Wednesday, 19 January 2022

दुमका :: झारखंड के हस्तशिल्प कला में रोज़गार की संभावनाएं



दुमका, झारखंड | जनवरी  | 20, 2022 :: झारखंड में हस्तशिल्प के कई शिल्पकार अब हुनरमंद बन रहे हैं. इन्हें वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड सरकार के हस्तशिल्प, रेशम एवं हस्तकरघा विभाग प्रशिक्षण दे रहा है. इसके माध्यम से शिल्पकारों और उनके परिवारों को आर्थिक संबल प्रदान किया जा रहा है. झारखंड में बंबू क्राफ्ट, डोकरा शिल्प, एप्लिक, हैंडलूम, रेशम, काथा स्टिच, टेराकोटा और जूट सहित कई हस्तशिल्प को बढ़ावा दिया जा रहा है. डोकरा शिल्प के डिजाइनर सुमंत बक्शी बताते हैं कि यह प्राचीन कला है, जो मोहनजोदड़ो सभ्यता के समय से चली आ रही है. डोकरा शिल्प की मांग चीन, मिस्र, मलेशिया, नाइजीरिया, अमेरिका, और फ्रांस सहित विश्व के कई देशों में है.

डोकरा के शिल्पकार की परंपरा पुश्तैनी रही है. झारखंड के अतिरिक्त ओडिशा, छत्तीसगढ़, बंगाल और तेलंगाना में इसके शिल्पकार मिलते हैं. डोकरा शिल्पकार झारखंड के हजारीबाग, संथाल परगना, जमशेदपुर और खूंटी जिले में निवास करते हैं. इसके शिल्पकार मल्हार या मलहोर समुदाय के होते हैं. डोकरा शिल्प पीतल, कांसा, मोम और मिट्टी से बनाये जाते हैं. शिल्पकार हाथी, घोड़ा, बर्तन, दरवाजे का हैंडल सहित महिलाओं के सजावट के सामान बनाते हैं. शिल्पकार काल्पनिक सौंदर्य से परिपूर्ण होते हैं, इनकी कला की मांग पूरी दुनिया में है. डिजाइनर बताते हैं कि शिल्पकारों को प्रशिक्षण के दौरान बताया जाता है कि वर्तमान समय के अनुसार उन्हें कैसे उत्पाद बनाने हैं, जिनकी मांग विश्व में है.

डोकरा के शिल्पकार मियांलाल जादोपटिया, सुखचंद जादोपटिया, रत्पी बीबी, रजिया जादोपटिया, कुरैसा जादोपटिया, खातून, हीरामन, शुभू जादोपटिया, जयगुण जादोपटिया सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि यह उनका पुश्तैनी पेशा है. लेकिन उचित मार्केटिंग की कमी के कारण वे अपने उत्पाद केवल बंगाल के शांति निकेतन में ही ले जाकर बेचते हैं. मास्टर ट्रेनर हरेज जादोपटिया बताते हैं कि उनकी कारीगरी का उचित दाम नहीं मिलता है. कुछ परिवार अब इसे बनाने से हिचक रहे हैं. वे दिहाड़ी मजदूरी करना इससे बेहतर मानते हैं. शिल्पकारों की रोजी रोटी इससे नहीं चल पा रही है. अधिकतर कारीगर गरीबी में किसी तरह अपनी जिंदगी जी रहे हैं. कारीगरों का स्वयं सहायता समूह बना है, वे आपस में लेनदेन करके अपना जीवन बसर कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है. हालांकि अब भारत सरकार इन शिल्पकारों के लिए ई-कॉमर्स और जेम पोर्टल के माध्यम से उनकी मदद कर रही है.

हस्तशिल्प से संबंधित आजीविका संवर्धन के लिये प्रयास किये जा रहे हैं. वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहायक निदेशक भुवन भास्कर बताते हैं कि डोकरा शिल्प का काफी भविष्य है. इसकी मांग पूरी दुनिया में है. झारखंड सरकार की ओर से भी प्रमोशन किया जा रहा है. दिल्ली में संपन्न इन्वेस्टर मीट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हस्तशिल्प को प्रमोट किया. शिल्पकारों को बाहर भेजने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है. सरकार की ओर से आर्टिजन कार्ड भी दिया गया है, जिसमें उनके परिवार का स्वास्थ्य बीमा कराया गया है. अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह दिसंबर में मनाया जाता है, बच्चों के बीच हस्तशिल्प प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है. केन्द्र सरकार की ओर से हस्तशिल्प के कारीगरों के उत्पाद को विपणन की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. शिल्पकारों के साथ समय समय पर परिचर्चा आयोजित की जाती है. सरकार का प्रयास है कि जनभागीदारी को भी बढ़ाया जाये.

राज्य के हस्तशिल्प को वैल्यू एडिसन से रोजगार सृजन का प्रयास किया जा रहा है. शिल्पकारों की आय दोगुनी करने पर सरकार की ओर से प्रयास किये जा रहे है. राज्य में रेशम दूत और हस्तशिल्प से जुड़े 70 हजार परिवार को रोजगार मिल रहा है. राज्य में कोकून और तसर बीज का उत्पादन बडी मात्रा में होता है. शिल्पकारों को एमएसएमई से जोड़ा जा रहा है. स्वरोजगार की दिशा में सरकार के प्रयास का लाभ कुछ वर्षों में दिखने लगेगा. स्वयं सहायता समूह से जुड़कर शिल्पकार की प्रगति हो रही है, वे कोऑपरेटिव सोसायटी से भी जुड़ रहे हैं. तसर सिल्क में कारीगरी हो जाने से विदेश में काफी डिमांड है. सिल्क के कपडे में काथा स्टिच का वर्क हो जाने से उसकी खूबसूरती बढ़ जाती है. पूरे देश का 70 प्रतिशत सिल्क का उत्पादन झारखंड में होता है.

इसके अतिरिक्त झारखंड राज्य बंबू मिशन के प्रयास से बांस के उत्पादन, लघु एवं कुटीर उद्यम एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है. सरकार की ओर से किसानों के जीवन में बांस आधारित उद्योग से रोजगार उत्पन्न करने के प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में मोहली परिवारों की संख्या लाखों में है जो परंपरागत रूप से बांस के उत्पादन टोकरी, सूप, डलिया सहित कई सामग्री वर्षों से परंपरागत रूप से बना रहे हैं और अपनी आजीविका चला रहे है. मोहली परिवारों को बंबूकाॅफ्ट की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है. झारखंड सरकार की योजना है कि बांस के उत्पाद से आदिवासियों की जीवन शैली में बड़ा बदलाव लाया जा सके. बांस का विकास तेजी से होता है, आज उनके उत्पाद की मांग पूरे विश्व में बढ़ी है. झारखंड में 4470 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में इसका उत्पादन होता है. पूरे देश का आधा प्रतिशत बांस झारखंड में पाया जाता है, यहां के बंबूसा टुलडा, बंबूसा नूतनस और बंबूसा बालकोआ की मांग पूरे विश्व में है.

बंबू क्राफ्ट राज्य का प्रमुख उद्योग बन चुका है. लगभग 500 प्रकार के उत्पाद बांस के बन रहे हैं, जो अन्य प्रदेशों में भेजे जा रहे हैं. जिससे 50 लाख की आय प्रतिवर्ष सरकार को हो रही है. वन आधारित उत्पादों के माध्यम से लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में प्रयास किये जा रहे है. देशभर के निवेशकों को बांस आधारित उद्योग के बारे में बांस कारीगर मेला में बताया गया है. कारीगर मेला में आईकिया, ट्राईफेड, फैब इंडिया, इसाफ सहित कई संगठन असम, त्रिपुरा, दिल्ली, मेघालय सहित कई राज्यों से जुटे थे. झारखंड में कारीगर मेला का आयोजन मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड, उद्योग विभाग, झारखंड राज्य बंबू मिशन, झारक्राफ्ट और जेएसएलपीएस ने किया था.

राज्य में हरेक जिला में बांस बहुतायत मात्रा में पाया जाता है, जिससे रोजगार की संभावना बढ़ी है. बांस आधारित सामानों के उत्पादन के विपणन की समस्या नहीं है, मल्टीनेशनल कंपनी सामान खरीदने को तैयार है. बांस के नये उत्पाद अब बनने लगे हैं जैसे सोफा सेट, टेबल, बैग, दैनिक उपयोग की कलात्मक सामग्री जिसकी मांग बढ़ी है, जिससे विश्व व्यापार भी बढ़ा हैं. गैर सरकारी संस्था ईसाफ के अजित सेन बताते हैं कि राज्य के सभी जिलों में बांस का उत्पादन होता आ रहा है. संथाल परगना में सर्वाधिक बांस का उत्पादन होता है. इसके अतिरिक्त गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, खूंटी, जमशेदपुर, रांची, गुमला, हजारीबाग, रामगढ़ जिला में बहुतायत मात्रा में बांस उपलब्ध है.

राज्य सरकार के प्रयास से लघु एवं कुटीर उद्यम विकास बोर्ड द्वारा कारीगरों के कलस्टर बना कर उन्हें प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है. एक क्लस्टर में लगभग दो सौ कारीगर होते हैं, राज्य में लगभग एक हजार कल्सटर बन चुके हैं.नेशनल बंबू मिशन बांस की खेती के लिये पीपी मोड और मनरेगा अंतर्गत बांस के पौधे लगाने को प्रोत्साहित कर रहा है. झारखंड के आदिवासी अब रोजगार के लिये पलायन नहीं करेंगे, वे अपने घर में ही रोजगार पा सकेंगे, कुटीर उद्योग के माध्यम से उनके जीवन में बदलाव आने की संभावना है. (चरखा फीचर)

Tuesday, 18 January 2022

कम पानी में कृषि कार्यों से दोगुना मुनाफा कमा खुशहाल उद्यमी बन रहे किसान

★कम पानी में कृषि कार्यों से दोगुना मुनाफा कमा खुशहाल उद्यमी बन रहे किसान
★राज्य के 9 जिलों के 30 प्रखण्डों में पर्यावरण अनुकूल सब्जी उत्पादन से किसानों को मिल रहा है फायदा
★महिला किसान भी बन रहीं सफल किसान

रांची, झारखण्ड  । जनवरी  । 18, 2022 :: हमेशा से परंपरागत तरीके से खेती करने वाली रांची के ओरमांझी की रहनेवाली महिला किसान सुनीता देवी ने नहीं सोचा था कि सिंचाई के तरीके में बदलाव लाने से उत्पादन में बहुत फ़र्क आयेगा और पानी की भी समस्या नहीं रहेगी। सुनीता ने सिंचाई की कठिनाई को टपक सिंचाई से दूर करते हुए दूसरे किसानों के लिए एक मिसाल पेश की है। आज सुनीता ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के तहत झारखण्ड बागवानी सघनीकरण टपक सिंचाई परियोजना से जुड़कर टपक सिंचाई से खेती शुरू कर अच्छी आमदनी कर रही हैं। सुनीता कहती हैं, टपक सिंचाई योजना से उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आ गया। हमारे पास सिंचाई के लिए सिर्फ कुआँ था, जो अक्सर सूख जाता था। जिस कारण हम सिंचाई के लिए पूरी तरह बारिश पर ही आश्रित थे। लेकिन, अब ड्रिप के लग जाने के बाद खेती करना काफी आसान हो गया है। आज एक साथ कई तरह की फसल की खेती कर सालाना 1.5 लाख तक की आमदनी कर लेती हूं। 

* कम मेहनत, कम लागत और कम पानी में दोगुना हो रहा मुनाफा

सुनीता की ही तरह झारखण्ड बागवानी सघनीकरण टपक सिंचाई परियोजना ने राज्य की हजारों महिला किसानों के जीवन में बदलाव की नई कहानी लिखी है। पश्चिमी सिंहभूम के तांतनगर प्रखण्ड के चिरची गांव निवासी संकरी परंपरागत तरीके से खेती कर सालाना 20-25 हज़ार रुपये अर्जित करती थी, अब वह टपक सिंचाई परियोजना से जुड़कर सालाना 80-90 हज़ार रुपये का मुनाफा कमा रही हैं । 

* कृषि कार्यों से उद्यमी बनते कृषक

राज्य के 9 जिलों के 30 प्रखण्ड में इस परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अब तक पूरे राज्य में करीब 11800 किसान सूक्ष्म टपक सिंचाई एवं अन्य सुविधाओं को लेकर अच्छे उत्पादन से ज्यादा कमाई कर उद्यमिता के पथ पर हैं। अबतक इस परियोजना से जुड़ने के लिए करीब 23 हजार किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है। राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में किसानों को सुविधाओं से लैस करना है, ताकि झारखण्ड के कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में भी उन्हें सिंचाई समेत किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। इसी कड़ी में राज्य के किसानों को टपक सिंचाई के जरिए कम पानी में बेहतर फसल उपजाने के लिए प्रशिक्षण एवं सुविधा मुहैया करायी जा रही है। जिसका उद्देश्य राज्य के कृषकों को स्थायी एवं पर्यावरण अनुकूल कृषि के जरिए सब्जी उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज करवाना है। सरकार अपने उद्देश्य में सफल भी हो रही है, जिससे हजारों कृषक जो पहले साल में एक फसल पर निर्भर रहते थे, अब साल में तीन-चार फसल उपजाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं।

Monday, 17 January 2022

गाँव-गरीब के विकास में पूरी तरह विफल हेमन्त सरकार: नीलकंठ सिंह मुंडा


रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 17, 2022 :: ग्रामीण कार्य, ग्रामीण विकास विभाग  से संबंधित प्रेस वार्ता में राज्य सरकार के विफलताओं को उजागर करते हुए झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं खूंटी के विधायक  नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि जेएमएम-कांग्रेस- राजद गठबंधन की सरकार बने 2 वर्ष पूर्ण हो गए हैं। सरकार गठन के पूर्व जनता के लिए किए गए चुनावी वादों पर राज्य सरकार ने एक कदम भी कार्य नही किया है।

श्री मुंडा ने कहा कि गांव और गरीब से संबंधित योजनाओं  को धरातल पर उतारने में हेमंत सरकार पूरी तरह विफल है।
कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा आवास विहीन लोगो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में आवास निर्माण के लिए 1 लाख 57 हज़ार रुपये दिया जाता था। जिसमे मनरेगा के तहत अभिसरण के माध्यम से 90/95 मानव दिवस सृजित कर मजदूरी का भुगतान किया जाता था। 

उन्होंने कहा कि आवास विहीन विधवाओं को प्राथमिकता के तौर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास उपलब्ध कराने हेतु यह योजना चलाई गई। जिसके तहत रघुवर सरकार द्वारा करीब 19000 आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई परंतु वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण राशि में 50 हजार की अतिरिक्त राशि को जोड़कर दिए जाने की घोषणा की थी।यह घोषणा अब तक घोषणा ही बनकर रह गई है।

श्री मुंडा ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार के समय मनरेगा के क्षेत्र में सरकार द्वारा उस वक्त ऐसे कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया गया जिससे ग्रामीण जनता लाभान्वित हो जैसे उन्हें रोजगार प्रदान करना एवं साथ ही साथ संपत्ति बना कर देने का कार्य किया जैसे तालाब,डोभा निर्माण इत्यादि।उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत लाभुकों को 5000 एकड़ टांड भूमि में आम बागवानी का कार्य किया गया। पिछली सरकार द्वारा नाबार्ड से संचालित 15 जिलों में 29 जल छाजन परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया गया था जिसे वर्तमान सरकार ने एजेंसी चयन का कार्य भी नहीं किया एवं इसे लगभग बंद कर दिया गया है। 


उन्होंने कहा कि जल छाजन मिशन योजना के तहत भाजपा सरकार ने वर्षा के पानी को खेत में ही रोकने के लिए ट्रेंच कटिंग का कार्य किया गया। जिसके फलस्वरूप लगभग 1 लाख 58000 एकड़ भूमि सिंचित किया गया। लेकिन वर्तमान सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है साथ ही साथ नाबार्ड से संचालित करीब 29 जल छाजन योजनाओं के लिए अभी तक एजेंसी का चयन नहीं कर पाई है इन योजनाओं का कार्य अभी तक अधूरा या लगभग बंद है।


 उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के तहत त्रिस्तरीय सरकार की व्यवस्था के तहत एक गांव को आदर्श ग्राम बनाने के लिए जिसमें 13वीं एवं 14वीं वित्त आयोग के तहत केंद्र सरकार द्वारा सीधे पंचायत में पैसा भेज दी जाती थी जिससे गांव के विकास की योजनाएं क्रियान्वित हुई। इस व्यवस्था के तहत मुखिया और अन्य पंचायत प्रतिनिधि इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था का कार्यकाल समाप्त हो गया है।वर्तमान गठबंधन की सरकार के द्वारा पंचायत चुनाव कराने के संबंध में किसी प्रकार की कोई रुचि नहीं दिखाई जा रही है।उन्होंने कहा कि सरकार की क्या मंशा है इसे समझने की जरूरत है। पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार की बू आती नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि पंचायत स्तर पर जब तक पद रिक्त रहेंगे तो विकास कार्य बाधित होंगे और साथ ही साथ पंचायत की शक्तियां सरकार के अधिकारियों के नियंत्रण में हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के विकास का पैमाना का परख सड़कों एवं पुल पुलिया के निर्माण एवं गांव को मुख्यधारा से जोड़ कर लिखी जाती है।रघुवर दास जी के नेतृत्व वाली सरकार में 5 वर्ष में इस दिशा में बेहतरीन कार्य किया गया था, जिससे राज्य के अत्यंत पिछड़े उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास कार्य के तहत सड़को एवं पुल पुलिया के जाल बिछाया था।

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार द्वारा विगत 5 वर्षों में लगभग 23000 किलोमीटर ग्रामीण पथों का निर्माण कराया गया। भाजपा  सरकार द्वारा  5 वर्षों में लगभग 600 पुलों का निर्माण कराया गया परंतु वर्तमान सरकार द्वारा सभी विकास के लिए आवश्यक कार्यों में सबसे महत्वपूर्ण कार्य सड़कों एवं पुल पुलिया निर्माण की ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का गांव के विकास पर ध्यान ही नहीं है और ना ही इसके लिए सरकार के पास कोई विज़न नही न पर्याप्त बजटीय प्रावधान है। इससे साफ पता चलता है कि गांव के विकास के प्रति राज्य सरकार सकारात्मक सोच नहीं रखती है।

उन्होंने कहा की टेक होम राशन योजना के तहत राज्यभर के 5000 ग्राम संगठनों द्वारा राज्य के 38432 आंगनबाड़ी केंद्र को राशन पहुंचाने का कार्य पिछले 6 महीनों से बंद है। जिससे आंगनबाड़ी केंद्र के सभी लाभार्थी इस योजना के लाभ से वंचित है। यह अत्यंत गंभीर मामला है जो आंगनबाड़ी केंद्र के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैया को दर्शाता है।

प्रेस वार्ता में डालटनगंज विधायक आलोक चौरसिया एवं मीडिया सह प्रभारी योगेंद प्रताप सिंह उपस्थित थे।

झज्जर :: पत्रकारोंं ने कोरोना वारियर के रूप मेंं समाज को महामारी के दंश से बचाने में निभाई अमह भूमिका : श्याम लाल पूनिया ( उपायुक्त )


- कार्यक्रम में दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने किया सम्मानित 

झज्जर | जनवरी | 17, 2022 ::  लोकतांत्रिक व्यवस्था मेंं मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। व्यवस्था के सभी अंगों न्यायपालिका, कार्यपालिका एवं विधायिका सुचारू रूप से चलाने में मीडिया ही संतुलन स्थापित करता है। मीडिया की निर्भिक, निष्पक्ष और साहसिक भूमिका से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव हैं। उक्त उदगार झज्जर के जिला उपायुक्त श्री श्याम लाल पूनिया ने प्रैस क्लब झज्जर द्वारा कोरोना काल में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप मेंं व्यक्त किए। उन्होंंने कहा कि मीडिया कोरोना काल मेंं साहसिक भूमिका रही है। पत्रकारोंं ने कोरोना वारियर के रूप मेंं समाज को महामारी के दंश से बचाने के लिए बेहतरीन कार्य किया है। उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कहा कि मीडिया के विस्तार व नई तकनीक से परिस्थितियोंं  में भारी बदलाव आया है। इन हालातों मेंं पत्रकारों को नई चुनौतियों के अनुरूप विश्वसनीयता की कसौटी पर खरा उतरना है। समाज में मीडिया के विस्तार के साथ इंटरनेट के माध्यम से नकारात्मक सूचनाओं और अफवाहों को बहुत तेजी से फैलाया जा रहा है। इसी कारण इन सूचनाओं और घटनाओंं का प्रभाव हमारे मन ओर मस्तिष्क पर नकारात्मक पड़ता है। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्टस के प्रदेश अध्यक्ष संजय राठी ने कहा कि पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास रहा है। आजादी के आन्दोलन में पत्रकारों ने शानदार भूमिका निभाई है। इसके अलावा युद्घ, महामारी व दंगों आदि के दौरान भी अनेक पत्रकारों ने अपनी जान की कुर्बानी देकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। कोरोना की दूसरी लहर में भी अपनी दायित्व को निभाते हुए अनेक पत्रकार वीरगति को प्राप्त हुए है। 
इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्री श्याम लाल पूनिया ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। तदोपरांत कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारोंं की स्मृति में मौन धारण कर श्रद्घांजलि भी दी गई। कार्यक्रम मेंं जिला के दिवंगत पत्रकारों स्वर्गीय रामवर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती सुमन वर्मा, स्वर्गीय भरत लाल की धर्मपत्नी इन्दुबाला, स्वर्गीय निशा सैनी के पति रमेश सैनी, स्वर्गीय सतबीर सैनी की धर्मपत्नी सुषमा सैनी व स्वर्गीय किरण वर्मा के पुत्र जगतप्रकाश वर्मा को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। 
कार्यक्रम मेंं जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी झज्जर बिजेंद्र कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपक अधिकारी रेवाड़ी दिनेश कुमार, वरिष्ठ पत्रकार प्रवीन खुराना, मनमोहन खंडेलवाल, अमित पोपली, प्रमोद सैनी, प्रदीप धनखड़, प्रवीन धनखड़, विनीत नरूला, योगेंद्र सैनी, चैनसुख गौरिया, राधे श्याम गुप्ता, सोनू धनखड़, मनोज कौशिक, मुकेश शर्मा, राकेश कुमार, सुमित थारान, प्रदीप राज्याण, कपील शर्मा, रवि कुमार, जगबीर कोडान, सोमबीर गुलिया, जयपाल लांबा, दिनेश शर्मा, बलदेव मल्होत्रा, जगदीप सिंह के अलावा नागरिक अस्पताल से डॉ प्रीति व डॉ निशा व समाज सेवी मनीष बंसल, सुभाष गुर्जर, डीएसपी राहुल देव,  जेपी दलाल के अलावा शहर के गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। इस अवसर पर पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी एवं साहित्यकार डा. जयभगवान शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक कोरोना महामारी का विमोचन जिला उपायुक्त द्वारा किया गय। कार्यक्रम मेंं मंच संचालन पत्रकार संजय शर्मा द्वारा किया गया। उपस्थित पत्रकारों व शहर के गणमान्य लोगों का स्वागत करते हुए प्रैस क्लब झज्जर के प्रधान संजीत खन्ना ने कहा कि हमारा जिला सदैव सामाजिक उत्थान के प्रयासोंं में अग्रणी रहा है। इस दौरान उन्होंने जिला उपायुक्त महोदय, पत्रकारों व विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनोंं से जुड़े का कार्यक्रम में पंहुचने पर आभार प्रकट किया।

सांसद संजय सेठ ने बुक बैंक की तर्ज पर कंप्यूटर बैंक की आज शुरुआत की

रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 17, 2022 :: लोकसभा के शीतकालीन सत्र में सांसद द्वारा रांची लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न विकास की योजनाओं को सदन में उठाया इसकी विस्तृत जानकारी दी गई

रांची के सांसद संजय सेठ ने आज सांसद कार्यालय में एक प्रेस वार्ता कर बीते शीतकालीन सत्र के दौरान रांची लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न समस्याओं को लोकसभा सत्र के दौरान अपनी बातों को रखा उसकी विस्तृत जानकारी आज प्रेस के माध्यम से दी गई साथ ही बुक बैंक की तर्ज पर कंप्यूटर बैंक की भी आज शुरुआत की गई सांसद  सेठ ने बताया कंप्यूटर बैंक कि आज से शुरुआत की जा रही है वैसे पुराने कंप्यूटर स्मार्टफोन लैपटॉप जो लोग इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं उसे  इकट्ठा कर ग्रामीण क्षेत्र के वैसे स्कूलों में देंगे जहां ग्रामीणों के बच्चे कंप्यूटर की शिक्षा ग्रहण कर सके सांसद सेठ ने रांची की जनता सहित वैसे सभी प्राइवेट एवं सरकारी दफ्तर जहां पर कंप्यूटर पडे  हुए हैं वैसे लोगों से गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए देने की अपील की ताकि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी कंप्यूटर का ज्ञान हासिल कर सके सांसद सेठ ने बताया

लोकसभा का शीतकालीन सत्र कांग्रेस और संपूर्ण विपक्ष के द्वारा बुरी तरह बाधित किया गया। जनता से जुड़े कई मुद्दे, कई विधेयक, कई बिल पास नहीं हो पाए। कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा नहीं हो पाई। इन सब के बावजूद सरकार ने अपने स्तर से बेहतर काम किया और इन्हीं सबके बीच मैंने भी रांची और झारखंड की जनता के लिए अपने महत्वपूर्ण सवाल रखे। कई सवाल राष्ट्रीय पटल के थे। कई सवाल झारखंड स्तर के थे तो कई सवाल रांची लोकसभा क्षेत्र से जुड़े हुए थे। 
इन सवालों में *14 सवाल अतारांकित प्रश्नकाल से जुड़े हुए थे। 3 विषय शुन्यकाल से थे और 2 विषय नियम 377 के तहत लगे थे। कुल 19 विषय मैंने सदन के समक्ष रखे।* 
अतारांकित प्रश्नों के जवाब तत्काल मिले, जो समय-समय पर मैंने आप सबको उपलब्ध भी करवाया है। जिसमें *भारतीय डाक विभाग, आयुष मंत्रालय, रेल मंत्रालय, झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय, किसानों से जुड़े मामले, महिला एवं बाल विकास* से जुड़े मामले सहित कई महत्वपूर्ण विषय है, जो समय-समय पर मैंने आपको दिया। 

इसके अतिरिक्त नियम 377 के तहत मैंने केंद्र सरकार के समक्ष झारखंड से हो रही मानव तस्करी का मामला रखा। सरकार से आग्रह किया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसपर कड़ा कानून बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि झारखंड के बच्चों की तस्करी पर लगाम लग सके। इसके साथ ही जीरो एफआईआर के लिए की व्यवस्था झारखंड भवन में ही करने का आग्रह भी किया।

वहीं नियम 377 के तहत ही मैंने सरकार से यह भी मांग किया कि देश की बढ़ती आबादी और सारी व्यवस्थाओं पर बढ़ते बोझ को देखते हुए देश में कॉमन सिविल कोड लाया जाए। कॉमन सिविल कोड से एक देश एक कानून का मार्ग प्रशस्त होगा और वर्तमान समय में यह देश की जरूरत भी है। 

शून्यकाल के दौरान ही मैंने सरकार से ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के चांडिल डैम में वाटर फ्लोटिंग सोलर सिस्टम से विद्युत सप्लाई और वहां वाटर स्पोर्ट्स शुरू कराने का आग्रह किया ताकि उस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से नई ऊंचाइयां प्राप्त हो सके। स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और इस डैम का बहुआयामी उपयोग भी हो सके। 
इसके अतिरिक्त शून्यकाल में ही सरकार से मैंने रांची में स्थित खेल गांव को राष्ट्रीय स्तर पर खेल विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखा। अपनी बातें केंद्र सरकार के समक्ष रखते हुए आग्रह किया कि यदि यहां खेल विश्वविद्यालय की स्थापना होती है तो झारखंड सहित देश भर की खेल प्रतिभाओं को नई ऊंचाई प्रदान होगी। 

इस शीतकालीन सत्र में शून्यकाल के दौरान ही मैंने सरकार से एक राष्ट्रव्यापी मांग रखा। भारत हमारा देश है, जिसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कई बार तो *इंडिया दैट इज भारत* इसका इस्तेमाल किया जाता है। मैंने सरकार से आग्रह किया यदि देश एक है तो इसका नाम भी एक ही होना चाहिए। इस दृष्टि से देश का नाम भारत हो। केंद्र सरकार ने सदन के माध्यम से आग्रह किया कि भारत सिर्फ और सिर्फ भारत के नाम से जाना जाए।
इसके अतिरिक्त अन्य मुद्दों पर भी मैंने अपने विचार रखे हैं। 

रांची लोकसभा क्षेत्र सहित झारखंड के विकास को लेकर कई मुद्दे पर केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है और समय-समय पर आप सबको इस से अवगत कराया है। 

अभी बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने वाला है। इस सत्र में भी मेरा प्रयास होगा कि अपने क्षेत्र और राज्य से जुड़ी समस्याओं को सदन के माध्यम से सरकार के समक्ष रख सकूं और उसका सकारात्मक परिणाम मिले। समस्याओं का समुचित समाधान हो, इस दिशा में मेरा प्रयास जारी है।

प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ एवं दिव्यांग बच्चों के अभिभावक संघ के संयुक्त तत्वधान में सम्मान समारोह का आयोजन

रांची, झारखण्ड  | जनवरी  |  17, 2022 :: आज दिनांक 17 जनवरी 2022 को प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ एवं दिव्यांग बच्चों के अभिभावक संघ के संयुक्त तत्वधान में सम्मान समारोह का आयोजन प्रेस क्लब रांची में किया गया। झारखंड सरकार के माननीय मुख्यमंत्री के निर्देश में विगत 10 सालों से लंबित प्रशिक्षित विशेष शिक्षको की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई झारखंड विधानसभा के माननीय सदस्य बड़कागांव विधायिका अंबा प्रसाद के प्रयास से संपूर्ण झारखंड के दिव्यांग बच्चों के शिक्षण प्रशिक्षण के लिए विशेष शिक्षकों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विधानसभा के अंदर अपनी आवाज को रखने और पत्राचार करने के परिणाम स्वरूप आज झारखंड सरकार के माननीय शिक्षा मंत्री श्री जगरनाथ महतो के द्वारा विशेष शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई इस शुभ कार्य के धन्यवाद के लिए प्रशिक्षित विशेष शिक्षक एवं दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों के द्वारा माननीय विधायक का अंबा प्रसाद और जेएमडी आउटसोर्सिंग कंपनी के महाप्रबंधक श्री आशुतोष रंजन जी को सम्मानित किया गया।
माननीय विधायक अंबा प्रसाद ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप जिन बच्चों के लिए कठिन मेहनत करते हैं वाकई वह पूजनीय व अतुल्य है मैं स्वयं दिव्यांग बच्चों को नृत्य सिखाने का कार्य कर चुके हैं उन्हें सिखाने में स्वयं सीखने का अनुभव प्राप्त होता है दिव्यांग बच्चे हमारे जीवन के प्रेरणा स्रोत हैं जिनके पास भगवान ने दिव्यांग दिया है वह हमें प्रेरित करते हैं किसी भी अवसाद से हमें बचाते हुए नए संघर्ष के लिए हमें तैयार करते हैं दिव्यांग बच्चे अपने हुनर और ज्ञान इंद्रियों के प्रयोग से संपूर्ण विश्व में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं इनसे हमें प्रेरणा लेने की आवश्यकता है इन बच्चों के शिक्षण प्रशिक्षण एवं दैनिक क्रियाकलापों के प्रशिक्षण हेतु विशेष शिक्षकों की आवश्यकता हमें महसूस हुई इसीलिए हमने विधानसभा सत्र में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति हेतु प्रश्न किया जिसके आलोक में हमें यह जवाब प्राप्त हुआ संपूर्ण राज्य में 1000 से ऊपर विशेष शिक्षकों के लिए पद सृजित किए गए हैं पर वर्तमान में 292 कार्यरत है हम अपने महागठबंधन की सरकार को धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमारे प्रश्न के आलोक में कार्रवाई करते हुए 292 शिक्षकों की नियुक्ति हेतु प्रक्रिया शुरू की है यह हमारा दायित्व है और कर्तव्य भी कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को हम पहुंचा सके इस कार्य का सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ इसके लिए हम प्रशिक्षित विशेष शिक्षक एवं अभिभावकों को धन्यवाद करते हैं जेएमडी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के महाप्रबंधक श्री आशुतोष रंजन ने अपने संबोधन में कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आप जैसे विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने का हमें सौभाग्य प्राप्त हुआ हमारी कंपनी अलग-अलग विभागों की नियुक्ति हेतु कार्य करती है हमारी कंपनी के द्वारा यह आश्वस्त किया गया यह है की पूरी पारदर्शिता एवं नियम संगत आदेशों का पालन करते हुए बेहतर से बेहतर विशेष शिक्षक फिजियोथैरेपिस्ट स्पीच थैरेपिस्ट एवं ऑडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने का प्रयास रहेगा। विशेष शिक्षकों को संबोधित करते हुए सीपीआई के जिला सचिव अजय कुमार ने कहा कि महागठबंधन की सरकार के द्वारा युवाओं को रोजगार देने का संकल्प काफी सराहनीय है रोजगार हमारा मौलिक अधिकार है कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ के अध्यक्ष पावेल कुमार ने की इस कार्यक्रम में  संघ के सचिव निखिल मधुर , कोषाध्यक्ष निखिल कुमार राज देव कुमार विश्वनाथ कुमार द्वारिका यादव जगदीप कुमार निरंजन मंडल नरेंद्र कुमार शशि कुमार शशि प्रभा सोरेन सुमंत मंडल राज कुमार मंडल शोभा कुमारी सरिता कुमारी सीमा कुमारी गायत्री कुमारी सुमन कुमारी रेनू बड़ाईक बैजनाथ महतो उमाशंकर चौधरी शत्रु कुमार महतो अनंजय कुमार पंकज कुमार सुमंत कुमार इमाम हुसैन इम्तियाज अंसारी अनीश कुमार विनय कुमार चंचला कुमारी संतोष महतो छाया कुमारी निशा कुमारी सौरभ कुमार परमेश्वर प्रसाद मुकेश कुमार दिवाकर कुमारसहित सैकड़ों की संख्या में अभिभावक एवं विशेष शिक्षक उपस्थित थे

रांची के 14 प्रखंडों में अनुबंध पर कार्यरत नर्सें हड़ताल पर : नामकुम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेन गेट पर प्रदर्शन


रांची, झारखण्ड  | जनवरी  |17, 2022 :: रांची के 14 प्रखंडों में अनुबंध पर कार्यरत नर्सें हड़ताल पर चली गई हैं। कोरोना जांच और वैक्सीनेशन के काम को छोड़कर वे रांची नामकुम स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेन गेट पर प्रदर्शन किया। वे राज्य सरकार के दोहरे रैवये से आक्रोशित है। 

अनुबंध कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि जिले के 14 प्रखंडों में अनुबंध पर कार्यरत आधे से भी अधिक नर्सों को पिछले पांच महीने से वेतन नहीं दिया गया है। इससे सभी की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। उन्होंने कहा कि विभाग सौतेला व्यवहार अपना कर रही है।

अकुशल ग्रामीण महिलाएं बन रहीं हुनरमंद...राज्य भर में मनरेगा कार्यस्थलों पर महिलाओं के अनुकूल कार्य वातावरण हो रहा तैयार

★अकुशल ग्रामीण महिलाएं बन रहीं हुनरमंद...राज्य भर में मनरेगा कार्यस्थलों पर महिलाओं के अनुकूल कार्य वातावरण हो रहा तैयार
★चयनित महिलाओं को मिल रहा निःशुल्क प्रशिक्षण एवं मेट किट
★राज्य भर में 89,000 से अधिक महिलाओं का हुआ चयन और प्रशिक्षण
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रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 17, 2022 :: 

मनरेगा के तहत योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक से अधिक महिला कर्मचारियों को शामिल करने के प्रयास में राज्य सरकार महिला श्रमिकों को कार्यस्थलों पर महिला साथी के रूप में काम करने के लिए प्रशिक्षित कर रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत अकुशल महिला श्रमिकों को कुशल/अर्धकुशल बनाने और 100 दिनों के काम की गारंटी पाने के लिए यह कवायद चल रही है। साथ ही, प्रतिभागियों की संख्या को बढ़ाने के लिए सरकार ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा के तहत प्रशिक्षण और नियोजन पुल में 50% महिलाओं को शामिल करने का निर्देश दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य भर में 88,939 से अधिक महिलाओं का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है।

* नि:शुल्क प्रशिक्षण और मेट किट

राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण के लिए चुने जाने वाली प्रत्येक महिला को प्रखंड स्तर पर नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक, कनिष्ठ अभियंता, ग्राम रोजगार सेवक, क्लस्टर सुविधा टीम और राज्य संसाधन टीम के सदस्य शामिल हैं। तीन दिवसीय प्रशिक्षण अवधि के दौरान इन साथियों को मनरेगा के इतिहास और श्रम अधिकार, कार्य-स्थल प्रबंधन, कार्यस्थल पर आवश्यक न्यूनतम सुविधाएं, जॉब कार्ड, भुगतान प्रक्रिया, मापने वाले टेप का उपयोग करने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण, कार्य गणना, कार्य प्रगति की निगरानी, ​​दैनिक उपस्थिति रिपोर्ट तैयार करना, मस्टर रोल प्रबंधन और अन्य तकनीकी ज्ञान प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण का उद्देश्य पूरे राज्य में अकुशल से एक अर्ध-कुशल महिला कार्यबल तैयार करना है। प्रशिक्षण के अंत में इन महिलाओं को एक मेट किट दी जाती है, जिसमें मापने वाला टेप, मस्टर रोल रजिस्टर, दिशानिर्देशों की एक प्रति, जॉब कार्ड आवेदन पत्र, नोटबुक, पेन और दैनिक उपस्थिति माप पत्र शामिल होता है।


* अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति समूह के सदस्यों को प्राथमिकता

प्रशिक्षण के लिए महिलाओं का चयन ग्राम सभा की सहायता से किया जाता है। चयन में महिला स्वयं सहायता समूहों की सातवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाली सदस्यों को प्राथमिकता दी जाती है। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति समूहों के सदस्यों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। योजना में प्रावधान किया गया है कि जिन गांवों में क्लस्टर फैसिलिटेशन टीम सक्रिय है, वहां साथी के रूप में काम करने के लिए केवल महिला साथियों का ही चयन किया जाएगा। एक गांव/टोला में 40 परिवारों के साथ कार्य प्रगति की निगरानी के लिए एक साथी का चयन किया जाएगा।


* महिलाओं के अनुकूल कार्य वातावरण बनाना


झारखण्ड में मनरेगा कार्यबल में बड़ी संख्या में झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं शामिल हैं। ये महिलाएं कार्यस्थल पर अपने अधिकारों के बारे में कम जागरूक हैं और बोलने में झिझकती हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक मजदूर के अधिकारों की रक्षा की जाती है, महिलाओं को कार्यस्थल पर आवश्यक सुविधाओं के बारे में प्रशिक्षित किया गया है जैसे;  योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए स्वच्छ पेयजल सुविधा, शेड, महिलाओं के लिए शिशु गृह की सुविधा, चिकित्सा किट और आवश्यक उपकरण। यदि कार्यस्थल पर इनमें से कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं है, तो महिलाएं इस संबंध में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर या अधिकारी को जानकारी दे सकती हैं। 

माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मनरेगा में महिला कार्यबल की भागीदारी को अधिकतम करने और उन्हें अकुशल से अर्ध-कुशल बनाने पर काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य मनरेगा कार्यस्थलों पर महिलाओं के अनुकूल कार्य वातावरण बनाना और लोगों को श्रम अधिकार के बारे में जागरूक करना है। इसे देखते हुए, हम वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठा रहे हैं।"

Sunday, 16 January 2022

नहीं रहे कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज, 83 वर्ष की उम्र में निधन


प्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज का रविवार देर रात निधन हो गया। वो 83 वर्ष के थे। अपना पूरा जीवन कथक को समर्पित करने वाले बिरजू महाराज को पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया जा चुका था। उनके निधन पर कई बड़ी हस्तियों ने दुख जताया है।

अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता : पुरुष वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतकर कुंदन उराँव ने लहराया देश का परचम

अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता : पुरुष वर्ग में दो स्वर्ण पदक जीतकर कुंदन उराँव ने लहराया देश का परचम

उम्दा प्रदर्शन कर भारतीय टीम के खाते में झारखंड के खिलाड़ियों ने जोड़े 15 पदक।

कोलकाता में जिटकन शितोरयु कराटे डू एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के तत्वाधान में संपन्न अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में भारतीय कराटे टीम में शामिल झारखंड के 9 खिलाड़ियों ने भारतीय कराटे टीम के खाते में कुल 15 पदक जोड़े जिसमें छह स्वर्ण पदक सात रजत पदक एवं दो कांस्य पदक शामिल है। प्रतियोगिता में कुंदन उरांव ने अपना उम्दा प्रदर्शन करते हुए कूमिते में बांग्लादेश के खिलाड़ी को 5 पॉइंट के अंतर से फाइनल में हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया पुरुष वर्ग के अन्य खिलाड़ियों का प्रदर्शन लाजवाब रहा सभी खिलाड़ियों ने अपना उम्दा प्रदर्शन करते हुए अपने अपने स्पर्धा में पदक जीते कुंदन उराँव के पदक जीतने के पश्चात उमाशंकर गुप्ता ने अपने दोनों स्पर्धा काता और कूमिते में रजत पदक जीता राकेश तिर्की ने भी काता में रजत पदक प्राप्त किया सुदेश कुमार महतो ने काता में रजत पदक जीता वहीं आयुष सांगा ने कांस्य पदक जीता।
झारखंड कराटे एसोसिएशन के महासचिव सह: इंटरनेशनल मार्शल आर्ट एकेडमी के तकनीकी निर्देशक रेंसी सुनील किस्पोट्टा ने कहा कि सभी खिलाड़ियों ने अपना उम्दा प्रदर्शन कर राज्य का ही नहीं बल्कि देश का मान बढ़ाया है। सभी खिलाड़ी सम्मान के योग्य हैं। झारखंड कराटे एसोसिएशन और इंटरनेशनल मार्शल आर्ट एकेडमी सभी खिलाड़ियों के लिए एक सम्मान समारोह का आयोजन कर सभी खिलाड़ियों को सम्मानित करेगी।
इंटरनेशनल मार्शल आर्ट अकादमी के अध्यक्ष संसाई अनिल किस्पोट्टा ने विजेता खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि सभी खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किए है इमा आगे भी उनके प्रशिक्षण पर काम करेगी ताकि उनका प्रदर्शन और बेहतर हो सके।

कृतज्ञता जो हमें महान बनाती है : गुड़िया झा

कृतज्ञता जो हमें महान बनाती है : गुड़िया झा

"कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, 
कभी जमीं तो कभी आसमां नहीं मिलता"।
पुराने गीत की यह पंक्ति  बिल्कुल सच है कि सबको सबकुछ जीवन में नहीं मिलता है । अतः बेहतर यही होगा कि जो हमें प्राप्त हुआ है उसके प्रति कृतज्ञता रखें। क्योंकि अभी तक तो हम सभी को जो भी प्राप्त हुआ है उसी पर आगे बढ़ रहे हैं । उन सभी अनूठी चीजों और क्षणों को देखें जो हमें मिले हैं तो आत्मिक खुशी का अनुभव होगा। जबकि नहीं मिलने वाले की गिनती करेंगे तो खुशियां कोसों दूर हमसे चली जाएंगी। कृतज्ञता ऐसी चीज है जो हमें संतुष्टि प्रदान करती है। इस अभ्यास में अपने अच्छे पलों को याद करना  न केवल हमें खुशी देगा बल्कि आने वाले समय में जीवन के हर क्षेत्र में परिवर्तन लाएगा। दूसरे माध्यम से हम कृतज्ञता के महत्त्व को समझें तो अपने इस अभ्यास से हम चीजों को वर्तमान में महत्त्व देना शुरू कर देंगे बजाय उन चीजों के भी जो हमारे पास नहीं है।

1, मन की शांति सर्वोपरि।
 सब कुछ होते हुए भी अगर हम अशांत है तो फिर उन चीजों का हमारे जीवन में महत्त्व नहीं है। मन की शांति से बढ़कर कुछ भी नहीं। इसका सबसे अच्छा तरीका यह है कि अभावों का एहसास हो तो अपने आसपास उन लोगों को देखे जिनके पास वो सुविधाएं भी नहीं है जो हमारे पास मौजूद हैं। तो फिर वह लोग अपने जीवन में खुश कैसे हैं? कुछ देर ध्यान में बैठें।  इससे मन को बहुत ही शांति मिलती है। प्रकृति के बीच थोड़ा समय बताएं। जो हमारी जरूरी आवश्यकता है वह सभी पूरी हो रही है इसके अतिरिक्त जो भी है वह हमारी बेलगाम इच्छाएं हैं। जब हम इस बात पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे तो काफी संतुष्टि का अनुभव होगा।

2, जो सीखा है उसको महत्त्व दें। हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव होता है। परिस्थितियां कभी एक जैसी नहीं होती हैं। प्रत्येक परिस्थितियों में कुछ ना कुछ सीखने के लिए हमें मिलता है। इस वर्ष में महामारी  के उतार-चढ़ाव के बीच हमें चुनौतीयों के बीच भी एक मजबूत ढाल की तरह स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बीच अपनी सेहत की परवाह करना सिखाया। विपरीत परिस्थितियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना सिखाया। इन सब बातों पर जब हम गौर करेंगे तो पाएंगे कि प्रत्येक परिस्थितियों में हमारे सीखने के लिए नई संभावनाएं थी। इन सब बातों को एक एक कर लिखेंगे तो काफी कुछ प्राप्त उपलब्धियों का एहसास होगा। अपनी सकारात्मक सोच जीवन को सही तरीके से देखने का नजरिया हमें यह एहसास कराता है कि हमारे आसपास अभी सीखने के लिए बहुत सी चीजें हैं। जरूरत है तो बस इस बात की हम किससे और क्या सीखते हैं। उन्हें खोजने के लिए अपने नजरिए की गहराई में जाना होगा। यह हमारे मन को खोलने और दृष्टिकोण को बदलने के लिए है ताकि हम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी अच्छाई को देख सकें l

अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता : रांची की अंजली कुमारी ने दो स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।


अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता : रांची की अंजली कुमारी ने दो स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।

प्रतियोगिता के पहले दिन झारखंड की महिला खिलाड़ियों ने लहराया परचम

बंगाल कोलकाता में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में भारतीय कराटे टीम में शामिल झारखंड रांची की 10 वर्षीय अंजली कुमारी ने अपने दोनों स्पर्धा में दो स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।अंजली कुमारी में पदक जीतकर देश का खाता खोला प्रतियोगिता के पहले दिन झारखंड की महिला खिलाड़ियों ने अपना उम्दा प्रदर्शन करते हुए अपने अपने स्पर्धा में पदक पर कब्जा जमाया। देवंती कुमारी ने काता में स्वर्ण वही कूमिते में रजत पदक जीत प्रियंका हेमब्रोम ने काता में स्वर्ण और कूमिते में रजत पदक जीता सुहानी कुमारी ने काता में रजत पदक जीता सभी विजेता खिलाड़ियों को विश्व कराटे संघ के जज हानशी प्रेमजीत सेन ने पदक देकर सम्मानित किया।झारखंड के सभी विजेता खिलाड़ियों को झारखंड कराटे एसोसिएशन के महासचिव रेंसी सुनील किस्पोट्टा एवं इंटरनेशनल मार्शल आर्ट अकादमी के अध्यक्ष संसाइ अनिल किस्पोट्टा ने बधाई दी।

जेसीआई राँची द्वारा 56 लोगो को लगाया गया वैक्सीन का बूस्टर डोज़

रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 16, 2022 :: जिला प्रशासन राँची एवं जिला स्वास्थ्य समिति राँची के सौजन्य से जेसीआई राँची ने आज 56 लोगो को वैक्सीन के बूस्टर डोज़ लगाया गया । कार्यक्रम का आयोजन जेसीआई ऑफिस जो कि लाइन टैंक रोड पे स्तिथ है पर पुर्ण किया गया । कोविड से बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार द्वारा फ्रंट लाइन वर्कर और 60 वर्ष से ऊपर के नागरिकों के बूस्टर डोज़ देने का फैसला लिया है । वैक्सीन के दूसरे डोज़ के 39 हफ्ते बाद ही बूस्टर डोज़ लिया जा सकता है। जेसीआई राँची समाज के प्रति अपना दाईत्व को सर्वप्रथम मानते हुए हर सामाजिक कार्यो आगे रहता है। जेसीआई राँची के अध्यक्ष सौरभ साह सचिव प्रतिक जैन ने संचालक अंकित जैन राहुल टिबरेवाल और अमन जैन के साथ इस कार्यक्रम का सफलता पुर्वक संचालन किया।

जेसीआइ राँची सादेव समाज के प्रति कर्तव्यनिस्ठ रहा है और उनका मानना है कि आगे भी जब जब समाज को ज़रूरत पड़ेगी जेसीआइ राँची हमेसा आगे आएगा और कोशिश करेगा की अपना सर्वोत्तम कर सके। इस करोना महामारी के काल में यह एक काफ़ी महत्वपूर्ण और सराहनीय कार्य है । कोरोना एक घातक बीमारी के रूप में सामने आया है जो सभी को अपने चपेट में ले रहा है। यह वैक्सीन इससे लड़ने में काफ़ी मददगार साबित हो रहा है। मौके पर संजय शर्मा शीतल शर्मा नीमा मस्कारा अभिषेक मोदी ऋषभ जैन अभिषेक कठौर रविश तोदी प्रत्यक्ष साहु आदित्य केडिया और अन्य लोगो ने अपना सहयोग दिया।

Saturday, 15 January 2022

जेसीआइ राँची ने मकर संक्रांति के अवसर पर नये कपड़ों और मिठाइयों का वितरण किया

रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 15, 2022 ::  मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर जेसीआइ राँची ने मनहातु गाँव जाकर गरीब बच्चों और बड़ों के बीच नये कपड़ों और मिठाइयों का वितरण किया।
 इस कार्यक्रम में 200  से अधिक ज़रूरतमंदो के बीच कपड़े और मिठाइयों का वितरण किया गया। मिठाई और कपड़े पा कर बच्चे बहुत खुस और उत्साहित थे।
  इस मौक़े पर बच्चों के बीच तिलकुट, घेवर और अन्य मिठाइयाँ बँटी।उन्मे त्योहार का एक अलग उमंग दिख रहा था ।मकर संक्रांति के पर्व पर दान पुण्य करने  कि बहुत परंपरा और मान्यता है। सभी सदस्य अपने हाथों से दान करने के लिए आगे आए।

इसी के साथ जेसीआइ राँची के सदस्यों ने बच्चों के साथ पतंगबाज़ी का भी  आयोजन किया ।पतंग देखते ही बच्चों में एक अलग सी ख़ुशी की लहर देखने को मिली।सभी पतंग उड़ाने को ले कर काफ़ी उत्साहित थे।
उत्तरायण के मोके पर पतंगबाज़ी का अपना अलग ही महत्व और आनंद है। सदस्यों ने गाँव के बच्चों के साथ मिलकर पतंगबाज़ी का लुफ्त उठाया।सभी ने काफ़ी आनंद  महसूस हुआ।
मोके पर जेसीआइ  राँची के अध्यक्ष सौरभ साह, सचिव प्रतीक जैन और कार्यक्रम संचालक  ऋषभ जैन,अक्षत अग्रवाल, संजय शर्मा,संकेत सरवगी ने कार्यक्रम के सफलता पर विशेष ध्यान दिया । साथ में जेसीआइ राँची के  विनय मंत्री,अनन्त जैन, राकेश जैन,देवेश जैन,मोहित वर्मा,सिधार्थ जयसवाल,तरुण अग्रवाल, निखिल अग्रवाल,विकास मोदी,राहुल टिब्रेवाल और अन्य वहाँ मौजूद थे।
जेसीआइ राँची सदेव कोशिश करता है की अपने अग़ल बग़ल ख़ुशियाँ बँटे ताकि समाज में सभी अपने त्योहार को अच्छी तरीक़े से माना पाए।

75वां आजादी के अमृत महोत्सव पर रांची सांसद संजय सेठ ने किया सूर्य नमस्कार



रांची, झारखण्ड  | जनवरी  | 15, 2022 :: आजादी के75 वे अमृत महोत्सव के अंतर्गत पूरे भारतवर्ष में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार कराया जा रहा ,आयुष मंत्रालय भारत सरकार और अन्य बढ़ी संस्थान पतंजलि योगपीठ , नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन  , क्रीड़ा भारती, हार्ट फुलनेस ,गीता परिवार आयोजक है यह कार्यक्रम 5 जनवरी से चल रहा है और 20 फरवरी तक होने वाला है 
रांची  पतंजलि कार्यालय में  आयोजित सूर्यनमस्कार कार्यक्रम में आज रांची लोकसभा सांसद संजय सेठ जी उपस्थित रहे है और सूर्यनमस्कार किया सांथ ही सभी को सूर्यनमस्कार और योग  के जीवन मे होने वाली लाभ के बारे में बताया सभी को कोरोना से बचना है तो अपने दैनिक जीवन मे योग अपना आवश्यक हो गया है। 
कहते हुए योगासना स्पोर्ट्स एशोसिएशनऑफ झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, प्रदेश संयोजक प्रहलाद भगत, संतोषी कुमारी का धन्यवाद किया और आगे भी इस तरह का आयोजन करने की बात कही।

इस कार्यक्रम में पतंजलि परिवार से ईश्वर चंद्र ,सतीश कुमार, करम कोइरी आशीष , पांडे,  ,लाला लक्ष्मी ,मृत्युंजय  ओझा, क्रीड़ा भारती से मुनचुन राय, छात्रधारी ,सतीश सिन्हा ,रवि रंजन , YSAJ से प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह, आर्य प्रहलाद भगत संतोषी कुमारी, मृत्युंजय सिंह , डॉ एस के घोषाल, रामानंद सिंह उपास्थित रहे।

योग का असली उद्देश्य है, अपने अंदर की सिद्धियों को जगाना : स्वामी भवेशानन्द


बिहार स्कूल आफ योग, मुंगेर से रजिस्टर्ड, योग मित्र मंडल, राॅची द्वारा आॅनलाइन तीन दिवसीय योग का कार्यक्रम का समापन सत्र की शुरुआत शांति पाठ से हुई.
रामकृष्ण मिशन आश्रम के स्वामी भवेशानन्द ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा योग एक पुरानी संस्कृति है इसे महर्षि पतंजलि ने एक जगह लाने का काम किया
उन्होंने कहा योग का असली उद्देश्य है हमारे अंदर की सिद्धियों को जगाना।
स्वामी भवेशानन्द जी ने बताया कि सभी को काम करने में आनंद लाने की कोशिश करनी चाहिए।
उन्होंने राज योग, भक्ति योग आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने योग मित्र मंडल रांची को तीन दिवसीय योग के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में डॉ परिणिता सिंह ने ध्यान का अभ्यास कराया .
इसके बाद ऐ के पी सिंह द्वारा भजन का गायन किया गया। 

धन्यवाद ज्ञापन योग मित्र मंडल रांची के डॉक्टर परिणिता सिंह ने किया 
इस अवसर पर योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन और झारखंड के अध्यक्ष श्री संजय सिंह भी मौजूद थे 

इस कार्यक्रम में झारखंड के अलावा कई अन्य राज्यों से भी लोग जुड़े हुए थे 
राहुल, संतोषी, लक्ष्मी, रीना, देवेश, आरती, सरिता, प्रज्ञा, अभय, चांद रानी, दीपा, मणि भूषण, मनोज, नेहा, निधि, प्रभा, सुप्रिया, शालिनी आदि ने इस कार्यक्रम में भाग लिया

आत्मनिर्भर बनाने के लिए महिलाओं के बीच सिलाई मशीन वितरण

रांची, झारखण्ड  | जनवरी | 15, 2022 ::  शनिवार को रमजान कॉलोनी में ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट न्यू दिल्ली के "मिशन 2026" के तहत आर्थिक रुप से कमजोर, बेवा और ज़रूरत मंद चयनित बीस श्रमिक महिलाओं के बीच सिलाई मशीन का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का मकसद ऐसे जरूरत मंद श्रमिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ना है ताकि ये मशीन प्राप्त करके  अपना और अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से कर सके ।
  इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अंजुमन इस्लामिया रांची के अध्यक्ष इबरार अहमद ने कहा ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट नई दिल्ली कोई सरकार नहीं है, ये एक ऐसी सामाजिक संस्था है, जो अपने स्तर पर लोगों के दुःख मुसीबत में काम आते हैं और हमें चाहिए कि सभी मिल-जुलकर इनके नेक मिशन व काम को आगे बढ़ाएं। ये संस्था मोख्तलिफ़ फील्ड में और मोखालिफ़ माहौल में भी लोगों के जरूरतों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है। 
 मौके फर इबरार ने  एक किताब हेलन किलर की जिक्र कलते हुए कहा कि जो एक अंधी, गूंगी और बहरी महिला थी लोगों के खिदमत का काम किया करती थी, अपनी किताब "दी स्टोरी ऑफ माई लाइफ" में लिखती है-  "दुनिया बहुत ही खूबसूरत है" दूसरी तरफ नेपोलियन बोनापार्ट जो दुनिया फतह करने चला था कहता है कि लगातार वह एक सप्ताह तक कभी भी खुश नहीं रहा। एक अंधी महिला को दुनिया खूबसूरत लगती है और जो दुनिया फतह करने निकला था वह खुश नहीं रह सकता है। उसे दुनिया खूबसूरत क्यों लगती थी? क्योंकि वह लोगों की खिदमत किया करती थी, जरुरतमंदो का काम आती थी। इसलिए मैं आप लोगों से भी कहता हूँ कि अपनी कमियों को मत देखो, इसे अपनी ताकत बनाओ और अपने हुनर को पंख दो। आप सभी इस संस्था के निगरानी में एक कोऑपरेटिव बनाकर काम करें, अंजुमन हॉस्पिटल में भी यूनिफार्म की जरूरत होती है और आगे कॉलेज में भी यूनिफार्म की जरुरत होगी मैं चाहूँगा कि इसकी पूर्ति यहां से की जाये।  मौके पर प्रेस क्लब के कार्यकारिणी सदस्य परवेज कुरैशी ने भी ट्रस्ट की तारीफ की और कहा कि जिस तरह से गरीब, जरूरतमंद , मेहनतकश ख्वातीनों को रोजगार से जोड़ने के लिए  आगे आई है और पूर्व में भी जरूरतमंदों को ठेला देकर आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है। इससे अन्य संगठनों को भी सीख लेने की जरूरत है, ताकि अपने  क्षेत्र में अपने अपने समाज में जो बेरोजगार बैठे हैं उनकी बेरोजगारी दूर की जा सके।  इस मौके पर ट्रस्ट के सचिव सोहेल अख्तर ने भी कहा कि  ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट लगातार जो है काम कर रही है और आगे भी काम करेगी।  वहीं मौके पर फाउंडेशन के पदाधिकारियों में मतलूब अहमद ,अमानुल्लाह काजमी ,इरशाद अहमद , मुस्तकीम , मतीउर्रहमान,आयशा पंचायत के  सोहैल ने भी अपने विचार रखें । कार्यक्रम के अंत में दिवंगत पत्रकार कमाल खान निधन पर उनके लिए दुआ ए मगफिरत की गई।इस  मौके पर हाजी नवाब, हाफिज जावेद 
सलाउद्दीन और महिलाएं उपस्थित थी।

डी.पी.एफ.एम. की टापर बनी वर्षा कुमारी


रांची, झारखण्ड  |  जनवरी | 15, 2022  ::  मारवाड़ी माहाविद्यालय राँची के डिजिटल फोटोग्राफी एवं फिल्म निर्माण (डी.पी.एफ.एम.) डिप्लोमा कोर्स के प्रथम बैच 2020 - 2021 सत्र का परीक्षा फल घोषित कर दिया गया।
वर्षा कुमारी 77-88 प्रतिशत अंक लाकर प्रथम बैच की टाॅपर बनी जबकि चन्द्रदेव सिंह 77-50 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरे टाॅपर और सिम्पी कुमारी 76 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरी टाॅपर बनी।

 तीनों टाॅपर डिस्टिंक्शन के साथ पास हुए जबकि शेष सभी विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उतीर्ण हुए।

ध्यातव्य है कि डिजिटल फोटोग्राफी तथा फिल्म निर्माण का डिप्लोमा कोर्स संपूर्ण झारखंड प्रदेश में पहली बार मारवाड़ी काॅलेज में शुरू किया गया है। इस कोर्स की पढ़ाई से विद्यार्थियों में डिजिटल फोटोग्राफी और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में एक आत्मविश्वास आया है। 
यहाँ विद्यार्थी फोटोग्राफी और फिल्म निर्माण की मौलिक बातों को सीख कर अपना कैरियर बना रहे हैं।