पर्यावरण और हमारा जीवन : गुड़िया झा
कहते हैं कि स्वच्छ पर्यावरण पृथ्वी का फेंफड़ा है। जितना जरूरी है खुद की देखभाल करना उतना ही जरूरी है पर्यावरण की भी देखभाल करना। क्योंकि हमारा अस्तित्व भी इसी से बचा हुआ है। बहुत ही छोटी लेकिन महत्वपूर्ण उपायों को अपनाकर हम इसकी सुरक्षा में एक छोटा सा योगदान तो दे ही सकते हैं।
1 अधिक पौधरोपण करना और पानी की बर्बादी पर रोक।
मैंअपने घर में भी मौजूद पौधों की देखभाल करती हूं और हरे पेड़ों की कटाई नहीं होने देती।
2.जल को बचाना भी हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हर एक बूंद की एहमियत है। इसके लिए मैं अपने घर में भी खुद के साथ बच्चों को सभी तैयारी कर नल खोलने को कहती हूं। अगर किसी कारण से नल खराब हो और पानी गिर रहा हो तो जल्द ही उसे ठीक भी करवा लेती हूं। पहले से बचे हुए पानी को पौधों में डालती हूं। साथ ही वॉशिंग मशीन या जब हाथ से भी कपड़े धोती हूं तो डिटर्जेंट का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में नहीं करती। क्योंकि इससे पानी की बर्बादी ज्यादा होती है और जब यह डिटर्जेंट वाला पानी किसी माध्यम से मिट्टी में पहुंचता है तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी समाप्त हो जाती है।
3 पशु-पक्षियों की देखभाल और प्लास्टिक पर रोक।
मैं नियमित रूप से अपने घर के छत पर चिड़ियों के लिए खाना और पानी जरूर रखती हूं। इससे मन को शांति तो बहुत मिलती है साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है।
जब भी मैं बाहर जाती हूं तो कपड़े का बैग ही उपयोग में लाती हूं। प्लास्टिक सेहत के लिए भी ठीक नहीं है और यह मिट्टी में भी नहीं मिलता है। गलती से भी अगर जानवर इसे खाते हैं तो उन्हें भी नुकसान होता है।
4 बिजली और इंधन की बचत।
घर में जिन जगहों पर काम नहीं होता है वहां की लाइट बंद कर देती हूं। जब जरूरत होती है तभी जलाती हूं।
इसी तरह किचन में भी सभी तैयारियां करने के बाद ही गैस जलाती हूं। साथ ही यह भी ध्यान रखती हूं कि सब्जियों के उपयोग में लाने वाले तेल या रिफाइन उबलने नहीं देती। क्योंकि इससे निकलने वाला धुंआ भी पर्यावरण को काफी प्रदूषित करता है।
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