Wednesday, 8 November 2023

स्वामी सदानंद जी महाराज ने दीप प्रज्वलित कर दिपावली की दी बधाई :: कहा सभी प्रेम और ज्ञान के दीपक जलाये

राची, झारखण्ड  | नवम्बर  | 08, 2023 :: 
श्री कृष्ण प्रणामी सेवा समिति के संस्थापक एवं संरक्षक संत शिरोमणी श्री श्री 1008 स्वामी सदानंद जी महाराज आज दिनांक 08/11/2023 बुधवार को प्रातः 4:30 बजे बेगूसराय से सड़क मार्ग से चलकर संस्था के सत्संग भवन शिवगंज हरमु रोड़ स्थित विधा देवी अग्रवाल के निवास स्थान पहुँचें।                

गुरु जी महाराज के सत्संग भवन मे आगमन होने के साथ ही वहाँ का वातावरण सतगुरु महाराज की जय श्री प्राणनाथ प्यारे की जय जयकारो से गुंज उठा।
 
सर्वप्रथम गुरूजी महाराज ने 108 दिपक जलाकर सभी सुन्दरसाथ भाईयों एवम बहनों को धनतेरस, रूप चौदस, दिपावली, गोवर्धन पुजा,भाई दुज एव छठ्ठ महापर्व की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाऐं दी।

गुरूजी महाराज ने कहा की सभी प्रेम और ज्ञान के दीपक जलाये। दीपावली का अर्थ अक्सर सब यही लगाते हैं की घर में खूब रोशनी करना घर की सफाई करना और खाना और खिलाना पर सच में क्या दिवाली का यही अर्थ है?।  माना जाता है कि भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर इस दिन अयोध्या वापस आए थे। तब सभी अयोध्यावासियों ने खूब खुशियां मनाई थी। घर-घर में दीपक जलाए गए थे और खूब आनंद का माहौल था परस्पर सभी में प्रेम भाव था। जितनी खुशियां वातावरण में थी उतनी उनके दिलों में भी थी क्योंकि उनके राज दुलारे उस दिन घर लौटे थे। पर आज इस त्यौहार का असली अर्थ आनंद उत्सव कहीं खो सा गया है। आज लोगों ने इस त्यौहार को सिर्फ अर्थ उपार्जन का त्यौहार बना दिया है। सभी की बस एक ही कामना रहती है खूब अच्छे से लक्ष्मी पूजन करें और लक्ष्मी जी के लक्ष्मी जी धन के रूप में हमारे घर आए पर लक्ष्मी स्वरूप क्या सिर्फ धन का है लक्ष्मी जी तो प्रेम और संतोष की मूरत है। जहां प्रेम और संतोष होता है वहां लक्ष्मी जी खुद आती हैं और जहां दिलों में बैर होते हैं वहाँ लाख पूजन करे तो भी नहीं आती।असली धन तो संतोष को प्रेम ही है जिसके पास या धन होता है उसको कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होती। हम घर के कोने कोने की सफाई करते हैं पर अपने मन को साफ करना भूल जाते हैं। हम सब अपने घर मे लाइट और दिपक से खूब रोशनी करते हैं पर अपने अंदर जो क्रोध ईर्ष्या द्वेष रूपी अंधकार है उसे रोशन करना भूल जाते हैं। हमें चाहिए कि दीपावली पर प्रेम और ज्ञान के दिपक भी जलाये। हमारे दिलों में सबके लिए प्यार हो किसी से बैर ना हो और भगवान श्री राम के जीवन से यह भी सीखे की कष्ट तो हर किसी के जीवन में आते ही हैं पर हमें उनका सामना किस प्रकार धीरज रख कर करना चाहिए।      

आजकल के लोग मिट्टी के दिपक के बदले  चाइनीज लाइटों का प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं पर जो शोभा और सुन्दरता मिट्टी के दीयों में है वह किसी चाइनीज लाइट मे नहीं है। मिट्टी के दिपक मे हमारी संस्कृति की झलक मिलती है और दूसरी बात यह भी है कि ह हमारे ऐसा करने से जो लोग मिट्टी के दीपक बनाते हैं और साल भर इस त्यौहार का इंतजार करते हैं उनकी आशा भी पूर्ण नहीं होती। हमारे द्वारा मिट्टी के दिपक खरीदने से उनके बच्चे भी त्योहार का आनंद उठा सकते हैं हम मिट्टी के दीए बनाने वालों से 10 ₹ 20  के लिए भी बहुत मोलभाव करते हैं हमें ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि शायद इतने पैसे से हमें कोई फर्क नहीं पड़ेगा पर किसी गरीब निर्धन के लिए वही पैसा आनंद उत्सव बनाने का कारण बन जाएगा। यही दीपावली सच्ची दिवाली मानी जाएगी जब हम किसी गरीब की कुटिया को भी रोशन कर दें ऐसा करने से हमारे अंदर जो आनंद आएगा वह कभी न मिटने वाला आनंद होगा किसी ने सही कहा अपने घर में दिए जलाकर जगमग कर लो आंगन सारा पर पड़ोसी के घर भी रह ना पाए अंधियारा दीपावली की शुभकामना के साथ आप सब को मेरा प्रणाम।

कार्यक्रम समापन पर गुरू जी महाराज का चंदन वंदन माल्यार्पण कर गुरू जी महाराज का और राज श्यामा जी (राधा-कृष्ण) भगवान की आरती कर गुरू जी सदानंद जी महाराज ने वहा उपस्थित सभी शिष्यों एव आये हुए श्रद्धालुओ के बीच प्रसाद का वितरण कर आज के दिपावली मिलन समारोह को सम्पन्न किया। और गुरू जी महाराज हवाई मार्ग से अपने होने वाले आज के सत्संग के कार्यक्रम हेतु कलकता के लिए प्रस्थान कर गये। गुरूजी महाराज रांची से हवाई मार्ग से चल कर कलकता एव बैंगलोर के लिए प्रस्थान करेगे।

इस कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष डूंगरमल अग्रवाल उपाध्यक्ष निर्मल जालान, राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल,विजय अग्रवाल, नवल किशोर अग्रवाल, विशाल जालान, नन्द किशोर चौधरी, शिव भगवान अग्रवाल, अमित पोद्दार, सज्जन पाडिया, चिरंजी लाल खंडेलवाल, पूरणमल सर्राफ ओम प्रकाश सरावगी, विशाल जालान, सुरेश अग्रवाल, सुरेश भगत, सुरेश चौधरी, दिलीप अग्रवाल, आलोक सिंह, धीरज गुप्ता, रमेन्द्र पाण्डेय एवं महिला मंडल की विद्या देवी अग्रवाल विमला जालान, शोभा जालान, आशा मुंजाल, संतोष देवी अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, सरिता अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, ललिता पोद्दार, रेखा पोद्दार, सरोज पोद्दार, शारदा पोद्दार, अमिता जालान, चंदा देवी अग्रवाल एवं गुरु जी के शिष्य और संस्था के भी बहुत से सदस्य उपस्थित थे।
                                                                                                                           

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