areas related to coal as coal gasification and coal to chemical – to increase our profitability.
• We are looking at net zero energy consumption by generating as much solar energy as much we consume. This will boost our environmental performance and get us better investments.

What are your plans for transformation of the skills of CIL manpower which can match the levels of global manpower in large firms? What advice will you give to students looking to build a career in Coal India?
By Dr O R S Rao, Vice Chancellor of ICFAI Ranchi

• There are 3 levels of manpower – executive which is very well trained. Second is from polytechnics and It is which is also trained. Third is unskilled which do other normal jobs. We are moving towards more mechanization and therefore looking to reduce the unskilled manpower.
• For executive levels, we are planning ad tying up with top most institute like IIMs for training them in particular areas of operations they are engaged in. When their profile changes, they must be given proper training to acquire new responsibilities. This executive training program is in process.
• Message for students would be to work for themselves. Practical knowledge of the field is key and by knowing practical challenges only can we become effective engineers. They should integrate their theory knowledge to on ground experiences during their internships.


The blocks that have been opened for commercial mining are ones which have not been mined by Coal India for several years. When private companies are going to mine the coal, which was unviable from CIL’s point of view, will this change CILs strategy to mine all the coal from the seam belts below the initial levels. Secondly, the climate dialogue and renewables future will have a huge impact on coal mining. Since it is huge employment generator, is there a plan for migrating these people into different employment sectors?

By Mr Sunil Barnwal, IAS, Govt. of Jharkhand

• Deep mining proves very costly and is generally difficult. In Dhanbad, the mining has happened in a lackadaisical or unpanned manner. In NCL etc. where mining is done in planned manner CIL is also mining at the last coal belts for complete resources extraction.
• We are giving away the abandoned mines on MDO basis. This might not be large from CIL perspective but for the region it will be still a large project. This will help in utilizing the unviable coal and increase overall production.
• No question of closing down as our energy consumption and demand is huge. Not more than 15-20% of our energy requirement will be met through renewables even when the generation by renewable is 50%.
• We are taking 6000 people in non-executive roles. We take two-third of manpower which is unskilled – coming out of land acquisition and compensation. We are starting skilling centers and it would be a good idea to send them to it is etc. for enriching skill in the workforce. There is no concrete plan here, but we do hope to have better skilling in place.

Let us consider Coal India as earth entrepreneurs – there is an ecosystem involved. Coal India is a mature company that can give justice to sustainability and ecosystem services. There are major concerns in how Coal India treats people and the ecosystem. How can this be taken care of?

By Dr Satish Sinha, IIT (ISM) Dhanbad

• We understand that we are disturbing the earth. We did some surveys during the lockdown and we realize that most of the pollution is generated when coal is transported. We are looking for mechanization which can remove dust release due to blasting. Non carbonaceous substance can be removed by surface mining through machines.
• Open cast mines generate most of the pollution. If mechanization and evacuation processes are developed, then this will further reduce the pollution through transportation. We are also looking developing new lines to minimize road transportation and thus, reduce pollution.

• In last year we planted more than 2 crore plants and planation was done on 800 acres of land. We are focused on reclamation. We also focus on using all of the water generated. But I admit that we need more work to increase our performance with regards to people and environment.



वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अष्टांग योग का महत्व : रोहित कुमार ( योग प्रशिक्षक )

रांची , झारखण्ड | जून | 22, 2020 ::


• अष्टांग योग का सामान्य परिचय

अष्टांग योग विद्या जो भारत की प्राचीन योग विद्याओं में से एक है, जिसकी सूत्रपात “महर्षि पतंजलि” ने अपने योग दर्शन सूत्र में किए हैं, जो आठ अंगों में विभक्त है: १. यम २. नियम ३. आसन ४. प्राणायाम ५. प्रत्याहार ६. धारणा ७. ध्यान ८. समाधि। इन आठ अंगों की सहायता से मनुष्य अपने जीवन को सार्थक बनाता है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, उन्नति का विकास होता है परिणामस्वरूप चेतना उच्च अवस्था में पहुंच जाता है।

 वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अष्टांग योग का महत्व.
वर्तमान परिप्रेक्ष्य यानी 21वीं सदी में आज हमारे बीच कई प्रकार के रोग उत्पन्न हो गए हैं, जो शरीर और मन को पूरी तरह से जकड़ चुका है,आज भौतिक युग में प्रत्येक मानव दैहिक, दैविक और भौतिक दुखों से घिरा हुआ है। संपूर्ण विश्व में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो कि इन तीनों प्रकार के दुख की पीड़ा को दूर कर सके। इन पीड़ाओं को दूर करने के लिए प्राचीन काल में ऋषियों ने योग विद्या को दीपक के रूप में प्रज्वलित किया, जो आज पूरे मनुष्य-जाति को लाभ पहुंचा रही हैं और इसी योग विद्या में अष्टांग योग का उद्देश्य जीवन को संवारना और समृद्ध करना है। अष्टांग योग विभिन्न पदों यथा अष्टांग योग का अभ्यास कर अखिल विश्व स्वास्थ्य रहने की सदाचारी बनने की अहम संजीवनी बूटी प्रदान की है। वहीं इसके विपरीत वर्तमान समय में मनुष्य भौतिक सुख सुविधाओं का गुलाम बन कर रह गया हैं, अध्यात्म से दूर होता जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप भिन्न-भिन्न बीमारियों से ग्रस्त होता जा रहा है जैसे: अवसाद, तनाव ,चिंता,मधुमेह, उच्च- रक्तचाप, मोटापा, कैंसर, गैस, कब्ज आदि कई बीमारियों से ग्रस्त हो गया है इन उपरोक्त व्याधियों से मनुष्य को यदि मुक्ति प्राप्त करनी है तो योग के भिन्न-भिन्न क्रियाओं का अभ्यास करें। यम ,नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि पतंजलि के अष्टांग योग को अपनाएं जिससे अंतःकरण (मन ,बुद्धि, चित्त ,अहंकार) शुद्ध होगा, तथा चित्त की वृत्तियां स्थिर होकर प्रसन्न रहेगी, व्यक्ति पुनः अपने स्वास्थ्य की ओर लौट आएगा।
अष्टांग योग के आठ अंग मनुष्य जीवन में क्यों आवश्यक है:
• यम और नियम
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यम और नियम का पालन करना अति आवश्यक है खासकर बालक को, क्योंकि जब वह यम और नियम का पालन करेंगे तभी वह देश के जिम्मेदार नागरिक बन पाएंगे। वही इसके विपरीत देखा जाता है कि जिस बालक में अनुशासन, कर्तव्य-निष्ठा, सद्कर्म, सत्यनिष्ठा ,अस्तेय, तप, स्वाध्याय आदि चीजों का अभाव रहता है, उनके जीवन में असफलता की लकीरें खिंची चली आती है, जो आगे चलकर बालक को मानसिक स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ता है और यह किसी भी देश की महत्वपूर्ण समस्या है परिणामस्वरूप किसी भी राष्ट्र की उन्नति और विकास में बालक का अहम योगदान रहता है, बालक ही राष्ट्र का भविष्य होते है। अतः इसके लिए परिवार,माता-पिता, गुरुजनों ,को दायित्व का निर्वाह करना होगा, बालक के मस्तिष्क में यम और नियम का बीज बोना होगा।अतः इससे स्पष्ट होता है कि यम और नियम का योगदान, व्यक्ति ,समाज, राष्ट्र के लिए बहुत ही आवश्यक है।
• आसन और प्राणायाम
आज वर्तमान समय में अनेक ऐसी बीमारियां का जन्म हो चुका है जो मनुष्य को विनाश के कगार पर ले जा रही है और अभी हाल ही में कोरोना जैसी महामारी का जन्म हुआ है जो पूरा विश्व को तबाह करके रख दिया है, लाखों- लाख व्यक्तियों की जाने जा चुकी है,लोग बहुत दिनों से घरों में बंद रहकर तनाव और अवसाद से घिर चुके हैं ,डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस सबसे ज्यादा उन्हीं को संक्रमित कर रही है जिनका रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तथा डॉक्टर वैक्सिन बनाने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं, इसी बीच इन समस्याओं का समाधान में आसन और प्राणायाम काफी सहायक साबित हो रहा है,जिससे कि रोग प्रतिरोधक क्षमता का शरीर में विकास होता है जिसके अंतर्गत श्वसन तंत्र में सुधार होता है, फेफड़ों की मजबूती मिलती है परिणाम स्वरूप वायरस जनित रोग शरीर में निष्प्रभावी होता है इसके साथ ही साथ मानसिक विकार भी दूर होता है, मन स्थिर रहता है परिणाम स्वरूप तनाव और अवसाद जैसी बीमारी को दूर किया जा सकता है।

• प्रत्याहार ,धारणा ,ध्यान और समाधि
व्यक्ति जीवन में प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि अपना कर सिद्धियां प्राप्त कर सकता है, इतिहास से लेकर वर्तमान तक जनमानस के लोक कल्याण में जितने भी महापुरुष का जन्म हुआ है इस धरती पर वह इन प्रत्याहार, धारणा ध्यान और समाधि से भलीभांति परिचित हुए हैं जैसे-: स्वामी विवेकानंद, स्वामी शिवानंद, स्वामी सत्यानंद सरस्वती, या वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन इन लोगों ने अपनी अंतःकरण तथा चेतना का द्वार खोल कर अपने अंदर ज्ञान का एक दीपक जलाएं और इस दीपक से पूरे संसार को रोशनी दिए, परिणाम स्वरूप वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इन सभी से प्रेरित होकर लोग अपने चेतना को जागृत कर अपने जीवन में अच्छे-अच्छे कार्य कर रहे हैं, चाहे वह एक अच्छा डॉक्टर, एक अच्छे वैज्ञानिक, एक अच्छे शोधकर्ता इत्यादि ।


नमो नारायण

Saturday, 20 June 2020

प्रतिरोधक क्षमता बढाता है योग : डॉ. परिणीता सिंह ( योग विशेषज्ञ )



रांची , झारखण्ड | जून | 21, 2020 ::
* आसन, ध्यान और प्राणायाम उस बेचैनी को कम कर सकता है जो पृथक रहने को लेकर लोगों में पैदा हो रही है।

* लगातार योग करने से लोगों को अवसाद, चिंता, मानसिक तनाव में काफी राहत मिलेगी ।

* योग के बहुत से ऐसे आसन हैं जिनसे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है.

* योग के अभ्यास न केवल हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं बल्कि हमें दिनभर ऊर्जावान और सकारात्मक बनाए रखने मे मदद करते हैं ।


आज सारा विश्व कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से गुजर रहा है चारों ओर परेशानी एवं चिंता ही दिखाई दे या सुनाई दे रही है। शारीरिक, मानसिक परेशानी के साथ-साथ आर्थिक स्थिति भी सभी देशों की कुछ ठीक नहीं है।


कोरोना महामारी को लेकर इतनी अनिश्चितता और उलझन है कि कब तक सब ठीक होगा, पता नहीं। ऐसे में सभी के तनाव में आने का ख़तरा बना हुआ है ।
इस तनाव का असर शरीर, दिमाग़, भावनाओं और व्यवहार पर पड़ता है. हर किसी पर इसका अलग-अलग असर होता है ।

शरीर पर असर - बार-बार सिरदर्द, रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना, थकान, और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव ।
भावनात्मक असर – चिंता, ग़ुस्सा, डर, चिड़चिड़पना, उदासी और उलझन हो सकती है।

दिमाग़ पर असर – बार-बार बुरे ख़्याल आना. जैसे मेरी नौकरी चली गई तो क्या होगा, परिवार कैसा चलेगा, मुझे कोरोना वायरस हो गया तो क्या करेंगे. सही और ग़लत समझ ना आना, ध्यान नहीं लगा पाना।

इस परिस्थिति में अगर हम अपने आप को, समाज को, देश को या फिर पूरे विश्व को अगर शारीरिक दृढ़ता एवं मानसिक स्थिरता दे सके तो शायद बहुत सी समस्याओं का निराकरण हो सकता है।
इस शारीरिक एवं मानसिक लाभ के लिए योग एक बहुत ही अच्छी पद्धति मानी गई है, जिससे शारीरिक क्षमता को विकसित एवम् प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार केअभ्यास है-
जैसे आसन, प्राणायाम या हठयोग क्रिया है। जिसमें हम शरीर का शुद्धीकरण करते हैं और प्रत्येक आंतरिक अंगों की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
दूसरी ओर ध्यान, जप है जो मानसिक स्थिरता प्रदान कर सकता है। योग के विभिन्न पद्धति को अपनाकर शरीर, मन और ऊर्जा के प्रभाव में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है, जो इस बढ़ते हुए अनिश्चितता एवं भयभीत समाज को मानसिक एवं भावनात्मक शांति प्रदान करेगा ।

पूरे देश में इस महामारी के कारण विभिन्न प्रकार के रोग जैसे अवसाद, अनिद्रा, सिर दर्द, चिड़चिड़ापन जैसे विक्षेप उत्पन्न हो रहे हैं। शारीरिक स्तर पर थकान एवं भूख के ना लगने जैसे समस्या उत्पन्न हो रही हैं, जो ना सिर्फ भावनात्मक असंतुलन पैदा कर रहा है बल्कि प्रतिरोधक क्षमता को भी कम कर रहा है ।

योगश्चित्तवृत्तिनिरोध: | यो.सू.1/2

महर्षि पतंजलि के अनुसार चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है यहां निरोध का तात्पर्य अपने विचारों, वृत्तियों, श्वसन, कामनाओं व्यक्तित्व कुंठाओं को रोकने से है

कुछ प्रारंभिक अभ्यास द्वारा शरीर में बढ़ रहे तनाव का निदान किया जा सकता है। डर, घबराहट के कारण जो तनाव हार्मोन कि स्राव शरीर में हो रहा है, उसे कम किया जा सकता है।
और इन हार्मोन के स्राव को संतुलित कर शरीर को क्रियाशील एवं प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है।
दूसरी ओर शिथिलता के अभ्यास द्वारा एवं ध्यान द्वारा मन को एकाग्र एवं विकार रहित भी बनाया जा सकता है। जिससे सही दिशा एवं सूझबूझ के साथ जीवन का मार्गदर्शन कर सकते हैं।

कुछ उपयोगी अभ्यास इस प्रकार है - नेति, कुंजल जो शरीर को शुद्ध करता है।
आसन खासकर आगे झुकने वाले ( पश्चिमोत्तानासन, पादहस्तासन, ) और पीछे झुकने वाले अभ्यास ( सरल धनुरासन, अर्ध चक्रासन ) शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
प्राणायाम जिससे प्राणिक प्रवाह में सुधार होता है और शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलता है, जो कोशिकाओं को पुनर्जन्म में मदद करता है सबसे फायदेमंद नाड़ी शोधन, भस्त्रिका, एवं उज्जाई होता है।
योग निद्रा एक शिथलीकरण का अभ्यास है जिससे विचारों और भावनाओं को समझा जा सकता है और निवारण को उपाय भी किया जा सकता है।
ध्यान में जप या किसी प्रतीक को अंतर्मन में देखा जाता है, जो विचारों में सकारात्मकता एवं रचनात्मकता लाता है।

मननात् त्रायते इति मंत्र: |

मंत्र की शक्ति मनुष्य को मन के बंधनों से मुक्त करती है।
मंत्र द्वारा एक विशेष स्पंदन उत्पन्न होता है जो मनुष्य के अतिंद्रीय चेतना का विस्तार करता है और मन को  द्वन्दो से मुक्त करता है

अतः यह हम कह सकते हैं कि अगर नियमित रूप से योगाभ्यास किया जाए तो इस वैश्विक महामारी है बचा जा सकता है


डॉ परिणीता सिंह
( गेस्ट फैकल्टी योग विभाग रांची विश्वविद्यालय, सेक्रेटरी योग मित्र मंडल रांची एवं डायरेक्टर डिवाइन योग अकादमी )
Mail :: parinitasingh70@gmail.com
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Friday, 19 June 2020

परिमल नथवाणी आंध्र प्रदेश से राज्यसभा में चुने गए

जून | 19, 2020 :: वर्ष 2008 से राज्य सभा में लगातार दो टर्म तक झारखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले रिलायन्स इन्डस्ट्रीज़ के सिनियर ग्रूप प्रेसिडेन्ट श्री परिमल नथवाणी आज अमरावती में आंध्रप्रदेश से वाय.एस.आर. कोंग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा में सांसद चुने गए है।

राज्य सभा के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद श्री नथवाणी ने कहा कि, "आंध्रप्रदेश के लोगों की सेवा करने का मौका देने के लिए मैं बहुमुखी प्रतिभा के धनी और लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री वाय. एस. जगनमोहन रेड्डी और वाय.एस.आर. कोंग्रेस पार्टी का आभारी हूं।उन्हे आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री बने हुए सिर्फ एक साल हुआ है और इस एक ही वर्ष में दिए हुए वचनों में से 90 प्रतिशत वचनों की पूर्ति कर चुके है और आनेवाले चार वर्षों में भी मुख्यमंत्री राज्य के समुचे विकास के लिए बहुत कुछ करेंगे।हमारे मुख्यमंत्री ने उनके वचन के अनुसार नवरत्नालु मतलब की नौ कल्याणकारी योजनाओ को अमलीजामा पहना दिया है और इनके इस कार्य को चारों और से सराहा गया है।"

श्री नथवाणी ने बताया कि, "आंध्रप्रदेश के विकास के लिए मैं पूर्ण रूप से कटिबद्ध हूं और मुख्यमंत्री और उनकी टीम के साथ मिलकर राज्य के विकास के लिए कार्य करुंगा। झारखंड से राज्यसभा सदस्य के तौर पर 12 वर्षो के कार्यकाल और रिलायन्स इन्डस्ट्रीज़ में दशकों तक काम करने का मेरा अनुभव यहां काम लगेगा।"

लगातार दो टर्म (12 वर्ष) तक झारखंड से राज्यसभा के सदस्य के तौर पर श्री परिमल नथवाणी ने प्रसंशनीय काम किया है और उनके सांसद स्थानिक विस्तार विकास (ए.पी.एल.ए.डी.) और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एल.ए.जी.वाय.) निधि का लगभग 100 प्रतिशत उपयोग उन्होंने बुनियादी सुविधाओं, शिक्षा, आरोग्य, स्वच्छता और कौशल विकास के कामों में किया है। एस.ए.जी.वाय. के तहत गोद लिए गए तीन आदर्श ग्राम पंचायतों बड़ाम-जराटोली, चुट्टु और बरवादाग में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों का व्याप विशाल स्तर पर था।

श्री नथवाणी रिलायन्स इन्डस्ट्रीज़ के अध्यक्ष और प्रबंध संचालक श्री मुकेश अंबाणी की कोर टीम के सदस्य के तौर पर प्रसिद्ध है।वे रिलायन्स के संस्थापक धीरुभाई अंबाणी को अपना गुरु और आदर्श मानते हैं।उन्होंने गुजरात के जामनगर में विश्व के सबसे बड़े रिफाइनरी संकुल की स्थापना करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के उपरांत देश के पश्चिमी राज्यों में रिलायन्स पेट्रोलियम के रिटेल आउटलेट, रिटेल व्यवसाय, गैस परिवहन पाइपलाइन और जियो मोबाइल नेटवर्क समैत बुनियादी परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाने में अहम भूमिका अदा की थी।

कुछ दिनों पहले जारी किए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वे 2019-20 के अनुसार, आंध्र प्रदेश का सकल घरेलु उत्पाद (ग्रोस स्टेट डोमेस्टिक प्रोडक्ट - जी एस डी पी) रू. 9,72,782 करोड था जो वित्तिय वर्ष 2018-19 के रू.8,62,957 करोड की तुलना में 12.73 प्रतिशत की बढोतरी दर्शाता है।गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश का जी एस डी पी ग्रोथ वर्ष 2019-20 में 8.16 प्रतिशत रहा था।

श्री नथवाणी ने कहा कि, "मुख्यमंत्री श्री जगनमोहन रेड्डी को उनके पिता श्री वाय.एस. राजशेखर रेड्डी के निधन पश्चात काफी समस्याओं और चुनौतियों का सामना करना पडा था, लेकिन उन्होंने उन सभी बाधाओं को पार किया। जन नेतृत्व के लिए उन्होंने प्रचंड सामर्थ्य का प्रदर्शन किया है।वे सिर्फ आंध्रप्रदेश के ही नहीं परंतु समग्र देश, खास कर के दक्षिणी राज्यों के लोगों का नेतृत्व करने में सक्षम है।श्री जगनमोहन रेड्डी के साथ तुलना हो सके या उनके साथ स्पर्धा कर सके ऐसा दुसरा कोई युवा नेता अभी दिख नहीं रहा, इसीलिए कह सकते है कि वे आंध्रप्रदेश और दक्षिणी भारत की राजनीति में वे लंबे समय तक बडी ताकत बने रहेंगे। उनके नेतृत्व में उनके और उनकी पार्टी के साथ मिलकर आंध्रप्रदेश की सेवा करना मेरे लिए बहुत बडा सौभाग्य है।"

श्री नथवाणी युवावस्था के दिनों से ही सार्वजनिक जीवन में रूचि रखते थे और सौराष्ट्र के सांसदों से जुडे रहते थे और एक बार तो उन्होंने जाम खंभालिया से विधानसभा का चुनाव लडने का भी प्रयास किया था। लोगों की समस्याओं को अलगअलग स्तर पर आवाज़ बनकर उठाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने पर उनको सौराष्ट्र की आवाज़ (वॉइसऑफसौराष्ट्र) के तौर पर जाना जाता है।

कुछ समय पहले तक गुजरात क्रिकेट एसोसियेशन (जी.सी.ए.) के उपाध्यक्ष पद पर रह चुके श्री परिमल नथवाणी ने 'नमस्ते ट्रम्प' कार्यक्रम के आयोजन स्थल के तौर पर चर्चा में रहे विश्व के सबसे बडे मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम, अहमदावाद के निर्माण कार्य का सफलतापूर्वक निरीक्षण किया था और समुचे आयोजन को अमली जामा पहनाया था।

श्री नथवाणी लगभग 15 साल तक गुजरात में स्थित प्रसिद्ध यात्रा धाम द्वारकाधीश मंदिर के उपाध्यक्ष रहे है।वे रिलायन्स के प्रतिनिधि के तौर पर गुजरात सरकार के साथ मिल कर पवित्र नगरी द्वारिका के विकास में भी सहभागी बने और उस कार्य को गति प्रदान की है।श्री नथवाणी नाथद्वारा टेम्पल बोर्ड के सदस्य के तौर पर नौ सालों से सेवारत है।

गुजरात स्टेट फूटबोल एसोसियेशन (जी.एस.एफ.ए.) के अध्यक्ष के तौर पर श्री नथवाणी के वर्ष 2019 के उत्तरार्ध में चुने जाने के बाद गुजरात में फूटबोल के विकास को असाधारण गति मिली है।

गीर लायनः“ प्राइड ओफ गुजरात”और“झारखंड मेरी कर्मभूमि” (हिन्दी) यह दो पुस्तकें श्री नथवाणी की क्षमताओं का परिचय देती है।झारखंड में उनके प्रदान पर ओर एक पुस्तक“एडोरेबल एन्ड एडमायरेबल परिमल नथवाणी”टाइम्सऑफइन्डिया, रांची द्वारा जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के 101वें जन्मदिवस के अवसर पर ऑन लाइन संगोष्ठी

नई दिल्ली | जून | 19, 2020 :: केंद्रीय संसदीय कार्य एवं भारी उद्योग लोक उद्यम राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि कोरोना की वैश्विक महामारी के वर्तमान दौर में अणुव्रत आन्दोलन के सिद्धान्तों को जीवन में उतारना वर्तमान समय की सबसे बड़ी जरुरत हैं।

मेघवाल अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के 101वें जन्मदिवस के अवसर पर अखिल भारतीय अणुव्रत महासमिति द्वारा अणुव्रत संसदीय मंच के सौजन्य से आयोजित ऑन लाइन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। मेघवाल संसदीय मंच के *राष्ट्रीय संयोजक* भी हैं।संगोष्ठी का संचालन अणुव्रत समिति दिल्ली की मन्त्री कुसुम लुनिया ने किया।

मेघवाल ने बताया कि आज कोविड-19 के कालखण्ड में सारा विश्व अणुव्रत प्रवर्तक अनुशास्ता आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ के बताए मार्ग पर चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोरोना विषाणु के संक्रमण से बचने के लिए सभी लोग अपने मुँह पर मास्क पहन रहे हैं। भारतीय संस्कृति के अनुरूप नमस्कार कर रहे है और शाकाहारी भोजन को दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं।

उन्होंने रसोई घर और किचन की रोचक व्याख्या की और बताया कि दरअसल हमारी रसोई रसायन शाला है जिसमें पकने वाले भोजन में अलग ही रस आता हैं। जबकि पाश्चात्य संस्कृति के किचन रस की जगह विकृतियों का घर है ।
केन्द्रीय राजू मन्त्री ने कहा कि आज हमारी चिकित्सा पद्दति आयुर्वेद और काढ़ा और योग पूरी दुनिया में पहुँच रहा हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से सारा विश्व २१ जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा हैं।

मेघवाल ने सभी से अपील की वे महान संत तुलसी,महाप्रज्ञ और महाश्रमण के उपदेशों को जीवन में उतारें और वर्तमान परिस्थितियों में छोटे छोटे व्रत लेकर देश दुनिया में भारतीय संस्कृति के प्रसार में भागीदार बने।
उन्होंने बताया कि आचार्य जी की प्रेरणा से मैरे जीवन में प्रशासनिक अधिकारी से राजनीति में आकर लोगों की सेवा करने के रूप में चमत्कारी परिवर्तन हुए ।

मेघवाल ने वर्तमान दौर में निराशा और हताशा को छोड़ने और आत्महत्या जैसे अपराध नही करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ी जा रही कोरोना की जंग में हमें विजय मिलेगी। हम विश्व बंधुत्व की भावना से देश विदेश के लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं।
प्रारम्भ में आचार्य महाश्रमण जी प्रेरणा से मंगलपाठ हुआ एवं पूर्व अध्यक्ष रमेश जया जैन ने नेपाल से अणुव्रत गीत प्रस्तुत किया। अणुव्रत महासमिति के अध्यक्ष अशोक डूगंरवाल ने संगोष्ठी के सभी सभागियों का स्वागत किया।
इस मौके पर अणुव्रत प्रवक्ता महेन्द्र कर्णावत राजसमन्द ने विषय प्रवेश की रूप रेखा प्रस्तुत की और अखिल भारतीय अणुव्रत न्यास के सम्पत नाहटा निवर्तमान अध्यक्ष अशोक संचेती,अणु व्रत विश्व भारती के अध्यक्ष संचय जैन
अखिल भारतीय श्वेताम्बर महासभा कोलकाता के अध्यक्ष सुरेश गोयल महामन्त्री भीखम सुराणा और श्रौताओं की ओर से जिज्ञासा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
संगोष्ठी में अणुव्रत समिति दिल्ली के अध्यक्ष डॉ पी सी जैन समिति के परामर्शक गोपेंद्र नाथ भट्ट रमेश चौधरी टीकम सेठियां माला कटारियाँ और तनसुख बैद आदि ने भाग लिया।

Wednesday, 17 June 2020

सूर्य नमस्कार के द्वारा हम सूर्य को शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से प्रणाम करते हैं : डॉ. परिणीता सिंह ( योग विशेषज्ञ )

रांची , झारखण्ड | जून | 17, 2020 :: योग में सूर्य नमस्कार अर्थात सूर्य को नमन करना ।
अक्षयोपनिषद मे सूर्य को ईश्वर का रूप माना गया है ।
अलग अलग उपनिषदों में सूर्य को परम चेतना से तुलना की गई है।
हमारे पूर्वजों ने इसे ब्रह्म ज्ञान की संज्ञा दी है ।
सूर्य नमस्कार के द्वारा हम सूर्य को, जो जीवनी शक्ति का स्वरूप है, उसे शारीरिक मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से प्रणाम करते हैं।
आज के आधुनिक युग में सूर्य नमस्कार की उपयोगिता काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि मनुष्य धीरे धीरे शारीरिक स्तर पर कमजोर एवं मानसिक स्तर पर तनावग्रस्त होता जा रहा है ।
इस तनाव को दूर करने तथा विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक रोगों के उपचार में यह एक प्रभावी पद्धति माना जा रहा है।
यह अभ्यास संपूर्ण चक्रो, पंचप्राण तथा पंचकोश को प्रभावित करता है ।
परंतु विशेष रुप से मणिपुर तथा आज्ञा चक्र पर प्रभाव डालता है, जो मनुष्य में आत्मविश्वास, अंतर्ज्ञान तथा रचनात्मक शक्ति को बढ़ाता है ।
यह अभ्यास शरीर में मांसपेशियों, जोड़ो तथा तथा सभी आंतरिक अंगों की मालिश करता है तथा उनकी छमता
को बढाता है।
मेरुदंड के लचीला होने से शरीर तथा मस्तिष्क के बीच सामंजस्य काफी बेहतर हो जाता है ।
इसके अभ्यास से मन शांत होता है जिससे स्मरण शक्ति तथा एकाग्रता में काफी बढ़ोतरी होती है।
इस अभ्यास को श्वास प्राश्वास, मंत्र तथा बीज मंत्र के साथ करते हैं।
विशेष प्रभाव के लिए गायत्री मंत्र के साथ भी सूर्य नमस्कार किया जा सकता है ।
यह अभ्यास व्यक्तित्व के विकास में काफी सहायक है ।
कई बीमारियों के इलाज के लिए सर्वोत्तम साधन है, जैसे मधुमेह अवसाद से संबंधित रोग, पाचन तंत्र संबंधित रोग इत्यादि।
सूर्य नमस्कार के 12 चरणों का अभ्यास दो बार पूरा करने पर एक चक्र की आवृत्ति होती है

सूर्य नमस्कार के मंत्र

सूर्य नमस्कार में बारह मंत्र बोले जाते हैं। प्रत्येक मंत्र में सूर्य का भिन्न नाम लिया जाता है। हर मंत्र का एक ही सरल अर्थ है- सूर्य को (मेरा) नमस्कार है। सूर्य नमस्कार के बारह स्थितियों या चरणों में इन बारह मंत्रों का उचारण जाता है।

ॐ मित्राय नमः।
ॐ रवये नमः।
ॐ सूर्याय नमः।
ॐ भानवे नमः।
ॐ खगाय नमः।
ॐ पूष्णे नमः।
ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।
ॐ मरीचये नमः।
ॐ आदित्याय नमः।
ॐ सवित्रे नमः।
ॐ अर्काय नमः।
ॐ भास्कराय नमः।

डॉ परिणीता सिंह
( गेस्ट फैकल्टी योग विभाग रांची विश्वविद्यालय एवं सेक्रेटरी योग मित्र मंडल रांची )

Monday, 15 June 2020

अनिरुध बुधिया राउंड टेबल इंटर्नैशनल ऐशिया पसीफ़िक सर्वश्रेस्थ टेब्लर अफ ईयर से सम्मानित

रांची , झारखण्ड | जून | 15, 2020 :: आज 15 जून 2020 को राउंड टेबल इंटर्नैशनल ऐशिया पसीफ़िक का ऐन्यूअल जेनरल मीटिंग हुआ जूम ऐप पर जिसमें टेब्लर अनिरुध बुधिया को राउंड टेबल इंटर्नैशनल ऐशिया पसीफ़िक सर्वश्रेस्थ टेब्लर अफ ईयर से सम्मानित किया गया। यह जानकारी संस्था के मीडिया प्रभारी टेब्लर सिधार्थ चौधरी ने दी । यह पूरे भारत के लिए गर्व की बात है । ऐन्यूअल जेनरल मीटिंग हर साल अलग अलग देश में होता है पर इस साल इस महामारी के वजह से ये मीटिंग ज़ूम ऐप पर हुई । हर साल राउंड टेबल इंटर्नैशनल का एक सदस्य को ये बेस्ट टेब्लर से सम्मानित किया जाता है उसके द्वारा किए गए काम के लिए । टेब्लर अनिरुध बुधिया को ये अवार्ड मिला उनके द्वारा सी ऐम किचन में किए गए मेहनती कार्यों के लिए।ज्ञातव्य हो कि सी ऐम किचन का उद्घाटन 31 मार्च को मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी ने किया था और ये किचन 30 जून तक चलना है । सी ऐम किचन इस करोना महामारी में हलतग्रस्त और ज़रूरतमंद लोगों के लिए राँची ज़िला प्रशाशन और राउंड टेबल राँची के संयुक्त प्रयास से खोला गया था ।अब तक 650000 से भी ज़्यादा लोगों को खाना पहुँचाया गया है । अनिरुध बुधिया ने किचन में शुरू दिन से ही सबकुछ मुख्य रूप से संभाला और काफ़ी जी जान से और पूरी शिद्दत से जरूरतमंदों की सेवा की । फलस्वरूप उन्हें उनके उच्च कार्यों के लिए इस उच्च अवार्ड से सम्मानित किया गया । आज सी ऐम किचन की चर्चा देश विदेश में हो रही है और ये हम सब राँची वासियों के लिए गर्व की बात है ।

गुरुनानक सेवक जत्था को बीस साल पूरे : 17 जून को सजेगा विशेष दीवान, यूट्यूब के चैनल मेरे साहिबा पर होगा शाम 7 बजे से लाइव प्रसारण






रांची , झारखण्ड | जून | 15, 2020 ::  आगामी 17 जून 2020 को गुरु नानक सेवक जत्थे के 20 वर्ष पूरे होंगे.इस खुशी में जत्थे द्वारा 14 जून,रविवार को रात 8 बजे गुरुद्वारा साहिब परिसर में विशेष बैठक बुलाई गई जिसमें जत्था ने भविष्य में और बढ़ चढ़ कर सेवा करने का संकल्प लिया,जत्था द्वारा कुछ अहम निर्णय भी लिए गए जिसमें हर शनिवार रात को कृष्णा नगर कॉलोनी गुरुद्वारा साहिब को सर्फ से धोने, महीने में एक बार आश्रम या अनाथालय जा कर सेवा करने तथा महीने में दो बार संगत को वाहेगुरु का जाप करवाने एवं एक बार सुखमनी साहिब जी का पाठ करने पर सर्वसम्मति बनी.जत्था के मनीष मिढ़ा ने कहा कि इसके अलावा अन्य सेवाएं भी समय समय पर जारी रहेंगी.
17 जून,मंगलवार को 20 वर्ष पूरे होने की खुशी में सुबह गुरुद्वारा साहिब में निशान साहिब जी की सेवा की जाएगी.लॉकडाउन की गाइड लाइन का पालन करते हुए निशान साहिब जी की सेवा में सिर्फ 8 सेवादार को ही जिम्मा सौंपा गया है.सेवा समाप्ति के उपरांत जत्था के सेवादार सभी श्रद्धालुओं के घर घर जाकर प्रशाद वितरण करेंगे.
सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि इसी दिन शाम को 7 बजे गुरुद्वारा साहिब में विशेष दीवान सजाया जाएगा जिसमें सेवक जत्था द्वारा वाहेगुरु गुरु मंत्र का जाप कराया जाएगा एवं मुख्य सेवादार मनीष मिढ़ा द्वारा गुर इतिहास की साखी सुनाई जाएगी.चूंकि लॉक डाउन के कारण गुरुद्वारा साहिब फिलहाल बंद है इसको मद्देनजर रखते हुए कार्यक्रम का लाइव प्रसारण यूट्यूब के चैनल मेरे साहिब पर किया जाएगा.

गुरु नानक सेवक जत्था की शरुआत मनीष मिढ़ा की अगुवाई में 17 जून सन 2000 को हुई थी.जत्था का उद्देश्य नशा पान से दूर रहना एवं गुरुघर तथा दीन दुखियों की सेवा करना है.अभी तक जत्था द्वारा 150 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है,जत्था में अभी सदस्यों की संख्या दो सौ से ज्यादा हो चुकी है.