सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का साथ : गुड़िया झा
हम में से अधिकांश लोग किसी न किसी बात का पछतावा लेकर लंबे समय तक परेशान रहते है और अपनी वर्तमान खुशियों से दूर हो जाते हैं। बीते हुए अतीत की बातों को बार -बार याद कर हम परेशान और क्रोधित हो जाते हैं। जिसका नतीजा यह होता है कि हमें अपने आसपास सबकुछ नकारात्मक दिखाई पड़ने लगता है। लोगों से हमारे रिश्ते बिगड़ने लगते हैं। जिसके कारण हमारा सामाजिक दायरा छोटा होने लगता है।
इस बात को अगर हम मानसिक रूप से मान लें कि जो बीत गई सो बात गई। अब उसपर हमारा कंट्रोल नहीं है और उसके बारे में ज्यादा सोचना मतलब अपने आप को ज्यादा दुखी करना है। उसके बदले अभी और भी ज्यादा अच्छा हम कैसे कर सकते हैं। इस तरफ ध्यान देने से परिणाम भी बेहतर मिलने की संभावना बनी रहती है।
1 समय की उपयोगिता।
ईश्वर ने सभी के लिए समान रूप से एक दिन में 24 घण्टे का ही निर्धारण किया
है। अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है उन 24 घंटे का हम उपयोग किस रूप में करते हैं
अनावश्यक गॉसिप, शिकायत और फिजूल की सोच पाल कर हम अपना अछिकांश समय इधर उधर ही बर्बाद कर देते हैं।
जबकि इसके अनुकूल हम इस समय का सदुपयोग नई चीजें सीखने जिससे कि स्वयं के साथ दूसरों का भी भला हो।
इंटरनेट की जानकारी, अपनी आय बढ़ाने के स्रोत के बारे में जानकारी हासिल करना और उस दिशा में पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ना आदि ऐसे कई कार्य हैं जिससे हमारे जीवन को सही दिशा मिल सकती है।
आज तक जितने भी सफल व्यक्ति हुए हैं उन्होंने इन 24 घंटों में ही अपनी सफलता की कहानी लिखी है।
2 अपनी प्राथमिकताएं तय करना।
जीवन में खुश रहने के लिए हमें अपनी प्राथमिकता भी तय करनी होगी। कई बार ऐसा होता है कि जल्दबाजी और दिखावे के कारण अपनी प्रथमिकताओं पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिसके कारण हमारी फिजूलखर्ची की आदतें बढ़ती जाती हैं। नतीजा धीरे धीरे हम खुद को कमजोर महसूस करते हैं।
अपनी फिजूलखर्ची की आदतों पर अंकुश लगाकर हम प्रथमिकताओं पर ध्यान दें तो आने वाले समय में हमे परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एक बात तो तय है कि पैसा हमारी बुनियादी जरूरतों को अवश्य ही पूरी करता है। लेकिन हर समय इसके खर्च की अधिकता हमारे बजट को भी बिगाड़ती है। कभी-कभी हम ऐसी चीजों की खरीदारी भी कर लेते हैं जिसकी हमें जरूरत नही होती है। जब हम इन सब बातों पर गौर करेंगे तो खुद को सुधारने का मौका भी मिलेंगा।
3 सकारात्मक सोच।
खुद को खुश रखने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हमेशा सकारात्मक सोच बनाये रखें। भले ही आसपास का वातावरण दूषित क्यों न हो। आप भला तो जग भला। अगर हमारी सोच सही है तो तय माने कि आसपास का वातावरण कितना भी दूषित क्यों न हो, हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती है।
सही समय पर भोजन और भरपूर नींद अवश्य लें। अच्छे लोगों की संगति और नकारात्मक लोगों से दूरी बनाते हुए अपनी मंजिल की तरफ बढ़ सकते हैं।