Sunday, 3 March 2024

विकार ग्रस्त विश्व के अज्ञान को मिटाकर शिव ही प्रकाशमय बनाते हैं :-राजीव कमार पूर्व अधिकारी भा०प्र०से०

राची, झारखण्ड  | मार्च  | 03, 2024 :: 
 सत्कर्म की सत्य शिक्षा तो केवल परमात्मा सदाशिव भगवान ही देते हैं। विकारग्रस्त विश्व के अज्ञान अंधकार को मिटाकर शिव ही प्रकाशमय बनाते हैं। ये उद्गार ब्रह्माकुमारी संस्थान राजयोग केन्द्र चौधरी बगान, हरम् रोड में शिव अवतरण आध्यात्मिक रहस्य कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलन कर उद्घाटन करते हुए राजीव कुमार पूर्व अधिकारी भा०प्र०से० ने व्यक्त किये। इस
अवसर पर शिव झंडोत्तोलन भी किया गया।

कार्यक्रम में बोलते हुए ललित पोद्दार, रॉची जिला मारवाड़ी सम्मेलन अध्यक्ष ने कहा ज्ञान सागर परमात्मा शिव से अमृत कलश प्राप्त करके अज्ञानता से ग्रस्त नर-नारियों को अमर पद दिलाने की ईश्वरीय सेवा करने के कारण भारत में शिव शक्तियों का गायन होता है। आज इसी बात को समझने और धारण करने की आवश्यकता है कि भौतिकज्ञान के साथ-साथ आध्यात्मिक ज्ञान को भी उचित स्थान दिया जाए।

कार्यक्रम में बोलते हुए हषिकेश लाल, निदेशक युवा नाटय संगीत मंच ने कहा नैतिक मूल्यों की समाज में आवश्यकता के साथ-साथ मनोयोग व बुद्धियोग भी व्यक्तितगत जीवन में जरूरी है।
मनोयोग ईश्वर के साथ जोड़ने से ही मनुष्य में दिव्य गुर्णों का उत्कर्ष होगा। मन में विवेक उदय होकर आत्मा परमात्मा के सम्मुख होगी तथा श्रेष्্ कर्म होने लगेंगे।

कार्यक्रम में बनवारी खिरवाल, समाजसेवी ने कहा आज सभी जीवन में दुख व अ अशांति पैदा करने वाले काम क्रोध रूपी विकारों के विष पी रहे हैं। आत्म विस्मृति से पुनः आत्म स्मृति में
मानवो को लाना ही शिव द्वारा उद्घोषित आध्यात्मिक क्रांति का लक्ष्य है व इसमें ही मानव की सर्व समस्याओं का समाधान है।

इस अवसर पर डा० एम. महतो पूर्व संकाय अध्यक्ष बिरसा कृषि विश्वविद्यालय ने कहा आध्यात्म का लक्ष्य तो आत्मा का कल्याण ही है और कल्याण का वाचक तो "शिव" शब्द ही है।
संकटमोचन महाकालेश्वर शिव ने मानवता के कल्याण के लिए हलाहल पान किया था।

कार्यक्रम में उपस्थित अमरेन्द्र विष्णप्री, समाजसेवी ने कहा राजयोग से ही मानव मन की विकृतियों का शुद्धीकरण होता है।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा शिव का स्मृति चिहन शिवलिंग के रूप मेंसर्वत्र सर्व धर्मावलम्बियों द्वारा मान्य है। शिव योगेश्वर हैं - शंकर योगमूर्ति हँं। आज कलियुग की
महारात्रि चल रही है। इस समय आत्मा को ज्ञान द्वारा जाग्रत करना ही जागरण है। इस जागरण से ही सच्ची सामाजिक क्क्रांति आयेगी और कलियुगी विश्व व्यवस्था परिवर्तित होकर दैवी निर्विकारी
वास्तविक स्वराज्य की स्थापना होगी। आज सभी ओर से यह आवाज उठ रही है कि यह जगत.के उद्धारक के प्रकट होने का और सृष्टि तथा मानवता के सर्व कल्याण सम्पादित होने का समय
है। तमोगुणी जड़ता को भेदकर ज्ञान सूर्य शिव पिता परमात्मा के अवतरण का यही यथार्थ समय है। तमोगुणी दुःखी व अशांत सृष्टि के परिवर्तन की भूमिका अब तैयार हो गयी है। यह ऐसा समय है जब हम शिव पिता परमात्मा का संदेश संसार की मनुष्यात्याओं को सुचा सकेंगे। विश्व का परिवर्तन कई प्रकार के मानवी कुकृत्यों व दैवी आपदाओं का मिला -जुला फल होगा। जब सभी आत्माओं के वापिस जाने का समय आ जाता है तभी सुदुर देशवासी शिव युग चक्र को पलटाने के लिए सक्रिय हो उठते हैं। रूहों की करूण पुकार उन्हें आने के लिए बाध्य कर देती है। शिव को इस धरा पर ज्ञानगंगा बहाते हुए 88 वर्ष हो गये हैं व अनेकों के पाप मिटाते हुए एक अलौकिक शक्ति सेना उन्होंने तैयार कर दी है, जो आने वाले थोडे ही समय में सृष्टि का कायाकल्प कर देगी। अनेकानेक गणयमान्य नागरिकों ने मुक्त हस्त से शिव ध्वज से दिव्य वरदान प्राप्त किये एवं प्रतिज्ञाएं कीं ।

इनके अलावा कार्यक्रम में रेखा पाण्डेय, मुख्य प्रबंधक सी०सी०एलo, केनरा बैंक की मैनेजर शालिनी गुप्ता, रूबी रंजन, मैनेजर सी०सी०एल० आदि गणमान्य अतिथि उपस्थित हुए।
शिवजन्मोत्सव के अवसर पर अतिथियों के द्वारा केक भी काटा गया। ब्रह्माकुमारी बहन के द्वारा
गाईडेड मेडिटेशन कराया गया। कलाकारों के द्वारा परमात्म अवरतण की थीम पर नाटक एवं
सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया तथा सभी अतिथियों को ईश्वरीय सौगात भेंट की गई।
साथ ही सभी को प्रसाद दिया गया।

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