Thursday, 30 May 2024

"काल करै सो आज कर, आज करै सो अब" : गुड़िया झा

"काल करै सो आज कर, आज करै सो अब" : गुड़िया झा

दुनिया के छठे सबसे उद्यमी वॉरेन बफेट ने कहा है कि हमारी आदतों की जंजीरें तब तक ही मुश्किल लगती हैं जब तक कि हम उन्हें तोड़ने की कोशिश नहीं करते। हमारी आदतें हमारी उज्ज्वल भविष्य की संभावनाओं को आबाद भी कर सकती हैं और बर्बाद भी। अपनी जो आदतें हम विकसित करते हैं उससे हम दिनोंदिन मजबूत होते हैं। हमारे कार्य करने का तरीका हमारी आदतों पर निर्भर करती है। कुछ आदतें हमारी कार्य की गति को आगे बढाती हैं तो वहीं कुछ आदतों से हम आगे बढ़ने की दिशा में कुछ पीछे भी हो जाते हैं।  अपनी तरफ से एक छोटी सी कोशिश तो बनती ही है।

1 टालने की आदत से बचें।
हम में से अधिकांश लोग मन से इतने कमजोर होते हैं कि आसान से कार्य को भी कल पर छोड़ देते हैं। हमारी इसी आदत से आने वाला प्रत्येक कल भी यूं ही खाली चला जाता है।
कई बार मन में होते हुए भी हम अपने विचारों में इतने उलझे हुए होते हैं कि दिमाग में एक अजीब सी हलचल होती रहती है जो हमें लगातार परेशान करती है। अंततः हम खुद से हार जाते हैं और हमारे सपने भी अचेतन मन में दब जाते हैं। इन सबसे कोई फायदा नहीं होने वाला है। 
 इसके अनुकूल अपने मन को मजबूत करते हुए क्षमताओं को पहचान कर कार्य की प्रक्रिया शुरू कर दें। पहले दिन शुरूआत भले ही छोटी हो लेकिन आने वाले दिनों के लिए यह एक सीढ़ी की तरह कार्य करेगा। फिर अगले दिन भी यही प्रक्रिया रहने दें। कुछ ही दिनों में यह हमारी आदतों में शामिल हो जायेगा। 
सफलता कभी भी किसी को एक दिन में नहीं मिलती। यह हमारी हर एक दिन की कड़ी मेहनत का परिणाम धीरे- धीरे दिखता है 

2 समय की एहमियत ज्यादा महत्वपूर्ण।
ईश्वर ने इस धरती पर सभी के लिए एक दिन के 24 घण्टे ही निर्धारित किये हैं। अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम इन 24 घण्टे का उपयोग किस तरह से करते हैं। यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि कड़ी मेहनत के बीच हमारे दिल और दिमाग को थोड़ा आराम और थोड़े से मनोरंजन की भी जरूरत होती है। बीच-बीच में सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रूप से भाग लेना भी अपनी आदतों में सुधार का अवसर प्रदान करता है।
जहां तक कार्यों की सूची की बात है तो कई बार हम उन कार्यों में भी अपनी ऊर्जा अनावश्यक रूप से खर्च करते हैं जहां उनकी जरूरत नहीं होती है। फिर हम कहते हैं कि हमारी मेहनत तो बेकार चली गई। 
जबकि अपने आवश्यक कार्यों की सूची पहले से तैयार कर उसके अनुसार कार्य करेंगे तो आवश्यक कार्यों में भी अपनी समय और ऊर्जा को लगाकर कार्यों को टालने की आदत से बचेंगे।

3 दृढ़ इच्छाशक्ति का होना भी जरूरी।
अपनी आदतों में सुधार के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति खुद हमारे भीतर की उपज है। हम स्वयं इसके मालिक भी हैं। जब यह हमारे साथ है तो कोई भी ताकत हमें रोक नहीं सकती। अपने मन में यह विचार कर कि मुझे इस कार्य को अवश्य ही एक निर्धारित समय में पूरा करना है तो फिर इस सोच से ही अपने कार्यों को पूरा होते हुए देखते हैं।

Saturday, 25 May 2024

आर्यवीर वैदिक संस्कृति को आत्मसात करें: डॉ. कुंजदेव मनीषी

* गुरुकुल शांति आश्रम में प्रांतीय आर्य वीरदल व शांति आश्रम का संयुक्त तत्वाधान में युवा चरित्र निर्माण शिविर के छठा दिन
लोहरदगा:
आज बौद्धिक कक्षा में शिविरार्थियों को महाविद्यालय गुरुकुल आश्रम  आमसेना उड़ीसा के उपाचार्य डॉ. कुंजदेव मनीषीजी ने कहा कि आर्य का तात्पर्य श्रेष्ठ है, जो सदाचार, संयम का पालन करते हुए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। वही आर्यवीर है मैंने कहा कि हमें बाल हकीकत राय जैसे महापुरुषों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। उन्होंने शिविर में प्रतिदिन दिए जा रहे प्रशिक्षण को अपने जीवन में आत्मसात करें। 
 प्रशिक्षण में सेवा भारती के अध्यक्ष दीपक सर्राफ ने भी बच्चों  को श्रेष्ठ जीवन के लिए प्रेरित किए जबकि  इमरजेंसी केयर के उपाध्यक्ष जय प्रकाश शर्मा एवं सचिव देशराज गोयल ने रक्तदान के प्रति सभी को मार्गदर्शन का प्रेरित किए।
 कार्यक्रम को आर्य वीर दल के प्रांतीय प्रशिक्षक आशीष कुमार आर्य ने संचालन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य शरच्चन्द्र आर्य जी के निर्देशन में विशेष रूप से गणेश शास्त्री, डा प्रतिभा शास्त्री, पहलवान महादेव आर्य, अर्जुन आर्य, कृष्ण आर्य, आलोक आर्य, सुरेंद्र आर्य, योगेंद्र आर्य, सूरज कुजूर, रविंद्र दत्ता, खुशी, रीमा, एवं आर्य वीरदल परिवार के समस्त कार्यकर्ता बंधु आदि शामिल रहे।

आर्यवीर दल के युवा चरित्र निर्माण शिविर के समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे मंत्री रामेश्वर उरांव
लोहरदगा:
प्रांतीय आर्य वीर दल व शांति आश्रम का संयुक्त तत्वाधान में युवा चरित्र निर्माण शिविर का समापन 27 मई 2024 को संध्या 4 बजे से होगी। समापन समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड सरकार के वित्त मंत्री सह स्थानीय विधायक रामेश्वर उरांव होंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में लोहरदगा के वर्तमान सांसद सुदर्शन भगत, महाविद्यालय गुरुकुल आश्रम आमसेना (उड़ीसा) के उपाचार्य डॉ. कुंजदेव मनीषी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रांतीय सर संघ संचालक लाल सच्चिदानंद अग्रवाल, वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृपा प्रसाद सिंह, पतंजलि योग समिति के राज्य कार्यकारिणी सदस्य सह जिला संरक्षक शिव शंकर सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे।

Tuesday, 21 May 2024

Sun of Restraint: Anuvrat Leader Acharya Shri Mahashraman : Dr. Kusum Lunia


Sun of Restraint: Anuvrat Leader Acharya Shri Mahashraman : Dr. Kusum Lunia

Acharya Shri Mahashraman, a messiah of humanity and a true yogi, has dedicated his entire life to the welfare of the self, the public, the nation, and the world. For the past 50 years, he has been climbing the peaks of spiritual practice, upholding the Indian Rishi tradition. His life is entirely public, as he imparts daily discourses to millions of devotees, blesses thousands with his hands, and recites auspicious chants to hundreds. From 4 AM to 10 PM, his life, dedicated to self-upliftment and social welfare, has become a model for public betterment.

The President of India, Smt. Droupadi Murmu, herself acknowledges and salutes the rigorous efforts of Acharya Shri Mahashraman for humanity. Prime Minister Narendra Modi has praised him, stating that Acharya Mahashraman, an ideal yogi, is performing great work for national unity and harmony.

Indeed, the era's preeminent Acharya Shri Mahashraman has provided a new direction and vision to the times.

As the spiritual leader of the Anuvrat movement, Acharya Shri Mahashraman's discourses urge every Anuvrati worker to adopt a life of restraint and to engage in specific Anuvrat activities. During the Anuvrat Amrit Mahotsav year, his Anuvrat Yatra has created unparalleled history by benefitting countless people. Inspired by him, over one crore people have accepted de-addiction, and millions have embraced restraint and positivity as success mantras through Life Science and Anuvrat competitions. Thousands have adopted digital detox, practicing restraint with screens, mobiles, and media, thereby bringing happiness into their lives.

Acharya Mahashraman Ji, a great social reformer, pinnacle of restraint, and a carrier of the Rishi tradition, is the 11th head of the Jain Terapanth sect.

The illustrious life journey of this venerable ascetic of the Shraman culture began on Vaishakh Shukla Navami, Vikram Samvat 2019 (13 May 1962), in Sardarshahar, born to parents Jhumarmal Dugad and Nema Devi. The promising boy took monk initiation under Muni Shri Sumer Mal Ji "Ladnun" on Vaishakh Shukla Chaturdashi, Vikram Samvat 2031 (5 May 1974) in Sardarshahar.

The newly initiated monk exhibited stability in yoga, tolerance for hardship, and a deep interest in profound knowledge. 

Progressing through continuous practice of restraint and as an embodiment of alertness, he was appointed to private work by Anuvrat founder Acharya Shri Tulsi on 13 May 1981 and as a close associate to Yuvacharya Mahapragya on 16 February 1986. The astute Acharya Tulsi conferred the title "Mahashraman" on 9 September 1989, and Acharya Mahapragya granted him the title of "Yuvacharya" on 14 September 1997. Through the continuous development of virtues like truth, courage, and valor with discipline and vigilance, Acharya Mahashraman Ji's immensely influential personality was shaped.

After the sudden demise of Acharya Shri Mahapragya on Vaishakh Krishna Ekadashi, Vikram Samvat 2067 (9 May 2010), Acharya Shri Mahashraman Ji became the 11th head of Terapanth on Vaishakh Shukla Dashami, Vikram Samvat 2067 (23 May 2010). From his first address itself, his impressive administrative capabilities and unparalleled foresight in decision-making became evident. Positive impacts began to be seen within the community through timely changes in restraint promotion.

Acharya Mahashraman, the golden present of India, is the great coordinator of the organization, a repository of excellence, energy, and karmic strength. He tirelessly continues the laborious task of caring for every individual, family, village, city, metropolis, the Terapanth sect, and global humanity.

Acharya Mahashraman Ji is an ideal contemporary teacher who provides new direction to present-day India. The regular training classes for character souls conducted by him are a unique experiment. He is a distinguished writer whose writings connect directly with the hearts and minds of readers, bringing about a virtuous transformation in society through the stream of restraint flowing from his pen.

Acharya Mahashraman Ji, a proponent of women's upliftment, provides numerous opportunities for women's empowerment. It is through his special blessings that women like us get the chance to serve the community, society, and the nation.

The visionary leader of Jinshasan, a world-renowned guide, provides the armor of restraint to all humanity, contributing to world peace.

His profound wisdom and unique oratory skills inspire thousands to renounce intemperance, reform their lives, and create a golden future.

Acharya Mahashraman Ji, a modern-day Bhagirath, is performing unparalleled public welfare by inspiring the masses for self-welfare through the Anuvrat Ganga of morality, de-addiction, and goodwill.

On the 63rd birthday, 15th consecration day, and 51st golden initiation day of the world peace envoy, era-visionary, and era-creator Acharya Shri Mahashraman Ji, we offer our heartfelt salutations and best wishes, hoping that such a great soul continues to serve humanity and guide the community for ages, enlightening the entire creation.
Dr. Kusum Lunia
(Member of the Joint Advisory Committee of the Ministry of Science and Technology and Ministry of Earth Sciences, Government of India; Organization Secretary   of Anuvibha; National Coordinator of the Anushasta Abhivandana Ceremony)  
Contact: 9891947000

Monday, 20 May 2024

पर्यावरण और हमारा जीवन : गुड़िया झा

पर्यावरण और हमारा जीवन : गुड़िया झा

कहते हैं कि स्वच्छ पर्यावरण पृथ्वी का फेंफड़ा है। जितना जरूरी है खुद की देखभाल करना उतना ही जरूरी है पर्यावरण की भी देखभाल करना। क्योंकि हमारा अस्तित्व भी इसी से बचा हुआ है। बहुत ही छोटी लेकिन महत्वपूर्ण उपायों को अपनाकर हम इसकी सुरक्षा में एक छोटा सा योगदान तो दे ही सकते हैं। 

1 अधिक पौधरोपण करना और पानी की बर्बादी पर रोक।
 मैंअपने घर में भी मौजूद पौधों की देखभाल करती हूं और हरे पेड़ों की कटाई नहीं होने देती।

2.जल को बचाना भी हमारी प्राथमिकता में शामिल है। हर एक बूंद की एहमियत है। इसके लिए मैं अपने घर में भी खुद के साथ बच्चों को सभी तैयारी कर नल खोलने को कहती हूं। अगर किसी कारण से नल खराब हो और पानी गिर रहा हो तो जल्द ही उसे ठीक भी करवा लेती हूं। पहले से बचे हुए पानी को पौधों में डालती हूं। साथ ही वॉशिंग मशीन या जब हाथ से भी कपड़े धोती हूं तो डिटर्जेंट का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में नहीं करती। क्योंकि इससे पानी की बर्बादी ज्यादा होती है और जब यह डिटर्जेंट वाला पानी किसी माध्यम से मिट्टी में पहुंचता है तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी समाप्त हो जाती है। 

3 पशु-पक्षियों की देखभाल और प्लास्टिक पर रोक। 
मैं नियमित रूप से अपने घर के छत पर चिड़ियों के लिए खाना और पानी जरूर रखती हूं। इससे मन को शांति तो बहुत मिलती है साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। 
जब भी मैं बाहर जाती हूं तो कपड़े का बैग ही उपयोग में लाती हूं। प्लास्टिक सेहत के लिए भी ठीक नहीं है और यह मिट्टी में भी नहीं मिलता है। गलती से भी अगर जानवर इसे खाते हैं तो उन्हें भी नुकसान होता है।

4 बिजली और इंधन की बचत।
घर में जिन जगहों पर काम नहीं होता है वहां की लाइट बंद कर देती हूं। जब जरूरत होती है तभी जलाती हूं। 
इसी तरह किचन में भी सभी तैयारियां करने के बाद ही गैस जलाती हूं। साथ ही यह भी ध्यान रखती हूं कि सब्जियों के उपयोग में लाने वाले तेल या रिफाइन उबलने नहीं देती। क्योंकि इससे निकलने वाला धुंआ भी पर्यावरण को काफी प्रदूषित करता है।

Friday, 17 May 2024

Singh Brothers :: Limca Book Of Record Holder for Most Tandem Push-ups in 1 minute

An Inspiring Story behind this Record by Singh Brothers

The journey to make this Record in Limca Book was started on 26th March,2022 and we started practicing with full dedication and within a month we have ready to set the record.
But the practice of 1 months for this record wasn't tough for us but what really tough was PATIENCE for the result of this record !!
And that fight with patience is really tough for us. We have worked hard with full power, dedication and being in discipline but now we have to wait for the final results. 
So after attempting this record on 27th april,2022 We tried contacting them alot on e-mails for the results but mostly we are getting the same reply that please wait, we are still checking the records and we will get back to you shortly. So, for the same we tried  for next 1year but was getting same reply and than thought that we should give up for this now because we are really feeling depressed.
But then we started accepting that pain as our daily dose of motivation to move further for the practice of new records or some new opportunities.So then slowly slowly we have change our mindset and make record in international book.
But now after the long wait of 735 day's, we are officially a Limca Book Of Record Holder in most no of tandem push-ups in 1 minute 
I recieved the mail for the same on 30th November 2023 from one of their Team member that we are the official record holder and recieved the certificate after 5 month on April 2024 .
So, atlast I just want to say that, keep improving yourself day by day, believe in yourself,work hard and have patience.

Singh Brothers from Jamshedpur, Jharkhand 

Thursday, 2 May 2024

इंटर साइंस की स्टेट टॉपर स्नेहा को यशस्विनी ने किया सम्मानित



रांची। रांची लोकसभा क्षेत्र से इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी कांग्रेस की यशस्विनी सहाय ने गुरुवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में साइंस में स्टेट टॉपर होने पर उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की छात्रा स्नेहा को उनके आवास जाकर उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर सुश्री सहाय अपने पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय के साथ स्नेहा के आवास रांची शहर के हरमू क्षेत्र वार्ड 34 के विद्यानगर स्थित राजकुमार साह के निवास पहुंची तथा उनकी पुत्री स्नेहा को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। मौके पर संतोष कुमार, सुनील रजक भी उपस्थित थे।