Tuesday, 24 October 2023

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन से सीखने योग्य बातें : गुड़िया झा

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन से सीखने योग्य बातें : गुड़िया झा


जब भी हमारे जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियां आती हैं तो हम विचलित हो जाते हैं। हमारा धैर्य जवाब देने लगता है कि बस अब और भी ज्यादा सहन नहीं होता। 
जबकि एक नजर प्रभु श्री राम के जीवन पर डालेंगे तो पायेंगे कि स्वयं भगवान का जीवन संघर्षों से भरा पड़ा था। बावजूद इसके वे अपने कर्मपथ पर चलते गये। उनके जीवन से सीखने योग्य कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जो बताती हैं कि आसान कुछ भी नहीं होता है। इसे आसान बनाना पड़ता है। 
 1 धैर्य।
धैर्य अपने आप में अद्भुत प्रसाद है मनुष्य के लिए। श्री राम के धैर्य का जवाब नहीं। सबसे पहला विरोध तो उन्हें अपने घर से ही झेलनी पड़ी। राज्यभिषेक छोड़ने और जंगल की तरफ प्रस्थान।  उनके चेहरे पर राज्यभिषेक होने की खुशी भी नहीं थी और जंगल जाने का दुख भी नहीं था। बस यही बातें श्री राम को खास बनाती हैं। वे जब तक अयोध्या में रहे तब तक श्री राम कहलाये। जंगल का जीवन आसान नहीं था। लेकिन उसके बाद जंगल के जीवन ने उन्हें मर्यादा पुरूषोत्तम  श्री राम बनाया। 
उनके जीवन से यही सीख मिलती है कि जीवन है तो समस्याएं आयेंगी हीं। उसका सामना धैर्य के सहारे ही करना पड़ेगा।
2 शांत मन और विनम्रता।
 शांत मन से सभी की बातों को सुनना, समस्या की गहराई को समझना और जनकल्याण के हित में उसका समाधान करना वे अपना पहला कर्तव्य समझते थे। अपने जीवन में कठिनाइयां होने के बाद भी वे हमेशा विनम्र बने रहे। श्री राम ने किसी इंसान पर नहीं बल्कि इंसानियत पर राज किया। 
उनका ये गुण हमें सीखाता है कि जल्दबाजी और आक्रोश में लिया गया कोई भी फैसला सही नहीं होता है। 
3 नेतृत्व क्षमता।
श्री राम की नेतृत्व क्षमता अलग थी। उन्होंने सुग्रीव जैसे उदास भक्त को उत्साहित किया। उनके इसी प्रेरणा से सुग्रीव महारथी बनें। उन्होंने हनुमानजी की भी नेतृत्व क्षमता को बढ़ाया और इसी के कारण हनुमानजी ने युद्ध में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
इससे हमें यही सीख मिलती है कि नेतृत्व क्षमता शिक्षा से अलग है। यही हमें भी करना है। प्रत्येक व्यक्ति में कुछ विशेष गुण होते हैं। उसकी पहचान कर उनके गुणों के आधार पर उनके नेतृत्व क्षमता को विकसित करना होगा। तभी समाज और राष्ट्र का विकास संभव है।

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