कोई काम नहीं है मुश्किल, जब किया इरादा पक्का : गुड़िया झा
ईश्वर ने हम सभी को बुद्धिमान बनाने के साथ भरपूर क्षमताओं से भी नवाजा है। यह बात अलग है कि कई बार हमें अपनी वास्तविक क्षमता का पता नहीं चलता है और हम गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं। परिस्थितियां चाहे जो भी रही हों। जब तक हम नहीं चाहेंगे तब तक किसी भी प्रकार की नकारात्मक बातें हमारे भीतर प्रवेश नहीं कर सकती हैं।
1 समुद्री जहाज से एक सीख। एक समुद्री जहाज को ही लें। समुद्र में सफर करते समय अरबो लीटर गैलन पानी उस जहाज को तब तक डुबो नहीं सकता जब तक कि जहाज उस पानी को अपने भीतर आने ना दें।
लोग क्या सोचेंगे और बोलेंगे इतना टेंशन लेना हमारा काम नहीं है। हमारा काम है कि हमसे कोई गलती ना हो । सच्चाई, मेहनत और ईमानदारी से काम करते हुए स्वयं और सबके हित का ध्यान रखते हुए आगे बढ़ना।
जो कि ज्यादा मुश्किल भी नहीं है। इसके लिए हमें खुद ही प्रयत्न करना होगा।
2 मजबूत इच्छा शक्ति।
किसी भी गलत आदत को छोड़ने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति का होना बहुत जरूरी है। जैसे- छोटी-छोटी बातों को दिल से लगाना, बेवजह गुस्सा करना, अपनी गलती स्वीकार नहीं करना , आलस्य आदि
जिस समस्या का समाधान बहुत ही आसानी से हो सकता है, उस पर आक्रोशित होकर काम करना क्या हमारे लिए फायदेमंद है?
गुस्सा आना गलत बात नहीं है लेकिन यह भी जानना जरूरी है कि कहां पर हमें अपना गुस्सा जाहिर करना है और कहां पर नहीं।
अपनी गलत आदतों के जिम्मेदार हम खुद ही होते हैं। इससे किसी दूसरे का नहीं बल्कि हमारा खुद का ही नुकसान होता है। जब हम इसके फायदे पर ध्यान देंगे तो सम्भवतः हमें अपनी आदतों में सुधार के अवसर भी दिखाई देंगे। बेहतर होगा कि इसके बारे में परिजनों और दोस्तों की मदद लें।
3 छोटी शुरूआत करें।
अपनी जिन आदतों को हम छोड़ना चाहते हैं और जब उन्हीं के अनुकूल माहौल में रहते हैं, तो उन्हें छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
जैसे- अपना वजन कम करने के इच्छुक व्यक्ति यदि घर में तमाम मीठी, तली-भुनी और सेहत के लिए हानिकारक चीजें रखते हैं, तो मन खाने को जरूर करेगा। इसी प्रकार नशा करने वाला व्यक्ति यदि वैसे ही लोगों के बीच उठता-बैठता रहेगा, तो अपनी आदतों से पीछा छुड़ाना थोड़ा मुश्किल है।
इसलिए आदत डालने वाले माहौल में बदलाव बहुत जरूरी है।
स्वयं के आकलन से हम यह समझ पाते हैं कि गलती कहां हो रही है। इसका सबसे प्रभावशाली तरीका है खुद से कुछ सवाल पूछना।
जैसे कई बार जब हम तनाव की स्थिति में होते हैं तो बाहर निकल कर हमारा मन खरीदारी का करता है। तो थोड़ा रूक कर पहले सोचें कि अमुक वस्तु की जरूरत हमें है भी या नहीं?
उसके अलावा हम कुछ भी ऐसा काम करें जिससे कि खुशी महसूस हो। जैसे - कहीं टहलने जाना, किसी से बातें करना आदि। इससे हम महसूस करेंगे कि हमारा तनाव भी दूर होता है।
खुद में विश्वास भी बहुत जरूरी है।